बिहार चुनाव : जनता परिवार से अलग हुई सपा, ये हैं मुलायम के फैसले के 5 कारण

बिहार चुनाव : जनता परिवार से अलग हुई सपा, ये हैं मुलायम के फैसले के 5 कारण

मुलायम सिंह यादव (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

बिहार में पांच सीटें मिलने से नाराज सपा ने अलग से चुनाव लड़ने का निर्णय किया है। सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि सीट बांटने से पहले बात नहीं हुई।

बिहार विधानसभा के लिए 243 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। इसमें जेडीयू और आरजेडी ने 100-100 सीटें और कांग्रेस ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। बाकी बची हुई तीन सीटों के लिए जनता परिवार ने एनसीपी को चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया था। एनसीपी के मना करने पर इन तीन सीटों में लालू यादव के हिस्से की दो सीटें जोड़कर मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी को दे दी गईं।

आइये जानते हैं मुलायम के फैसले के पांच कारण

1.बिहार में सीटों के बंटवारे में समाजवादी पार्टी से बात ही नहीं की गई। जब सीटों का बंटवारा सामने आया तो पार्टी को दर्शक की भूमिका में रखा गया। सपा का मानना है कि पांच सीटों पर चुनाव लड़ने से पार्टी का कद घटेगा।

2. सपा नेताओं का मानना है कि पांच सीटों पर लड़ने से यूपी की सबसे बड़ी पार्टी की छवि को धक्का लगेगा। स्वाभिमान रैली में मुलायम सिंह यादव की जगह शिवपाल के जरिये नाराजगी का संदेश गठबंधन के अन्य नेताओं तक पहुंचा दिया था।

3. यही नहीं अगर पांच सीटों पर ही चुनाव लड़ते हैं तो जीत की उम्मीद और कम हो जाएगी और सपा के राष्ट्रीय स्तर विस्तार की संभावनाओं को इससे कोई बल नहीं मिलेगा।

4. पार्टी का बिहार में जनाधार नाम मात्र का है, इसलिए केवल पांच सीटों पर लड़ने से इसमें कोई इजाफा होने वाला नहीं है, उल्टे लालू के साथ जाने से सपा की छवि को नुकसान हो सकता है।

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5. सपा के थिंक टैंक का मानना है कि अगर बाहर से समर्थन दिया तो छवि और गठबंधन दोनों बचे रहेंगे। सपा की सेक्युलर छवि को कोई नुकसान नहीं होगा और साथ ही सांप्रदायिक शक्तियों से लड़ने का उसका दावा भी कायम रहेगा, जो उसे निकट भविष्य में उत्तर प्रदेश चुनाव में फायदा पहुंचा सकता है।