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गया टाउन: बीजेपी के दबदबे वाले गयाजी में इस बार कौन मारेगा बाजी... 

साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में गया टाउन सीट पर बीजेपी के प्रेम कुमार विजेता रहे थे और उन्‍हें करीब 66,932 वोट हासिल हुए थे. कांग्रेस के अखौरी ओंकार नाथ रनर अप रहे थे.

गया टाउन: बीजेपी के दबदबे वाले गयाजी में इस बार कौन मारेगा बाजी... 
  • गया टाउन विधानसभा क्षेत्र बिहार के गया जिले में स्थित है और लोकसभा क्षेत्र गया के अंतर्गत आता है.
  • यहां शहरी और ग्रामीण दोनों का मिश्रण है जहां सड़क, ट्रैफिक, स्वच्छता और पब्लिक ट्रांसपोर्ट अहम मुद्दे हैं.
  • धार्मिक और पर्यटन महत्व इस क्षेत्र की इंफ्रास्ट्रक्चर और नागरिक सुविधाओं से जुड़े मुद्दों को बढ़ाता है.
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पटना:

गया टाउन विधानसभा क्षेत्र बिहार के गया जिले में स्थित एक जनरल सीट है. यह विधानसभा क्षेत्र लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र गया (लोकसभा क्षेत्र) के अंतर्गत आता है. निर्धारित मतदाता संख्या साल 2020 चुनाव के समय करीब लगभग 2,69,781 तक थी. विधानसभा संख्‍या 230 के तहत आने वाले गयाटाउन में 11 नवंबर को वोटिंग होनी है. 

शहरी क्षेत्र है गया 

गया टाउन एक शहरी दबदबे वाला क्षेत्र है और शहर के अंदर और करीब के इलाके इसमें शामिल हैं. इसलिए ग्रामीण और शहरी परिस्थितियों का मिश्रण देखने को मिलता है. शहरी विकास मसले जैसे सड़क-मार्ग, ट्रैफिक व्यवस्था, स्वच्छता, इनफ्रास्‍ट्रक्‍चर, पब्लिक ट्रांसपोर्ट यहां पर अहम हैं. साथ ही, गया शहर का विशेष धार्मिक-पर्यटन महत्व (बोध गया, विष्णुपद मंदिर) भी आसपास होने के कारण, इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्ट और नागरिक सुविधा के दूसरे मसले उठते रहते हैं. 

जातिगत समीकरण इस सीट पर भी मायने रखते हैं, शहर की विविध आबादी में विभिन्न जाति-समुदायों का प्रभाव है, चुनावी रणनीतियों में यह तथ्य देखा गया है. इस सीट पर प्रमुख दलों — जैसे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी ) और भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस, की प्रतिद्वंद्विता हमेशा से चर्चा का विषय रही है. 

हर बार बीजेपी बनी है विजेता 

साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में गया टाउन सीट पर बीजेपी के प्रेम कुमार विजेता रहे थे और उन्‍हें करीब 66,932 वोट हासिल हुए थे. कांग्रेस के अखौरी ओंकार नाथ रनर अप रहे थे और उन्‍हें करीब 55,034 वोट मिले थे. वहीं जीत का अंतर करीब 11,898 वोटों का था. प्रेम कुमार का वोट-शेयर करीब 49.9 फीसदी रहा. कहा जा स‍कता है कि इस सीट पर मुकाबला अपेक्षाकृत कड़ा था. जीतने वाले को करीब आधे वोट हासिल किए लेकिन विरोधी ने भी मजबूत वोट-शेयर दिखाया. 

साल 2010 में प्रेम कुमार को 55,618 वोट मिले थे. वहीं साल 2015 में उनका वोट-शेयर 51.82 फीसदी था जबकि जीत का मार्जिन 22,789 वोट था. इससे पहले साल 1985 में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी, बाद में इस सीट पर बीजेपी की मजबूत पकड़ बनी हुई है. 

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