बेगूसराय में 20 साल पहले कांग्रेस नेता की हत्या हुई थी. उस हत्या में बीजेपी नेता समेत कई लोग शामिल थे. इसी मामले में कोर्ट ने भाजपा नेता सहित 12 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. यह पूरा मामला बेगूसराय के शाम्हो थाना क्षेत्र का है. 2004 में पैक्स अध्यक्ष और कांग्रेस नेता सहित दो लोगों की हत्या मामले में भाजपा नेता सहित 12 आरोपियों को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शबा आलम ने इस मामले में लंबे समय तक चली बहस तथा 10 गवाहों की गवाही के बाद आज सजा सुनाई है. न्यायालय ने इस दोहरे हत्याकांड में शाम्हो थाना के अकबरपुर पुरानी डीह निवासी रोशन सिंह, रविंद्र सिंह, रणधीर कुमार उर्फ दुखा, सुनील सिंह, सुधीर सिंह, संजीव सिंह, मिथिलेश सिंह,कोमल सिंह, शालीग्राम सिंह, अनिल सिंह, मनोज सिंह और रंजीत सिंह को भारतीय दंड विधान की धारा 302,148,149 में दोषी करार दिया है और उम्र कैद की सजा सुनाई है.
अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक दिलीप कुशवाहा ने कुल 10 गवाहों की गवाही कराई जबकि सूचक की ओर से अधिवक्ता शाह इज्जूर रहमान ने न्यायालय में सूचक का पक्ष रखा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता मंसूर आलम, शशि भूषण झा, राजेश सिंह ने आरोपित का पक्ष न्यायालय में रखा. आपको बता दें कि इस दोहरे हत्याकांड में सभी आरोपित वर्ष 2015 में जिला न्यायालय से रिहा किये जा चुके थे.
सूचक ने जिला जज के रिहाई आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल किया था.जिसमें हाईकोर्ट ने फिर से मुकदमे को खोलते हुए चार महीने के अंदर मामले को निष्पादन करने का आदेश जिला न्यायालय को दिया था.यह मामला सुप्रीम कोर्ट न्यायालय तक पहुंची थी जिस कारण यह मामला जिले का चर्चित मामला बना हुआ था और सब की निगाहें इस दोहरे हत्याकांड में दूसरी बार हो रहे सुनवाई पर टिकी थी कि अबकी बार न्यायालय क्या फैसला सुनाती है. दूसरी बार हो रही सुनवाई में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सवा आलम के द्वारा इस दोहरे हत्याकांड में सभी 12 आरोपित को दोषी करार दिया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
क्या कहा अपर लोक अभियोजक
वहीं अपर लोक अभियोजक दिलीप कुमार ने बताया कि बेगूसराय न्यायालय ने आज ऐतिहासिक और अभूतपूर्व फैसला सुनाया है. भाजपा नेता मिथिलेश सिंह सहित 12 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई. पहली बार ऐसा हुआ है कि जिस जिला न्यायालय ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था, उस न्यायालय में फिर से शुरू हुई सुनवाई में सभी आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई.
एडीजे-4 ने सभी 12 आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. राजनीतिक कारणों से यह हत्या हुई थी, जिसके बाद मामला जमीन विवाद में बदल गया था. पहले इस मामले में सुनवाई के दौरान 2015 में सभी आरोपी को बरी कर दिया गया था. उसके बाद सूचक हाई कोर्ट गए. हाई कोर्ट ने केस को री-ओपन करने का आदेश दिया तो आरोपी सुप्रीम कोर्ट चले गए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी री-ओपन करने के फैसले को बरकरार रखा. जिसके बाद हुई सुनवाई में आज सजा सुनाई गई.
आखिर क्या था पूरा मामला
आपको बताते चलें हैं कि अकबरपुर पुरानी डीह निवासी मुकेश सिंह ने नयागांव थाना कांड संख्या 13/ 2004 मामला दर्ज कराते हुए सभी आरोपित पर आरोप लगाया कि दिनांक 8 मार्च 2004 को रात्रि 8:00 बजे में शाम्हो प्रखंड अंतर्गत अकबरपुर पुरानी डीह गांव के ठाकुरबाड़ी के पास मुकेश सिंह के भाई सिपुल सिंह और ललन सिंह को घेर कर आरोपितों ने गोली मारकर हत्या कर दिया था. घटना के बावत मृतक के भाई ने केस में कहा कि वह अपने भाई कांग्रेस नेता और पैक्स अध्यक्ष ललन सिंह एवं चचेरा भाई सिपुल सिंह के साथ अग्निकांड के बीच राहत सामग्री बांटकर घर लौट रहे थे. तभी ठाकुरबाड़ी के समीप मिथिलेश सिंह सहित सभी आरोपियों ने घेर कर रोक लिया और गोलीबारी शुरू कर दी. मैं किसी तरह गाड़ी पर से कूद कर झाड़ी में जाकर छुप गया. इसके बाद आरोपियों ने दोनों की गोली मारकर हत्या करने के बाद धारदार हथियार से काटा भी था और रायफल लूट लिया.
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