विज्ञापन

इस बार सीमांचल के मीठे आमों का स्वाद नहीं ले पाएंगे बांग्लादेशी, वजह जानकर आप भी रह जाएंगे दंग

बांग्लादेश से हो रही अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए भारत सरकार ने एक्शन लेते हुए बॉर्डर सील किए गए हैं. ऐसा होने इस बार सीमांचल का आम आसानी से बांग्लादेश के बाजार तक नहीं पहुंच पा रहा हैं.

इस बार सीमांचल के मीठे आमों का स्वाद नहीं ले पाएंगे बांग्लादेशी, वजह जानकर आप भी रह जाएंगे दंग
व्यापारी कालिदास बनर्जी ने कहा कि राष्ट्रहित सबसे पहले है, हम सरकार के साथ
कटिहार:

भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में आए तनाव का असर इस बार सीमांचल के आम के बगीचों पर भी देखने को मिल रहा है. दरअसल इस बार इस इलाके में आम का फलन ज्यादा हुआ है. इस साल को आम के बगीचे से जुड़े लोग "मैंगो एयर" भी कह रहे हैं. लेकिन इस वर्ष अच्छी फसल होने के बाद भी सीमांचल के कटिहार, पूर्णिया अररिया और किशनगंज जिला से बांग्लादेश के बाजार तक भारी मात्रा में आम नहीं पहुंच रहे हैं. दरअसल जब भारत और बांग्लादेश के रिश्ते सही चल रहे थे, तब यहां के आग बांग्लादेश भेजे जाते थे. बांग्लादेश भारत के आमों को री-पैकिंग कर बांग्लादेशी आम कहकर अन्य देशों में बेचता  था.

मगर रिश्तों में आए तनाव के बीच कई घुसपैठ वाले बॉर्डर सील कर दिए गए हैं. ऐसा होने से सीमांचल का आम आसानी से बांग्लादेश के बाजार तक नहीं पहुंच पा रहा हैं. कटिहार के आम बगीचे से जुड़े बड़े व्यापारी कालिदास बनर्जी कहते हैं कि बाजार पर असर तो है. लेकिन राष्ट्रहित सबसे पहले है. इसलिए सरकार का निर्णय के साथ आम व्यापारी है.

स्थानीय जानकार कहते हैं बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद आम के अच्छे पैदावार के लिए खास पहचान रखने वाले कटिहार के आम बगीचा पर बड़ा असर है. लेकिन राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए यह जायज काम है. अधिक आम उपज के कारण दाम नहीं मिलने की बात पर इनका कहना है कि किसान इससे खास परेशान नहीं है. किसान देश के ही अन्य राज्यों में वैकल्पिक बाजार को ढूंढ कर इसे खपने की कोशिश कर रहे हैं,  
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com