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बिहार चुनाव: चिन्ह को लेकर ट्विस्ट, दिल्ली से आए बड़े नेताजी, पुराने ने आनन फानन में कर डाला नामांकन

साबिर अली वर्ष 2008-14  तक जेडीयू कोटे से राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं. उसके बाद वे लोजपा और भाजपा में भी रह चुके हैं.

बिहार चुनाव: चिन्ह को लेकर ट्विस्ट, दिल्ली से आए बड़े नेताजी, पुराने ने आनन फानन में कर डाला नामांकन
पूर्णिया:

राजनीति के रंग भी बड़े निराले होते हैं. कभी यहां शतरंज के बिसात पर मोहरे बिछाने होते हैं तो चाहे-अनचाहे यहां सांप -सीढ़ी के खेल से भी गुजरना पड़ता है. एक नेताजी जो लंबे समय से सीमांचल के पिछड़े इलाके अमौर से कभी राजद तो कभी भाजपा और बहरहाल जेडीयू की राजनीतिक सवारी करते रहे हैं, उनके टिकट को लेकर शनिवार को नया ट्विस्ट आ गया. दरअसल, एक नए नेता जी जो बिहार से लेकर दिल्ली तक भाजपा ,जेडीयू, लोजपा की नेतागिरी कर चुके हैं और  शनिवार को अचानक हवाई जहाज से पूर्णिया पहुंचकर फिर से जेडीयू की सदस्यता ग्रहण कर लिया. इसके बाद से ही चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया कि दिल्ली से आने वाले नेताजी पूर्व सांसद साबिर अली अमौर विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू के प्रत्याशी होंगे. अमौर वाले नेताजी मो सबा जफर भी मंजे हुए खिलाड़ी निकले, राजनीतिक नजाकत को समझते हुए दो दिन पहले मिले चुनाव चिन्ह के साथ शनिवार को नामांकन का पर्चा दाख़िल कर दिया. देखना दिलचस्प होगा कि सबा जफर को लेकर पार्टी क्या फ़ैसला लेती है.

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कौन हैं साबिर अली, क्यों आए पूर्णिया

साबिर अली वर्ष 2008-14  तक जेडीयू कोटे से राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं. उसके बाद वे लोजपा और भाजपा में भी रह चुके हैं. वे मूल रूप से बिहार के रक्सौल के निवासी हैं लेकिन दिल्ली उनका कार्यक्षेत्र रहा है. वे दिल्ली प्रदेश जेडीयू के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।श्री अली ने शनिवार को पूर्णिया पहुंचकर बिहार सरकार की काबीना मंत्री लेशी सिंह के आवास पर जेडीयू की सदस्यता ग्रहण कर किया. अली का अचानक पूर्णिया आना और यहां पार्टी जॉइन करने के साथ ही कयासों का दौर शुरू हो गया कि क्या श्री अली अमौर से जेडीयू प्रत्याशी होंगे. हालांकि, अली ने सिर्फ इतना ही कहा कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेवारी देगी उसका निर्वहन करेंगे. 

पूर्व विधायक सबा जफर ने जेडीयू प्रत्याशी के रूप में किया नामांकन

पूर्व विधायक मो सबा जफर वर्ष 2010 में भाजपा के अमौर से विधायक रह चुके हैं और उसके बाद उन्होंने जेडीयू का दामन थाम लिया. वर्ष 2015 में श्री जफर जेडीयू के उम्मीदवार बने लेकिन कांग्रेस के जलील मस्तान से हार गए और फिर वर्ष 2020 में एआईएमआईएम के मो अख्तरुल ईमान के हाथों पराजित हो गए. इस बार उन्हें फिर से पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित किया लेकिन शनिवार को परिस्थितियां अचानक बदल गई. कयासों के दौर के बीच जफर ने अमौर से जेडीयू प्रत्याशी के रूप में नामांकन का पर्चा दाखिल कर दिया. इसके बाद से सीमांचल की राजनीति अचानक गरमा गई.

सबा जफर ने कहा वे ही हैं जेडीयू प्रत्याशी, जिलाध्यक्ष ने कहा रद्द होगा नामांकन

एनडीटीवी से बातचीत में पूर्व विधायक सबा जफर ने कहा कि वे ही जेडीयू के प्रत्याशी हैं और सिंबल मिलने के बाद नामांकन का पर्चा दाखिल किया है. कहा कि उन्हें माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आशीर्वाद प्राप्त है. उन्हें नही पता कि साबिर अली अमौर से उम्मीदवार होंगे, उन्हें इस बाबत किसी तरह की सूचना नही है. साथ ही उन्होंने कहा कि उनके साथ पार्टी के ही कुछ लोग और कुछ विपक्षी दल के लोग साजिश कर रहे हैं और इस तरह का अफवाह फैला रहे हैं.यह भी कहा कि नाम वापसी का आदेश मिलने पर विचार करेंगे कि वे नाम निर्देशन वायस लेंगे या नही. जबकि जेडीयू जिलाध्यक्ष प्रकाश सिंह पटेल ने कहा कि पार्टी के प्रत्याशी साबिर अली होंगे और जफर का सिंबल पार्टी द्वारा वापस लिया जाएगा. जाहिर है, अमौर की राजनीति दिलचस्प ही नही विवादों के दौर में पहुंच चुकी है. 

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