
बिहार के गोपालगंज में रैली को संबोधित करते हुए...
बिहार विधानसभा चुनाव के चौथे दौर के चुनाव के लिए आज शाम प्रचार थमने से पहले बीजेपी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खूब जोर लगाया। उन्होंने बिहार के गोपालगंज और मुज़फ़्फ़रपुर में रैली की। उन्होंने दोनों रैलियों में नीतीश कुमार और लालू यादव पर जमकर निशाना साधा।
पढ़ें वे खास बातें, जो उन्होंने गोपालगंज की रैली में कहीं---
- मैं लोकसभा चुनावों में भी आपके बीच आया था और अब एक बार फिर यहां आया हूं। महास्वार्थ बंधन अनाप-शनाप बोल रहा है। इनकी गालियों की डिक्शनरी खाली हो गई और इसलिए वे रोज नई नई गालियां गढ़ रहे हैं।
- जिन्होंने बिहार पर राज किया है, वे लोग कहते हैं कि मोदी की रैली में जो लोग आते हैं, वे पैसे दे कर लाये जाते हैं। ऐसा कह कर वे बिहार के लोगों का अपमान कर रहे हैं।
- कारण ये नहीं है कि मोदी ने कोई गलती की है बल्कि कारण यह है कि आपको जो प्रेम है, उसे वे पचा नहीं पा रहे हैं।

- एनडीए की रैली जब सफल होती है तो उनकी भाषा का स्तर नीचे गिर जाता है। जिन्होंने 35 साल बिहार पर राज किया है, वे चुनाव में ऐसी भाषा का चयन क्यों कर रहे हैं
- मोदी को गालियां देते देते थक गए तो बिहारियों पर आरोप लगाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि बिहारियों का अपमान नीतीश को महंगा पड़ेगा।
- बिहार बेचने का एडवांस लिया जा रहा है। लालू गए तो अपनी कुर्सी पत्नी को दे गए।
- इन्होंने पिछले चुनाव में कहा था मुझे वोट दो मैं घर घर बिजली पहुंचाउंगा, आज भी बिहार को बिजली चाहिए।
- गोपालगंज लालू जी का गृह क्षेत्र है, उन्होंने अपने जंगलराज में इसे मिनी चंबल बना दिया था।
- बिहारी नौजवानों को बाहरी किसने बनाया? गरीब से गरीब व्यक्ति को भी अगर ये कहें कि तुम बिकाऊ हो तो वो सहन करेगा क्या?
- वे कहते हैं कि वे पुराने दिन लौटा दो, तब अपहरण होते थे- हत्या होती थी.. बहू बेटियां असुरक्षित थीं। चाहिए आपको वे पुराने दिन? नहीं बिहार को पुराने दिन नहीं चाहिए।
- अब उनमें ऐसी हताशा आ चुकी है कि अब वे आपके पास नहीं, तान्त्रिक के चरणों में जाते हैं। आज बिहार की सबसे बड़ी ज़रुरत है पढ़ाई, दवाई और कमाई।
- मैं बिहार से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को खत्म कर दूंगा। दिल्ली भ्रष्टाचार के लिए बदनाम थी। रोज करोड़ों के घपले की खबर आती थी, अब सब बंद है। आप मुझे बिहार की सेवा करने का मौका दीजिए, मुझे ये लूटपाट बंद करवानी है।
- यहां रेलवे स्टेशन पर खुलेआम गोलियां चलती थीं। अपहरण का उद्योग चलता था। गोपालगंज का नौजवान जो सम्मान से जीना चाहता था, उसे गोपालगंज छोड़ने को मजबूर होना पड़ा। पूरे बिहार में नौजवानों का सबसे अधिक पलायन सीवान और गोलापगंज से हुआ है।
अपनी दूसरी रैली में पीएम मोदी ने नीतीश कुमार के 'बिहारी वर्सेस बाहरी' को लेकर उन पर निशाना साधा। उन्होंने पूछा- वे कहते हैं कि मोदी बाहरी है। जनता द्वारा चुना गया कोई भी प्रधानमंत्री बाहरी कैसे हो सकता है? न्होंने कहा कि सोनिया जी भी दिल्ली में रहती हैं तो आप उन्हें क्या बुलाएंगे? बाहरी बुलाएंगे या फिर बिहारी?
(आईएएनएस से भी इनपुट)
पढ़ें वे खास बातें, जो उन्होंने गोपालगंज की रैली में कहीं---
- मैं लोकसभा चुनावों में भी आपके बीच आया था और अब एक बार फिर यहां आया हूं। महास्वार्थ बंधन अनाप-शनाप बोल रहा है। इनकी गालियों की डिक्शनरी खाली हो गई और इसलिए वे रोज नई नई गालियां गढ़ रहे हैं।
- जिन्होंने बिहार पर राज किया है, वे लोग कहते हैं कि मोदी की रैली में जो लोग आते हैं, वे पैसे दे कर लाये जाते हैं। ऐसा कह कर वे बिहार के लोगों का अपमान कर रहे हैं।
- कारण ये नहीं है कि मोदी ने कोई गलती की है बल्कि कारण यह है कि आपको जो प्रेम है, उसे वे पचा नहीं पा रहे हैं।

- एनडीए की रैली जब सफल होती है तो उनकी भाषा का स्तर नीचे गिर जाता है। जिन्होंने 35 साल बिहार पर राज किया है, वे चुनाव में ऐसी भाषा का चयन क्यों कर रहे हैं
- मोदी को गालियां देते देते थक गए तो बिहारियों पर आरोप लगाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि बिहारियों का अपमान नीतीश को महंगा पड़ेगा।
- बिहार बेचने का एडवांस लिया जा रहा है। लालू गए तो अपनी कुर्सी पत्नी को दे गए।
- इन्होंने पिछले चुनाव में कहा था मुझे वोट दो मैं घर घर बिजली पहुंचाउंगा, आज भी बिहार को बिजली चाहिए।
- गोपालगंज लालू जी का गृह क्षेत्र है, उन्होंने अपने जंगलराज में इसे मिनी चंबल बना दिया था।
- बिहारी नौजवानों को बाहरी किसने बनाया? गरीब से गरीब व्यक्ति को भी अगर ये कहें कि तुम बिकाऊ हो तो वो सहन करेगा क्या?
- वे कहते हैं कि वे पुराने दिन लौटा दो, तब अपहरण होते थे- हत्या होती थी.. बहू बेटियां असुरक्षित थीं। चाहिए आपको वे पुराने दिन? नहीं बिहार को पुराने दिन नहीं चाहिए।
- अब उनमें ऐसी हताशा आ चुकी है कि अब वे आपके पास नहीं, तान्त्रिक के चरणों में जाते हैं। आज बिहार की सबसे बड़ी ज़रुरत है पढ़ाई, दवाई और कमाई।
- मैं बिहार से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को खत्म कर दूंगा। दिल्ली भ्रष्टाचार के लिए बदनाम थी। रोज करोड़ों के घपले की खबर आती थी, अब सब बंद है। आप मुझे बिहार की सेवा करने का मौका दीजिए, मुझे ये लूटपाट बंद करवानी है।
- यहां रेलवे स्टेशन पर खुलेआम गोलियां चलती थीं। अपहरण का उद्योग चलता था। गोपालगंज का नौजवान जो सम्मान से जीना चाहता था, उसे गोपालगंज छोड़ने को मजबूर होना पड़ा। पूरे बिहार में नौजवानों का सबसे अधिक पलायन सीवान और गोलापगंज से हुआ है।
अपनी दूसरी रैली में पीएम मोदी ने नीतीश कुमार के 'बिहारी वर्सेस बाहरी' को लेकर उन पर निशाना साधा। उन्होंने पूछा- वे कहते हैं कि मोदी बाहरी है। जनता द्वारा चुना गया कोई भी प्रधानमंत्री बाहरी कैसे हो सकता है? न्होंने कहा कि सोनिया जी भी दिल्ली में रहती हैं तो आप उन्हें क्या बुलाएंगे? बाहरी बुलाएंगे या फिर बिहारी?
(आईएएनएस से भी इनपुट)
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