
- राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर के बीच सियासी मुकाबला नजर आ रहा है.
- शनिवार को राघोपुर पहुंचे प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव पर विकास न करने और सेटिंग से जीतने का आरोप लगाया.
- राघोपुर में हर साल बाढ़ आती है, यहां सड़क, स्कूल तथा स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति खराब है.
Raghopur Assembly Seat Bihar: गंगा के बीच बसा वैशाली जिले का राघोपुर इलाका इन दिनों सियासी चर्चाओं के केंद्र में हैं. RJD का गढ़ कहे जाने वाले राघोपुर सीट से इस बार जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर के चुनाव लड़ने की चर्चा है. फिलहाल यहां से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधायक हैं. तेजस्वी के राघोपुर से फिर से चुनावी मैदान में उतरने की बात है. ऐसे में राघोपुर की लड़ाई इस बार तेजस्वी VS प्रशांत किशोर होने के कारण सबसे VVIP सीट बन चुका है. शनिवार को जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर यहां पहुंचे. पीके को यहां लोगों का जोरदार साथ मिला. उन्हें लड्डूओं से तौला गया. राघोपुर की महिलाएं, युवा, बुर्जुग ने पीके से गर्मजोशी से मुलाकात की.
दरअसल शनिवार को जन सुराज के नेता बने प्रशांत किशोर (PK) ने तेजस्वी यादव के गढ़ राघोपुर में एंट्री कर दी. यह वहीं सीट है, जहां से तेजस्वी यादव ने दो बार विधानसभा चुनाव जीता और दो बार बिहार के उपमुख्यमंत्री बने. लेकिन प्रशांत किशोर की राघोपुर की इस यात्रा ने बिहार की राजनीति में नई हलचल मचा दी है.
“विकास नहीं, सिर्फ सेटिंग से जीतते हैं तेजस्वी”
राघोपुर पहुंचने पर पीके ने कहा, “यह वही जगह है, जहां से जीत कर तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने थे, लेकिन यहां की जनता के बच्चों के लिए स्कूल नहीं बना है. तेजस्वी यादव को डरना चाहिए क्योंकि उन्होंने यहां विकास नहीं किया है. वह सेटिंग करके चुनाव जीतते हैं, जो इस बार होने वाला नहीं है.”
पीके ने राघोपुर से चुनाव लड़ने पर कहा कि पार्टी निर्णय लेगी कि वहां से चुनाव लड़ना है या नहीं. लेकिन अब हालत यह है कि सभी हमसे डर रहे हैं. डर इतना है कि तेजस्वी यादव भी दो जगह से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.

राघोपुर में लोगों का अभिभावन स्वीकारते प्रशांत किशोर.
जन सुराज की तैयारी– “तेजस्वी के घर में सेंध”
राघोपुर की यात्रा को जन सुराज की रणनीति का अहम हिस्सा बताया जा रहा है. पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि जन सुराज अब “तेजस्वी यादव के घर में सेंध लगाने” की तैयारी में है. स्थानीय स्तर पर अभियान पहले से तेज कर दिया गया है और बड़ी संख्या में लोग जन सुराज से जुड़ते दिख रहे हैं.
राघोपुर पहुंचने पर पीके का जोरदार स्वागत
शनिवार को प्रशांत किशोर के राघोपुर पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया. लोगों ने उन्हें लड्डू से तराजू पर तोलकर स्वागत किया. जन सुराज समर्थकों की भारी भीड़ सड़क किनारे जमा थी, और “जन सुराज ज़िंदाबाद” के नारे लग रहे थे.
“अगर मैं बाहरी हूं, तो तेजस्वी भी बाहरी हैं”
राघोपुर में कुछ लोगों द्वारा “बाहरी” कहे जाने पर पीके ने पलटवार करते हुए कहा – “अगर मैं बाहरी हूं तो तेजस्वी यादव भी बाहरी हैं. वह गोपालगंज के हैं और यहाँ से चुनाव लड़ते हैं. जनता को यह तय करना होगा कि अब विकास चाहिए या सिर्फ परिवारवाद.”

राघोपुर में पीके के पहुंचने पर लगी लोगों की भारी भीड़.
गरीबी और बाढ़ से बेहाल राघोपुर
उल्लेखनीय हो कि राघोपुर वैशाली जिले का इलाका है, जो गंगा के बीच के क्षेत्र में स्थित है. हर साल यहां बाढ़ की समस्या आती है, जिससे किसानों और आम लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. पीके ने कहा कि इतने सालों से यह क्षेत्र बिहार के डिप्टी सीएम का गढ़ है, लेकिन यहाँ की सड़कों, स्कूलों और स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत बेहद खराब है.
पीके ने यह भी कहा, “इस इलाके में इतनी गरीबी है, इसे दिखाने मैं यहां आया हूं. तेजस्वी को डरना चाहिए कि उन्होंने इस इलाके की बदहाल व्यवस्था के लिए कोई काम नहीं किया.”

राघोपुर के लोगों से सीधा संवाद करते प्रशांत किशोर.
लोगों से सीधा संवाद, भीड़ में जोश
प्रशांत किशोर ने राघोपुर में जनसंवाद किया, जहाँ महिलाओं और युवाओं की अच्छी संख्या दिखी. जनता से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जन सुराज का मकसद किसी पार्टी या व्यक्ति को हराना नहीं, बल्कि “बदलाव की राजनीति” शुरू करना है. उन्होंने कहा, “हम यहाँ जनता से मिलने आए हैं. चुनाव लड़ना है या नहीं, यह पार्टी बाद में तय करेगी. लेकिन आज जो माहौल है, उससे साफ है कि जनता बदलाव चाहती है.”
राघोपुर का राजनीतिक महत्व और “लालू परिवार” का दबदबा
राघोपुर सीट को अक्सर VIP सीट कहा जाता है क्योंकि यहां लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव जीतते आए हैं. लालू प्रसाद यादव ने इस सीट से विधानसभा सीट से 1995 और 2000 में जीत हासिल की. इसके बाद उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने भी फरवरी 2005 और अक्टूबर 2005 में हुए दोनों चुनावों में जीत हासिल की.
लेकिन, 2010 में इस परंपरा टूटी जब सतीश कुमार (झदयू / NDA उम्मीदवार) ने राबड़ी देवी को हराया. 2015 में तेजस्वी यादव (RJD) ने पहली बार इस सीट से चुनाव लड़ा और जीता. 2020 में तेजस्वी यादव ने फिर से जीत दर्ज की, BJP के सतीश कुमार को लगभग 38,174 वोटों के अंतर से हराया.
तेजस्वी लगाएंगे हैट्रिक या पीके करेंगे खेला?
कांग्रेस इस सीट पर पहले सक्रिय थी; 1970-80 के दशक में अमरेन्द्र मिश्रा जैसे कांग्रेस नेता इस सीट से जीते. “भोला राय” नाम के एक नेता ने इस सीट से कई बार सफलता पाई थी। बाद में उन्होंने लालू प्रसाद यादव को सीट खाली कर दी थी. लेकिन हाल की राजनीतिक हलचल ने फिर से एक बार राघोपुर को बिहार का हॉट सीट बना दिया है. अब देखना होगा की क्या पीके तेजस्वी के घर में घर सेंध लगा पाते हैं या तेजस्वी इस बार यहां से हैट्रिक मारेंगे.
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