बिहार में अब स्कूली बच्चे ऑटो और ई-रिक्शा से स्कूल नहीं जा सकेंगे. राज्य सरकार ने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक बड़ा फैसला लिया है. परिवहन विभाग और बिहार पुलिस मुख्यालय की तरफ से इसे लेकर संयुक्त रूप से आदेश जारी किया गया है. जिसके अनुसार 1 अप्रैल 2025 से स्कूली बच्चों के परिवहन के लिए ऑटो और ई-रिक्शा के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह कदम राज्य में बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए शुरू किया गया है.
आदेश के मुताबिक, ऑटो और ई-रिक्शा में बच्चों की सुरक्षा के लिए कोई खास इंतजाम नहीं होते. अक्सर इनमें क्षमता से अधिक बच्चों को बिठाया जाता है और यातायात नियमों का उल्लंघन भी देखा जाता है. हाल के वर्षों में बिहार में कई दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें स्कूली बच्चों को ले जा रहे ऑटो और ई-रिक्शा शामिल थे. इन हादसों ने बच्चों की जान को खतरे में डाला और अभिभावकों में चिंता बढ़ा दी. परिवहन विभाग का कहना है कि यह प्रतिबंध बच्चों की जान बचाने और सड़क सुरक्षा को बेहतर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
हालांकि, इस फैसले से राज्य भर में हजारों ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की आजीविका पर असर पड़ने की आशंका है. पटना जैसे शहरों में करीब 4000 ऑटो-टोटो स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने का काम करते हैं. चालकों का कहना है कि सरकार को वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए. दूसरी ओर, स्कूल प्रबंधनों पर अब सुरक्षित और लाइसेंस प्राप्त वाहनों का इंतजाम करने की जिम्मेदारी होगी.
ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव राज कुमार झा और ऑटो रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष पप्पू यादव ने इस फैसले का समर्थन किया है. उनका कहना है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है. परिवहन विभाग ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को इस नियम का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है.
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