आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के साथ बेटे तेजस्वी की फाइल फोटो (दाएं)
पटना:
राष्ट्रीय जनता दल (जेडीयू) के प्रमुख लालू यादव के बेटे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव को ही पार्टी विधायक दल का नेता बनाया जाएगा। पहली बार विधायक बने तेजस्वी इस तरह ना सिर्फ नई विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी के प्रमुख बन जाएंगे, बल्कि शुक्रवार को शपथ लेने जा रहे नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में भी उन्हें शामिल किए जाने के रास्ता साफ हो जाएगा।
आरजेडी मानती है उप मुख्यमंत्री पद पर हक
पटना के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि तेजस्वी को राज्य का उपमुख्यमंत्री भी बनाया जा सकता है। वैसे भी लालू यादव की पार्टी आरजेडी का मानना है कि राज्य में महागठबंधन को दो-तिहाई बहुमत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाली उनकी पार्टी का उप मुख्यमंत्री पद पर तो अधिकार बनता ही है।
(नीतीश के शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा विरोधी नेताओं का लगेगा जमावड़ा)
आपको बता दें कि राज्य के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली 178 सीटों में आरजेडी को 80 सीटें, नीतीश कुमार की जेडीयू को 71 और कांग्रेस को 27 मिली है। महागठबंधन के मुखिया नीतीश कुमार शुक्रवार को पांचवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने जा रहे हैं।
कैबिनेट में आरजेडी- जेडीयू के 12-12 मंत्री
इसमें कोई शक नहीं नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल में कई पुराने सहयोगियों को बनाए रखेंगे, लेकिन कांग्रेस-आरजेडी के लिए जगह बनानी होगी। जो अनुमान लगाए जा रहे हैं उनके मुताबिक, नीतीश कैबिनेट में आरजेडी और जेडीयू के 12 मंत्रियों को जगह मिलेगी, वहीं कांग्रेस के चार विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है।। इनमें लालू-राबड़ी के दौर में रहे मंत्री हो सकते हैं और मुस्लिम चेहरों को तरजीह मिल सकती है। वहीं जेडीयू के कोटे से ललन सिंह और विजय चौधरी सहित कुछ पुराने मंत्री होंगे। कांग्रेस को अधिकतम पांच मंत्रिपद मिलने की बात कही जा रही है।
पटना के गांधी मैदान में शुक्रवार को होने जा रहा नीतीश कुमार का शपथ ग्रहण समारोह काफ़ी भव्य होने वाला है, जिसमें कई राज्यों के मुख्यमंत्री और अलग-अलग दलों के नेता शामिल होंगे। बेशक, लिस्ट में बीजेपी के बड़े नेताओं के नाम नहीं आ रहे हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि राजीव प्रताप रूडी और वेंकैया नायडू वहां हो सकते हैं।
आरजेडी मानती है उप मुख्यमंत्री पद पर हक
पटना के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि तेजस्वी को राज्य का उपमुख्यमंत्री भी बनाया जा सकता है। वैसे भी लालू यादव की पार्टी आरजेडी का मानना है कि राज्य में महागठबंधन को दो-तिहाई बहुमत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाली उनकी पार्टी का उप मुख्यमंत्री पद पर तो अधिकार बनता ही है।
(नीतीश के शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा विरोधी नेताओं का लगेगा जमावड़ा)
आपको बता दें कि राज्य के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली 178 सीटों में आरजेडी को 80 सीटें, नीतीश कुमार की जेडीयू को 71 और कांग्रेस को 27 मिली है। महागठबंधन के मुखिया नीतीश कुमार शुक्रवार को पांचवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने जा रहे हैं।
कैबिनेट में आरजेडी- जेडीयू के 12-12 मंत्री
इसमें कोई शक नहीं नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल में कई पुराने सहयोगियों को बनाए रखेंगे, लेकिन कांग्रेस-आरजेडी के लिए जगह बनानी होगी। जो अनुमान लगाए जा रहे हैं उनके मुताबिक, नीतीश कैबिनेट में आरजेडी और जेडीयू के 12 मंत्रियों को जगह मिलेगी, वहीं कांग्रेस के चार विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है।। इनमें लालू-राबड़ी के दौर में रहे मंत्री हो सकते हैं और मुस्लिम चेहरों को तरजीह मिल सकती है। वहीं जेडीयू के कोटे से ललन सिंह और विजय चौधरी सहित कुछ पुराने मंत्री होंगे। कांग्रेस को अधिकतम पांच मंत्रिपद मिलने की बात कही जा रही है।
पटना के गांधी मैदान में शुक्रवार को होने जा रहा नीतीश कुमार का शपथ ग्रहण समारोह काफ़ी भव्य होने वाला है, जिसमें कई राज्यों के मुख्यमंत्री और अलग-अलग दलों के नेता शामिल होंगे। बेशक, लिस्ट में बीजेपी के बड़े नेताओं के नाम नहीं आ रहे हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि राजीव प्रताप रूडी और वेंकैया नायडू वहां हो सकते हैं।
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