गया:
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण में नक्सल प्रभावित इलाकों में वोट डाले जाने हैं, इसलिए चुनाव आयोग ने सुरक्षा के भी कड़े इंतज़ाम किए हैं। अर्धसैनिक बलों की 700 से ज्यादा कंपनियां हर चरण में तैनात की जा रही हैं।
थानों के बहार फ्लाइंग स्क्वॉड
सबसे दिलचस्प बात यह है कि पहली बार बिहार के हर थाने के बाहर इस बार फ्लाइंग स्क्वॉड तैनात किया जाएगा। एनडीटीवी इंडिया ने भी इन नक्सली प्रभावित इलाकों का दौरा किया, वहां हमें हथियारों से लैस सुरक्षाकर्मी मोटर साइकिल पर तैनात दिखाई दिए, जो फ्लाइंग स्क्वॉड का हिस्सा हैं।
नक्सल इलाकों में मोटरसाइकिल वाले फ्लाइंग स्क्वॉड
फ्लाइंग स्क्वॉड को मोटर साइकिल पर इसीलिए तैनात किया गया है, क्योंकि जंगल के इलाकों में गाड़ियों से जाना मुनासिब नहीं है। क्योंकि या तो गाड़ी अंदरूनी इलाकों में जा नहीं पाती और अगर कोई ले जाना चाहे तो वो खतरे से खाली नहीं। इन इलाकों में नक्सलियों ने बारूद बिछा रखा होता है। जैसे ही गाड़ी का वजन उसकी तारों पर पड़ता है तो धमाका हो जाता है।
इन लोगों को उन इलाकों में तैनात किया जा रहा है, जो थाने सवेंदनशील हैं। या उन इलाकों में जहां या तो नक्सली या फिर दबंग लोग असर डाल सकते हैं। डिप्टी कमांडेंट संजीव शर्मा ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि बिहार में कुल 1078 थाने हैं। इनमें से 392 ऐसे हैं जो हाइपर सेंसिटिव हैं।
गया में नक्सलियों का प्रभाव सबसे ज्यादा है, इसीलिए यहां खास इंतजाम किए गए हैं। बूथों की अगर बात की जाए, तो सिर्फ गया में ही 1022 ऐसे बूथ हैं जहां नक्सली प्रभाव काफी है। 556 हाइपर सेंसिटिव हैं।
जवानों के पास आधुनिक हथियार
एनडीटीवी ने फ्लाइंग स्क्वॉड के कुछ जवानों से बात की। इन जवानों के पास आधुनिक हथियार हैं, संजीव शर्मा डिप्टी कमांडेंट सीआरपीएफ ने बताया, जवानों के पास UBGL से लेकर रॉकेट प्रोपेलर भी हैं। उन्होंने बताया कि नक्सली या तो गड्डों में छिप जाते हैं या फिर पहाड़ियों पर होते हैं ऐसे में हमारे ये हथियार काम आते हैं।
एक्सपेंडिचर सेंसिटिव थाने
अरुण कुमार आईजी सीआरपीएफ ने कहा, इन चुनावों में पैसा भी खूब मिल रहा है, इसीलिए चुनाव आयोग हर सेंसिटिव चुनाव क्षेत्र में इनकम टैक्स और कस्टम के अफसरों की तैनाती भी कर रहा है। कई ऐसे बूथ भी हैं जहां पैसा खूब चलता है, इन थानों को हमने एक्सपेंडिचर सेंसिटिव करार दिया है।
थानों के बहार फ्लाइंग स्क्वॉड
सबसे दिलचस्प बात यह है कि पहली बार बिहार के हर थाने के बाहर इस बार फ्लाइंग स्क्वॉड तैनात किया जाएगा। एनडीटीवी इंडिया ने भी इन नक्सली प्रभावित इलाकों का दौरा किया, वहां हमें हथियारों से लैस सुरक्षाकर्मी मोटर साइकिल पर तैनात दिखाई दिए, जो फ्लाइंग स्क्वॉड का हिस्सा हैं।
नक्सल इलाकों में मोटरसाइकिल वाले फ्लाइंग स्क्वॉड
फ्लाइंग स्क्वॉड को मोटर साइकिल पर इसीलिए तैनात किया गया है, क्योंकि जंगल के इलाकों में गाड़ियों से जाना मुनासिब नहीं है। क्योंकि या तो गाड़ी अंदरूनी इलाकों में जा नहीं पाती और अगर कोई ले जाना चाहे तो वो खतरे से खाली नहीं। इन इलाकों में नक्सलियों ने बारूद बिछा रखा होता है। जैसे ही गाड़ी का वजन उसकी तारों पर पड़ता है तो धमाका हो जाता है।
इन लोगों को उन इलाकों में तैनात किया जा रहा है, जो थाने सवेंदनशील हैं। या उन इलाकों में जहां या तो नक्सली या फिर दबंग लोग असर डाल सकते हैं। डिप्टी कमांडेंट संजीव शर्मा ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि बिहार में कुल 1078 थाने हैं। इनमें से 392 ऐसे हैं जो हाइपर सेंसिटिव हैं।
गया में नक्सलियों का प्रभाव सबसे ज्यादा है, इसीलिए यहां खास इंतजाम किए गए हैं। बूथों की अगर बात की जाए, तो सिर्फ गया में ही 1022 ऐसे बूथ हैं जहां नक्सली प्रभाव काफी है। 556 हाइपर सेंसिटिव हैं।
जवानों के पास आधुनिक हथियार
एनडीटीवी ने फ्लाइंग स्क्वॉड के कुछ जवानों से बात की। इन जवानों के पास आधुनिक हथियार हैं, संजीव शर्मा डिप्टी कमांडेंट सीआरपीएफ ने बताया, जवानों के पास UBGL से लेकर रॉकेट प्रोपेलर भी हैं। उन्होंने बताया कि नक्सली या तो गड्डों में छिप जाते हैं या फिर पहाड़ियों पर होते हैं ऐसे में हमारे ये हथियार काम आते हैं।
एक्सपेंडिचर सेंसिटिव थाने
अरुण कुमार आईजी सीआरपीएफ ने कहा, इन चुनावों में पैसा भी खूब मिल रहा है, इसीलिए चुनाव आयोग हर सेंसिटिव चुनाव क्षेत्र में इनकम टैक्स और कस्टम के अफसरों की तैनाती भी कर रहा है। कई ऐसे बूथ भी हैं जहां पैसा खूब चलता है, इन थानों को हमने एक्सपेंडिचर सेंसिटिव करार दिया है।
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