पटना:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नालंदा में रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'बिहार में तांत्रिक की कोई जरूरत नहीं, 'लोकतंत्र' बिहार और अपने लोगों को बचाने के लिए पर्याप्त है। इस चुनाव में बिहार के लोग किसी को हराने के लिए नहीं, बल्कि विकास के लिए वोट कर रहे हैं।' पीएम ने कहा, 'नालंदा का गौरवशाली इतिहास रहा है, लेकिन सत्ता में बैठे लोगों को इसकी याद नही आई। उन्होंने बिहार के लोगों की सोच को राजाओं की सोच की तरह बताया।' साथ ही पीएम ने स्पष्ट रूप से कहा कि आरक्षण को कोई नहीं छीन सकता। प्रधानमंत्री ने कहा, लालू-नीतीश यह समझ लें, आप जितना कीचड़ उछालेंगे, कमल उतना ही खिलेगा।
'बिहार के लिए छह सूत्रीय कार्यक्रम तय किया'
इससे पहले धुआंधार प्रचार की शुरुआत करते हुए छपरा में रैली को संबोधित करते हुए पीएम ने राज्य के लिए छह सूत्रीय कार्यक्रम रखा। पीएम ने कहा, भारत का सदियों तक मार्गदर्शन करने वाली बिहार की धरती के लिए मेरा 3 सूत्रीय कार्यक्रम 'बिजली, पानी और सड़क' है। बिहार के परिवारों के लिए भी मेरा तीन सूत्रीय कार्यक्रम युवकों को पढ़ाई, कमाई और बुजुर्गों को दवाई है। यह छह सूत्रीय कार्यक्रम बिहार का भाग्य बदलेगा।
'दिख रहा है 8 तारीख को बिहार की दिवाली कैसी होगी'
पीएम ने कहा कि 'ये चुनावी सभा, रैली भी नहीं, रैला भी नहीं है। ये तो परिर्वतन के संकल्प का मेला नजर आ रहा है। ये साफ दिख रहा है कि 8 तारीख की बिहार की दिवाली कैसी होगी। ये चुनाव बिहार ही नहीं, पूरे हिन्दुस्तान के लिए दो-दो दिवाली लेकर आएगा और एक छोटी सी दिवाली की शुरुआत हो चुकी है।
'नीतीश-लालू पर कटाक्ष'
उन्होंने कहा, मैं नीतीश कुमार-लालू यादव से पूछना चाहता हूं कि 'परम आदरणीय लोकतांत्रिक नीतीश बाबू, परम आदरणीय हिंदुस्तान के सबसे बड़े तांत्रिक होने का दावा करने वाले लालू जी बिहार की जनता आपसे पूछना चाहती है कि बिहार के नौजवानों को बाहरी किसने बनाया। उन्हें बाहर जाने के लिए किसने मजबूर किया। इन्हें बाहर किसने धकेला। 25 साल में दो-दो पीढि़यों को तबाह कर दिया। हर समस्या का समाधान विकास की जड़ी-बूटी में है। मैं लंबे-चौड़े वादे और गुमराह नहीं करने आया। बिहार में लालू-नीतीश के दिन लद गए।'
'बिजली न मिलने से राज्य को हुआ नुकसान'
प्रधानमंत्री ने कहा, अगर 25 सालों में राज्य में बिजली पहुंची होती तो कारखाने चलते, किसान को पानी मिलता, नौजवानों को रोजगार मिलता, लेकिन इन लोगों (नीतीश और लालू) को अपने परिवार के अलावा किसी और की चिंता नहीं। अगर राजग की सरकार बनेगी तो मैं राज्य सरकार से कहूंगा कि कमेटी का गठन कर यहां उद्योग कैसे शुरू हो, उसकी छानबीन कर नौजवानों को रोजगार दिलाने को कहूंगा।
'नीतीश की मेरी प्रति विरोध भक्ति काबिले-दाद है'
पीएम ने आगे कहा, नीतीश कुमार मुझे दिन-रात याद करते रहते हैं। उनकी विरोध भक्ति काबिले-दाद हैं। वो मुझे सवाल पूछते रहते हैं। आपको बता दूं कि महा'स्वार्थ'बंधन में तीन लोग हैं, बड़े भाई-छोटे भाई और मैडम। लेकिन पहली बार मुझे पता चला कि इस महा'स्वार्थ'बंधन में तीन नहीं चार खिलाड़ी हैं। एक लालू, दूसरे नीतीश, तीसरी मैडम सोनिया जी और चौथा तांत्रिक। पीएम ने नीतीश के तांत्रिक से मिलने पर भी चुटकी ली और कहा कि तंत्र-मंत्र से लोकतंत्र नहीं चलता। साथ ही आरजेडी का मतलब राष्ट्रीय जादू-टोना पार्टी बताया।
'पीएम की 6 दिनों में 17 रैलियां'
पीएम अगले 6 दिनों के दौरान राज्य में 17 रैलियों को संबोधित करेंगे। आज पीएम मोदी की छपरा के मढौरा के बाद पटना के नौबतपुर, नालंदा और हाजीपुर में रैलियां हैं।
'रैलियों को लेकर पार्टी की नीतियों में बदलाव'
पीएम की रैलियों को लेकर पार्टी ने अपनी नीति में एक बदलाव और किया है। अभी तक पीएम की रैलियां ज़िला मुख्यालय में ही कराई जा रही थी, लेकिन अब इन्हें ब्लॉक स्तर पर भी कराया जा रहा है। बीजेपी इस चुनाव को जीतने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रही है और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ा जा रहा ये चुनाव पार्टी के लिए साख का सवाल बन गया है। चुनाव की गंभीरता को खुद पीएम भी बखूबी जान रहे हैं, इसीलिए उन्होंने आक्रामक तरीके से प्रचार करने का फ़ैसला किया है। इसके अलावा दादरी और हरियाणा में दलितों की हत्या जैसी घटनाओं ने भी चुनावी मौसम में बीजेपी की मुश्किलों को बढ़ा दिया है।
'बिहार के लिए छह सूत्रीय कार्यक्रम तय किया'
इससे पहले धुआंधार प्रचार की शुरुआत करते हुए छपरा में रैली को संबोधित करते हुए पीएम ने राज्य के लिए छह सूत्रीय कार्यक्रम रखा। पीएम ने कहा, भारत का सदियों तक मार्गदर्शन करने वाली बिहार की धरती के लिए मेरा 3 सूत्रीय कार्यक्रम 'बिजली, पानी और सड़क' है। बिहार के परिवारों के लिए भी मेरा तीन सूत्रीय कार्यक्रम युवकों को पढ़ाई, कमाई और बुजुर्गों को दवाई है। यह छह सूत्रीय कार्यक्रम बिहार का भाग्य बदलेगा।
'दिख रहा है 8 तारीख को बिहार की दिवाली कैसी होगी'
पीएम ने कहा कि 'ये चुनावी सभा, रैली भी नहीं, रैला भी नहीं है। ये तो परिर्वतन के संकल्प का मेला नजर आ रहा है। ये साफ दिख रहा है कि 8 तारीख की बिहार की दिवाली कैसी होगी। ये चुनाव बिहार ही नहीं, पूरे हिन्दुस्तान के लिए दो-दो दिवाली लेकर आएगा और एक छोटी सी दिवाली की शुरुआत हो चुकी है।
'नीतीश-लालू पर कटाक्ष'
उन्होंने कहा, मैं नीतीश कुमार-लालू यादव से पूछना चाहता हूं कि 'परम आदरणीय लोकतांत्रिक नीतीश बाबू, परम आदरणीय हिंदुस्तान के सबसे बड़े तांत्रिक होने का दावा करने वाले लालू जी बिहार की जनता आपसे पूछना चाहती है कि बिहार के नौजवानों को बाहरी किसने बनाया। उन्हें बाहर जाने के लिए किसने मजबूर किया। इन्हें बाहर किसने धकेला। 25 साल में दो-दो पीढि़यों को तबाह कर दिया। हर समस्या का समाधान विकास की जड़ी-बूटी में है। मैं लंबे-चौड़े वादे और गुमराह नहीं करने आया। बिहार में लालू-नीतीश के दिन लद गए।'
'बिजली न मिलने से राज्य को हुआ नुकसान'
प्रधानमंत्री ने कहा, अगर 25 सालों में राज्य में बिजली पहुंची होती तो कारखाने चलते, किसान को पानी मिलता, नौजवानों को रोजगार मिलता, लेकिन इन लोगों (नीतीश और लालू) को अपने परिवार के अलावा किसी और की चिंता नहीं। अगर राजग की सरकार बनेगी तो मैं राज्य सरकार से कहूंगा कि कमेटी का गठन कर यहां उद्योग कैसे शुरू हो, उसकी छानबीन कर नौजवानों को रोजगार दिलाने को कहूंगा।
'नीतीश की मेरी प्रति विरोध भक्ति काबिले-दाद है'
पीएम ने आगे कहा, नीतीश कुमार मुझे दिन-रात याद करते रहते हैं। उनकी विरोध भक्ति काबिले-दाद हैं। वो मुझे सवाल पूछते रहते हैं। आपको बता दूं कि महा'स्वार्थ'बंधन में तीन लोग हैं, बड़े भाई-छोटे भाई और मैडम। लेकिन पहली बार मुझे पता चला कि इस महा'स्वार्थ'बंधन में तीन नहीं चार खिलाड़ी हैं। एक लालू, दूसरे नीतीश, तीसरी मैडम सोनिया जी और चौथा तांत्रिक। पीएम ने नीतीश के तांत्रिक से मिलने पर भी चुटकी ली और कहा कि तंत्र-मंत्र से लोकतंत्र नहीं चलता। साथ ही आरजेडी का मतलब राष्ट्रीय जादू-टोना पार्टी बताया।
'पीएम की 6 दिनों में 17 रैलियां'
पीएम अगले 6 दिनों के दौरान राज्य में 17 रैलियों को संबोधित करेंगे। आज पीएम मोदी की छपरा के मढौरा के बाद पटना के नौबतपुर, नालंदा और हाजीपुर में रैलियां हैं।
'रैलियों को लेकर पार्टी की नीतियों में बदलाव'
पीएम की रैलियों को लेकर पार्टी ने अपनी नीति में एक बदलाव और किया है। अभी तक पीएम की रैलियां ज़िला मुख्यालय में ही कराई जा रही थी, लेकिन अब इन्हें ब्लॉक स्तर पर भी कराया जा रहा है। बीजेपी इस चुनाव को जीतने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रही है और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ा जा रहा ये चुनाव पार्टी के लिए साख का सवाल बन गया है। चुनाव की गंभीरता को खुद पीएम भी बखूबी जान रहे हैं, इसीलिए उन्होंने आक्रामक तरीके से प्रचार करने का फ़ैसला किया है। इसके अलावा दादरी और हरियाणा में दलितों की हत्या जैसी घटनाओं ने भी चुनावी मौसम में बीजेपी की मुश्किलों को बढ़ा दिया है।
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