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CM नीतीश के 'खास' विजय चौधरी की कहानी: कांग्रेस से शुरू हुआ राजनीतिक सफर, अब चौथी बार लड़ेंगे चुनाव

विजय चौधरी ने 1982 के उपचुनाव में दलसिंहसराय से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. 1985 और 1990 में वे कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने. 1990 में जीत के बाद वे विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के उपसचेतक नियुक्त हुए और तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के करीबी माने गए.

CM नीतीश के 'खास' विजय चौधरी की कहानी: कांग्रेस से शुरू हुआ राजनीतिक सफर, अब चौथी बार लड़ेंगे चुनाव
  • विजय कुमार चौधरी बिहार की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी हैं.
  • विजय चौधरी 6 बार विधानसभा सदस्य रह चुके हैं और वर्तमान में राज्य के जल संसाधन मंत्री के पद पर कार्यरत हैं.
  • अपने पिता के निधन के बाद राजनीति में आए विजय चौधरी ने कांग्रेस से शुरुआत कर जदयू में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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पटना:

बिहार की राजनीति में जदयू के कद्दावर नेता और CM नीतीश कुमार के भरोसेमंद सहयोगी विजय कुमार चौधरी का नाम एक अहम स्थान रखता है. अपने सधे राजनीतिक अनुभव और शांत स्वभाव के लिए जाने जाने वाले विजय चौधरी अब सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र से लगातार चौथी बार चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं. विजय चौधरी अब तक 6 बार बिहार विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं. वे विधानसभा अध्यक्ष से लेकर कई अहम विभागों जैसे जल संसाधन, वित्त, शिक्षा, सूचना एवं जनसंपर्क और ग्रामीण विकास के मंत्री रह चुके हैं. वर्तमान में वे राज्य के जल संसाधन मंत्री हैं.

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राजनीतिक सफर : 43 वर्षों की सक्रियता

विजय चौधरी ने 1982 के उपचुनाव में दलसिंहसराय से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. 1985 और 1990 में वे कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने. 1990 में जीत के बाद वे विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के उपसचेतक नियुक्त हुए और तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के करीबी माने गए. 1995 और 2000 में जनता दल से चुनाव हारने के बाद उन्होंने 2005 में जदयू का दामन थामा. पहले पार्टी के महासचिव बने और फिर प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला. इसके बाद उनका राजनीतिक कद लगातार बढ़ता गया. 2010 में सरायरंजन विधानसभा सीट से उन्होंने राजद प्रत्याशी रामाश्रय सहनी को 17,754 मतों से हराकर जोरदार वापसी की. उनके नेतृत्व में हुए चुनावों में राजग को उल्लेखनीय सफलता मिली. तब से वे लगातार तीन बार इस सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं.

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पिता की विरासत से राजनीति में कदम

विजय चौधरी के पिता जगदीश प्रसाद चौधरी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक रहे. 1982 में उनके निधन के बाद विजय चौधरी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में पीओ की नौकरी छोड़ राजनीति में प्रवेश किया. SBI में बतौर पीओ उन्होंने दो साल नौकरी भी की. विजय चौधरी राजनीतिक घराने से ही आते हैं और यही एक बड़ी वजह है जो उन्होंने कभी सियासी गलियारे में अपना कदम रखा. विजय चौधरी के पिता जगदीश प्रसाद चौधरी दलसिंहसराय से विधायक थे. 1982 में उनका निधन हो गया और ये सीट खाली हो गयी. परिसीमन के बाद दलसिंहसराय विधानसभा क्षेत्र अब उजियारपुर विधानसभा क्षेत्र के अधीन आ गया है.

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2025 का चुनाव : विकास होगा मुख्य मुद्दा

सूत्रों के अनुसार विजय चौधरी 16 अक्टूबर को नामांकन दाखिल कर सकते हैं. क्षेत्र में उनकी पहचान विकास कार्यों और सौम्य व्यवहार के लिए है. CM नीतीश कुमार ने हमेशा उन्हें बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी हैं और 2025 के चुनाव में भी वे विकास के एजेंडे के साथ जनता के बीच उतरने की तैयारी में हैं. अपने सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज खोलवाया. इसके अलावे और भी अन्य विकासात्मक कार्य को लेकर वह जनता के बीच जाएंगे.

अविनाश कुमार के इनपुट के साथ

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