
- बिहार में वोटर लिस्ट के स्पेशल रिवीजन पर विवाद के बीच जेडीयू सांसद ने चौंकाने वाला बयान दिया है.
- बांका से सांसद गिरिधारी ने कहा कि SIR की प्रक्रिया कम से कम छह महीने तक चलनी चाहिए.
- यादव ने कहा कि आज उनकी पार्टी एनडीए के साथ है, लेकिन कल फिर से महागठबंधन में जा सकती है.
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (special intensive revision - SIR) को लेकर संसद और बिहार विधानसभा में लगातार हंगामा हो रहा है. विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर रोज़ाना विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. इस बीच बिहार के बांका लोकसभा क्षेत्र से जेडीयू के सांसद गिरिधारी यादव ने चुनाव आयोग और SIR की प्रक्रिया पर सवाल उठाया है.
'चुनाव आयोग ने कम समय दिया'
एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में गिरिधारी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग ने SIR के लिए बहुत कम समय दिया, जिसकी वजह से लोगों को बहुत परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि ग़रीब और अनपढ़ लोगों के प्रति चुनाव आयोग को अपना दायित्व निभाना चाहिए. जेडीयू सांसद ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग व्यवहारिकता को नहीं समझता है और उसे SIR की प्रक्रिया के लिए और ज़्यादा समय देना चाहिए था.
#EXCLUSIVE | बिहार वोटर लिस्ट: जदयू सांसद गिरिधारी यादव ने चुनाव आयोग और SIR की प्रक्रिया पर क्यों उठाए सवाल?
— NDTV India (@ndtvindia) July 23, 2025
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'...ऐसे तो लोकसभा चुनाव भी अवैध है'
बांका से सांसद ने SIR प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोकसभा में इसी मतदाता सूची के आधार पर चुनाव हुआ था, इसलिए इसी सूची से विधानसभा चुनाव क्यों नहीं हो सकता? उन्होंने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव फर्जी मतदाता सूची के आधार पर हुआ था तो उनका चुनाव भी अवैध है और अगर ऐसा है तो वो इस्तीफ़ा देने को तैयार हैं.
'छह महीने तक चले SIR की प्रक्रिया'
गिरिधारी यादव ने बातचीत में कहा कि चुनाव आयोग को SIR की प्रक्रिया को कम से कम छह महीने तक करना चाहिए ताकि योग्य मतदाताओं को ज़रूरी दस्तावेज़ जमा करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके और उन लोगों के नाम हटाए जा सकें, जिनके पास वैध मतदान का अधिकार नहीं है.
'JDU आज NDA में, कल महागठबंधन में जा सकती है'
गिरिधारी यादव से जब एनडीटीवी ने पूछा कि उनकी अपनी पार्टी जेडीयू और एनडीए गठबंधन SIR का समर्थन कर रहा है तो उन्होंने एक चौंकाने वाला जवाब दिया. यादव ने कहा कि वह और उनकी पार्टी समाजवादी विचारधारा से आते हैं, जो गरीबों के लिए लड़ती है. ऐसे में आज उनकी पार्टी एनडीए के साथ है, लेकिन कल फिर से महागठबंधन में जा सकती है.
गिरिधारी यादव के इस बयान के राजनीतिक गलियारों में कई मतलब निकाले जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि SIR पर उनके विचार निजी हैं, जो एक सांसद के तौर पर वह दे रहे हैं.
'दस्तावेज जमा करने में लग गए 10-11 दिन'
गिरिधारी यादव ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें दस्तावेज़ इकट्ठा करने में 10-11 दिन लग गए थे. ऐसे में वह बाक़ी लोगों को हो रही तकलीफ़ का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि उनका एक बेटा अमेरिका में रहता है और उन्हें नहीं पता कि वह बिहार में मतदाता रहेगा या नहीं.
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