
फाइल फोटो : लालू प्रसाद यादव
पटना:
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा बिहार चुनाव को अगड़े और पिछड़ों की लड़ाई बताए जाने पर विपक्ष ने जहां लालू की जमकर आलोचना की है, वहीं सत्तारूढ़ महागठबंधन में शामिल राजद की सहयोगी पार्टी जनता दल (युनाइटेड) लालू के समर्थन में खड़ी हो गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने लालू के बयान पर प्रतिक्रया देते हुए कहा कि बिहार चुनाव में 'विकास' और 'विनाश' की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय सभी को पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग याद आने लगा है।
राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में अपने बेटे तेजस्वी यादव के समर्थन में सभा के दौरान लालू ने रविवार को कहा था कि इस चुनाव में लड़ाई अगड़े और पिछड़े वर्ग के बीच की है। ऐसे में दलितों और पिछड़ों को एक होने की जरूरत है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि लालू के लिए पिछड़ा केवल उनका परिवार है, जबकि भाजपा के साथ 'मंडल' और 'कमंडल' दोनों ही हैं। उन्होंने कहा कि राघोपुर से भाजपा के जो उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, वह भी पिछड़े वर्ग से ही आते हैं। मंत्री ने कहा कि भाजपा के साथ भूपेन्द्र यादव, नंद किशोर यादव, रामकृपाल यादव जैसे कई वरिष्ठ नेता हैं।
इधर, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि लालू ऐसे बयानों से बिहार को विकास के मुद्दे से हटाना चाहते हैं। उन्होंने इस बयान को बिहार के लिए खतरनाक बताते हुए कहा कि लालू को न तो समाज की चिंता है और न ही बिहार की। लालू को बस अपने परिवार की चिंता है। उन्होंने कहा कि लालू बिहार को फिर 15 वर्ष पीछे ले जाना चाहते हैं पर अब बिहार की जनता सबकुछ समझती है।
इस बीच लालू के बयान का समर्थन करते हुए जद(यू) के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मोहन भागवत ने क्या बयान दिया था। उन्होंने तो संविधान में निहित आरक्षण व्यवस्था की ही समीक्षा करने की बात कह डाली थी, तब तो भाजपा के लोग चुप थे।
उन्होंने कहा, 'लालू प्रसाद के बयान में मुझे तो कोई विवाद नजर नहीं आ रहा है। आखिर उन्होंने क्या गलत कह डाला?'
पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने लालू के बयान पर प्रतिक्रया देते हुए कहा कि बिहार चुनाव में 'विकास' और 'विनाश' की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय सभी को पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग याद आने लगा है।
राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में अपने बेटे तेजस्वी यादव के समर्थन में सभा के दौरान लालू ने रविवार को कहा था कि इस चुनाव में लड़ाई अगड़े और पिछड़े वर्ग के बीच की है। ऐसे में दलितों और पिछड़ों को एक होने की जरूरत है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि लालू के लिए पिछड़ा केवल उनका परिवार है, जबकि भाजपा के साथ 'मंडल' और 'कमंडल' दोनों ही हैं। उन्होंने कहा कि राघोपुर से भाजपा के जो उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, वह भी पिछड़े वर्ग से ही आते हैं। मंत्री ने कहा कि भाजपा के साथ भूपेन्द्र यादव, नंद किशोर यादव, रामकृपाल यादव जैसे कई वरिष्ठ नेता हैं।
इधर, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि लालू ऐसे बयानों से बिहार को विकास के मुद्दे से हटाना चाहते हैं। उन्होंने इस बयान को बिहार के लिए खतरनाक बताते हुए कहा कि लालू को न तो समाज की चिंता है और न ही बिहार की। लालू को बस अपने परिवार की चिंता है। उन्होंने कहा कि लालू बिहार को फिर 15 वर्ष पीछे ले जाना चाहते हैं पर अब बिहार की जनता सबकुछ समझती है।
इस बीच लालू के बयान का समर्थन करते हुए जद(यू) के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मोहन भागवत ने क्या बयान दिया था। उन्होंने तो संविधान में निहित आरक्षण व्यवस्था की ही समीक्षा करने की बात कह डाली थी, तब तो भाजपा के लोग चुप थे।
उन्होंने कहा, 'लालू प्रसाद के बयान में मुझे तो कोई विवाद नजर नहीं आ रहा है। आखिर उन्होंने क्या गलत कह डाला?'
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