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This Article is From Oct 09, 2015

बिहार चुनाव : कोई गड़बड़ी न करें, आप पर है ड्रोन की नजर

बिहार चुनाव : कोई गड़बड़ी न करें, आप पर है ड्रोन की नजर
फाइल फोटो
नई दिल्ली: बिहार में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को जहां देश की दशा-दिशा तय करने वाला करार दिया जा रहा है वहीं इन सबके बीच चुनाव आयोग ने कमर कस ली है। आयोग पहली बार इन चुनावों की निगरानी के लिए ड्रोन का प्रयोग करेगा। एक वरिष्ठ निर्वाचन अधिकारी ने यह जानकारी दी।

ड्रोन का इस्तेमाल पहली बार
बिहार के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी आर. लक्ष्मणन ने बताया "चुनाव सर्वेक्षण के लिए पहले हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा चुका है लेकिन इस बार ड्रोन का प्रयोग शायद पहली बार किया जा रहा है।" लक्ष्मणन ने ड्रोन के प्रयोग के बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया।

पांच चरणों में है मतदान
देश के तीसरे सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया 12, 16, 28 अक्टूबर, 1 नवंबर और 5 नवंबर को पांच चरणों में पूरी की जाएगी। मतों की गणना 8 नवंबर को होगी।

सफल चुनाव कराना एक चुनौती
लक्ष्मणन ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना, पैसों का दुरुपयोग, आदर्श आचार संहिता लागू करना और मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाना निश्चित रूप से सबसे बड़ी चुनौती होगी।

चुनाव तैयारियों के निरीक्षण के लिए लगभग चार लाख 89 हजार असैनिक अधिकारियों और छह लाख सुरक्षा सैनिकों को तैनात किया गया है।

6 अक्टूबर तक 15 लाख 56 हजार करोड़ रुपये जब्त
लक्ष्मणन ने कहा कि 6 अक्टूबर तक 15 लाख 56 हजार करोड़ रुपये और मतदान के दिनों में बांटने के लिए इकट्ठी की गई लगभग पांच लाख लीटर शराब जब्त की जा चुकी है।

लक्ष्मणन के मुताबिक चुनाव खर्चों के मामले में पैसा और शराब दो ऐसी चीजें हैं जिन पर निगरानी रखना बड़ी चुनौती है। चुनाव कार्यालय इनके उल्लघंन के लिए अब तक 265 प्राथमिकियां दर्ज कर चुका है।

चुनौती कानून व्यवस्था बनाए रखना है
लक्ष्मणन ने कहा कि दूसरी बड़ी चुनौती कानून व्यवस्था बनाए रखना है। लक्ष्मणन ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में नक्सलियों से गंभीर खतरे वाले ग्यारह जिलों में चलाए गए तलाशी अभियानों के सकारात्मक नतीजे निकले हैं। 300 विस्फोटकों और 800 गैर कानूनी हथियारों की बरामदगी के साथ उल्लेखनीय सफलता मिली है।

लक्ष्मणन ने कहा कि चुनाव संबंधी तैयारियां काफी पहले ही शुरू की जा चुकी हैं और तैनाती के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल मौजूद हैं।

राज्य के 62,779 मतदान केंद्रों में छह करोड़ छह लाख मतदाता
राज्य के 62,779 मतदान केंद्रों में छह करोड़ छह लाख मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे जिनमें तीन करोड़ एक लाख महिला मतदाता शामिल हैं। इनमें से भागलपुर, खागड़िया, वैशाली और अन्य क्षेत्रों में स्थित कुछ मतदान केंद्र राज्य के दुर्गम इलाकों में स्थित हैं जहां पहुंचना कठिन है।

लक्ष्मणन ने कहा कि निर्वाचन अधिकारियों को मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए एक मुश्किल इलाके से गुजराना होगा और एक नदी भी पार करनी होगी।

50 लाख नए मतदाता
लक्ष्मणन ने कहा पहली बार मतदान करने जा रहे लगभग 50 लाख नए मतदाताओं के लिए भी कई तैयारियां की गई हैं। लक्ष्मणन ने कहा कि चुनाव की तारीखों के बीच आने वाले त्योहारों दुर्गा पूजा और मुहर्रम के मद्देनजर इस दौरान हमें सामुदायिक सद्भवना को भी सुनिश्चित करना होगा क्योंकि चुनावों के बीच इन त्योहारों के दौरान सुरक्षा इंतजाम की व्यवस्था भी हम ही संभालते हैं।

लक्ष्मणन ने कहा कि नेता आमतौर पर आचार संहिता का पालन करते हैं लेकिन अगर हम उनके भाषणों में इनका उल्लघंन देखते हैं तो आयोग उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करता है। उदाहरण के तौर पर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के नेता सुशील कुमार मोदी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लालू प्रसाद यादव को नोटिस जारी किए गए थे और दोनों ने नई दिल्ली में निर्वाचन आयोग को संबंधित सफाई दी है।

लक्ष्मणन ने कहा, "इस मामले में सात प्राथमिकियां दर्ज की जा चुकी हैं जिनकी पुलिस जांच जारी है।"

मतदान केंद्र पर कब्जे और हिंसा का दौर जा चुका है
लक्ष्मणन ने कहा कि राज्य में मतदान केंद्र पर कब्जे और हिंसा का दौर जा चुका है और 2005, 2009 और 2010 के चुनावों में ऐसी कोई भी घटना सामने नहीं आई।

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