
एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की फाइल फोटो
हैदराबाद:
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल क्षेत्र में अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी द्वारा की गई इस घोषणा से बिहार में बीजेपी विरोधी गठबंधन के लिए चिंता जरूर बढ़ गई है।
ओवैसी ने कांग्रेस, बीजेपी, नीतीश कुमार और दूसरी पार्टियों को क्षेत्र के पिछड़ेपन के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी, लेकिन सीमांचल क्षेत्र तक सीमित रहेगी, जिसमें मुख्य रूप से चार जिले- अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार आते हैं।
इन जिलों में मुस्लिम वोटरों की अच्छी तादाद है, जिनका जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन में जाने की उम्मीद थी। हालांकि अब ओवैसी इन वोटों में सेंध लगा कर बीजेपी विरोधी धड़े की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी इसका खुलासा किए बिना आवैसी ने कहा, 'हम बिहार के सीमांचल इलाके तक सीमित रहेंगे। हम जीत की अपनी संभावनाओं को लेकर यर्थाथवादी हैं। हमें अपनी मजबूती और कमजोरियों का पता है। हमारा सीमांचल क्षेत्र में चुनाव लड़ना सीमांचल क्षेत्र के हित एवं न्याय में है।'
दूसरी पार्टियों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने ना में जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'बिहार के विकास के मापदंड खराब हैं। और सीमांचल में तो यह और भी खराब है। इसलिए हम चाहते हैं कि सरकार धारा 371 के तहत एक क्षेत्रीय विकास परिषद का गठन करे।'
बिहार के सीमांचल क्षेत्र में चार जिले हैं, जहां कुल 24 निर्वाचन क्षेत्र हैं। हैदराबाद के सांसद ने कहा कि सीमांचल का पिछड़ापन पार्टी का चुनावी मुद्दा होगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि एआईएमआईएम के बिहार इकाई के अध्यक्ष अख्तरुल इमाम होंगे।
ओवैसी ने कांग्रेस, बीजेपी, नीतीश कुमार और दूसरी पार्टियों को क्षेत्र के पिछड़ेपन के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी, लेकिन सीमांचल क्षेत्र तक सीमित रहेगी, जिसमें मुख्य रूप से चार जिले- अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार आते हैं।
इन जिलों में मुस्लिम वोटरों की अच्छी तादाद है, जिनका जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन में जाने की उम्मीद थी। हालांकि अब ओवैसी इन वोटों में सेंध लगा कर बीजेपी विरोधी धड़े की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी इसका खुलासा किए बिना आवैसी ने कहा, 'हम बिहार के सीमांचल इलाके तक सीमित रहेंगे। हम जीत की अपनी संभावनाओं को लेकर यर्थाथवादी हैं। हमें अपनी मजबूती और कमजोरियों का पता है। हमारा सीमांचल क्षेत्र में चुनाव लड़ना सीमांचल क्षेत्र के हित एवं न्याय में है।'
दूसरी पार्टियों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने ना में जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'बिहार के विकास के मापदंड खराब हैं। और सीमांचल में तो यह और भी खराब है। इसलिए हम चाहते हैं कि सरकार धारा 371 के तहत एक क्षेत्रीय विकास परिषद का गठन करे।'
बिहार के सीमांचल क्षेत्र में चार जिले हैं, जहां कुल 24 निर्वाचन क्षेत्र हैं। हैदराबाद के सांसद ने कहा कि सीमांचल का पिछड़ापन पार्टी का चुनावी मुद्दा होगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि एआईएमआईएम के बिहार इकाई के अध्यक्ष अख्तरुल इमाम होंगे।
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