सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की फाइल फोटो
पटना:
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच तीसरे मोर्चे को उस समय गहरा झटका लगा जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बीजेपी समर्थक बयान का हवाला देते हुए मोर्चे से अलग हटने का निर्णय किया।
एनसीपी के महासचिव और सांसद तारिक अनवर ने एक संवाददाता सम्मेलन में छह दलों के तीसरे मोर्चे से पार्टी के अलग होने के निर्णय की घोषणा की। अनवर ने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के उस कथित बयान के प्रतिक्रिया में यह निर्णय किया गया है कि बिहार में बीजेपी के पक्ष में लहर है और आने वाले दिनों में बीजेपी यहां सरकार बनाएगी।
मुलायम का बयान दुर्भाग्यपूर्ण
कटिहार से लोकसभा सदस्य तारिक अनवर ने कहा कि 'मतदान के दूसरे चरण में रोहतास और औरंगाबाद में अपने पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार करते हुए मुलायम द्वारा दिया गया बयान दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। दूसरे चरण का मतदान कल होने वाला है।
एनसीपी नेता ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी से मुकाबला कर धर्मनिरपेक्षता को बनाए रखने के लिए छह दल एक साथ आये थे। लेकिन सपा प्रमुख का बयान प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से बीजेपी को मदद करता है।
छह दलों ने मिलकर बनाया था गठबंधन
छह दलों के इस मोर्चे में सपा, एनसीपी के अलावा पप्पु यादव के नेतृत्व वाली जनअधिकार पार्टी, पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव की समाजवादी जनता पार्टी, पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि के नेतृत्व वाली समरस समाज पार्टी और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी शामिल थी। एनसीपी पहले जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस महागठबंधन में शामिल थी। उसे विधानसभा की तीन सीटें आवंटित की गई थी। वह यह कहते हुए महागठबंधन से अलग हो गई कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद ने एनसीपी को कम करके आंका है।
एनसीपी के महासचिव और सांसद तारिक अनवर ने एक संवाददाता सम्मेलन में छह दलों के तीसरे मोर्चे से पार्टी के अलग होने के निर्णय की घोषणा की। अनवर ने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के उस कथित बयान के प्रतिक्रिया में यह निर्णय किया गया है कि बिहार में बीजेपी के पक्ष में लहर है और आने वाले दिनों में बीजेपी यहां सरकार बनाएगी।
मुलायम का बयान दुर्भाग्यपूर्ण
कटिहार से लोकसभा सदस्य तारिक अनवर ने कहा कि 'मतदान के दूसरे चरण में रोहतास और औरंगाबाद में अपने पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार करते हुए मुलायम द्वारा दिया गया बयान दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। दूसरे चरण का मतदान कल होने वाला है।
एनसीपी नेता ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी से मुकाबला कर धर्मनिरपेक्षता को बनाए रखने के लिए छह दल एक साथ आये थे। लेकिन सपा प्रमुख का बयान प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से बीजेपी को मदद करता है।
छह दलों ने मिलकर बनाया था गठबंधन
छह दलों के इस मोर्चे में सपा, एनसीपी के अलावा पप्पु यादव के नेतृत्व वाली जनअधिकार पार्टी, पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव की समाजवादी जनता पार्टी, पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि के नेतृत्व वाली समरस समाज पार्टी और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी शामिल थी। एनसीपी पहले जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस महागठबंधन में शामिल थी। उसे विधानसभा की तीन सीटें आवंटित की गई थी। वह यह कहते हुए महागठबंधन से अलग हो गई कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद ने एनसीपी को कम करके आंका है।
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