लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव और शरद यादव (फाइल फोटो)
लखनऊ:
बिहार चुनाव से पहले मुलायम सिंह यादव ने लालू-नीतीश के साथ हुआ गठबंधन तोड़ दिया है। महागठबंधन में शामिल रही समाजवादी पार्टी ने फैसला लिया है कि वह राज्य में अलग से चुनाव लड़ेगी। पार्टी अन्य दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का भी मन बना रही है और इसके लिए अन्य दलों से भी बातचीत की जा रही है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पार्टी के पार्लियामेंट्री बोर्ड ने निर्णय लिया है कि वह बिहार में अलग से चुनाव लड़ेगी। पार्टी पूरी ताकत से राज्य में चुनाव लड़ेगी और वह जितनी सीटों चुनाव लड़ेगी, उसकी एक सूची तैयार कर एक साथ जारी की जाएगी।
रामगोपाल ने कहा कि सीटों का बंटवारा करते वक़्त समाजवादी पार्टी से बात भी नहीं की गई। मीडिया के माध्यम से पार्टी को जानकारी मिली और इस रवैये से समाजवादी पार्टी काफी अपमानित महसूस कर रही है।
उन्होंने कहा, पार्टी को केवल 2 या 5 सीटें दिए जाने से न तो नेृतत्व सहमत था और न ही बिहार में पार्टी के कार्यकर्ता। लिहाजा, हमने बिहार के पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान करते हुए एक सम्मानजनक तरीके से अपने बलबूते चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। बिहार चुनाव में कुछ अन्य दलों के साथ मिलकर भी चुनाव लड़ा जा सकता है और इसके लिए पार्टी का अन्य दलों के साथ बातचीत का दौर जारी है। जैसे ही किसी दल से बात तय होती है तो इसकी घोषणा कर दी जाएगी।
रामगोपाल ने कहा कि मुझे पहले से पता था कि ये हालात आएंगे...जनता परिवार कब एक हो पाया है। बिहार में जब हमने गठबंधन से नाता तोड़ लिया और अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है तो हम जनता परिवार कैसे हो सकते है , यह समाजवादी परिवार होगा। हमें वो (महागठबंधन) जितनी सीटें देने की कोशिश कर रहे थे, हम उससे कहीं अधिक सीटें जीतेंगे।
पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पार्टी के पार्लियामेंट्री बोर्ड ने निर्णय लिया है कि वह बिहार में अलग से चुनाव लड़ेगी। पार्टी पूरी ताकत से राज्य में चुनाव लड़ेगी और वह जितनी सीटों चुनाव लड़ेगी, उसकी एक सूची तैयार कर एक साथ जारी की जाएगी।
रामगोपाल ने कहा कि सीटों का बंटवारा करते वक़्त समाजवादी पार्टी से बात भी नहीं की गई। मीडिया के माध्यम से पार्टी को जानकारी मिली और इस रवैये से समाजवादी पार्टी काफी अपमानित महसूस कर रही है।
उन्होंने कहा, पार्टी को केवल 2 या 5 सीटें दिए जाने से न तो नेृतत्व सहमत था और न ही बिहार में पार्टी के कार्यकर्ता। लिहाजा, हमने बिहार के पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान करते हुए एक सम्मानजनक तरीके से अपने बलबूते चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। बिहार चुनाव में कुछ अन्य दलों के साथ मिलकर भी चुनाव लड़ा जा सकता है और इसके लिए पार्टी का अन्य दलों के साथ बातचीत का दौर जारी है। जैसे ही किसी दल से बात तय होती है तो इसकी घोषणा कर दी जाएगी।
रामगोपाल ने कहा कि मुझे पहले से पता था कि ये हालात आएंगे...जनता परिवार कब एक हो पाया है। बिहार में जब हमने गठबंधन से नाता तोड़ लिया और अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है तो हम जनता परिवार कैसे हो सकते है , यह समाजवादी परिवार होगा। हमें वो (महागठबंधन) जितनी सीटें देने की कोशिश कर रहे थे, हम उससे कहीं अधिक सीटें जीतेंगे।
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