विज्ञापन
This Article is From Sep 23, 2016

कावेरी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश नकारकर अब विधायकों को जोड़ रही है कर्नाटक सरकार

कावेरी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश नकारकर अब विधायकों को जोड़ रही है कर्नाटक सरकार
  • शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा की विशेष बैठक आहूत की है सीएम सिद्धरमैया ने
  • तमिलनाडु को पानी देने के SC के आदेश को नकारने का अनुमोदन करेगा सदन
  • SC का सम्मान करते हैं, लेकिन इंसानों को पानी देना प्राथमिकता : सिद्धरमैया
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
बेंगलुरू: पानी की किल्लत से जूझ रहे तमिलनाडु को कावेरी नदी का अधिक पानी दिए जाने या नहीं दिए जाने पर फैसला करने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को विधानसभा की विशेष बैठक आहूत की है.

राज्य की कांग्रेस सरकार ने दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के रोज़ाना 6,000 क्यूसेक पानी तमिलनाडु को दिए जाने के आदेश को टालने का फैसला किया था, और अब राज्य विधानसभा द्वारा उस फैसले का सर्वसम्मति से अनुमोदन किए जाने की संभावना है.

कर्नाटक का कहना है कि उनके पास पीने के लिए भी पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं है, सो, ऐसे में तमिलनाडु की फसलों के लिए पानी देना उनके लिए संभव नहीं है.

कर्नाटक ने कोर्ट से यह भी कहा कि उसे कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ जाने की भी आशंका है, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच दशकों से चले आ रहे कावेरी मुद्दे को लेकर पिछले कुछ हफ्तों में राज्यभर में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं.

NDTV के साथ खास बातचीत में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि अगले सात दिन तक तमिलनाडु को रोज़ 6,000 क्यूसेक पानी दिए जाने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला 'अवांछित' है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु को पानी नहीं दिए जाने का उनका फैसला उनके हिसाब से कोर्ट की अवमानना नहीं है.

कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया ने कहा, "कोर्ट को वास्तविकता बता दी गई, परंतु उसके बाद भी इस तरह का आदेश दिया गया... हम लोग जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं कर रहे हैं... हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं, लेकिन हमें इंसानों को तो पानी देना ही होगा..."

इस मुद्दे पर सिद्धरमैया को राज्य के सभी राजनैतिक दलों का समर्थन हासिल है. एक सर्वदलीय बैठक में राज्य कैबिनेट के उस आदेश को सर्वसम्मत समर्थन मिला, जिसमें कहा गया था कि कर्नाटक सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों क पालन नहीं कर सकता है. बीजेपी बैठक से दूर रही थी, लेकिन उनके राज्य इकाई प्रमुख बीएस येदियुरप्पा ने बैबिनेट के फैसले का स्वागत किया है.

बीजेपी आज विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होगी.

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया कर्नाटक के इस रुख पर समर्थन हासिल करने के लिए कई बार कई बैठकें कर चुके हैं. वह इस मुद्दे पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती से मिलने के लिए दिल्ली गए थे, जबकि बेंगलुरू में उन्होंने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा से मुलाकात की थी, जिन्होंने वर्ष 2002 में बिल्कुल ऐसी ही स्थिति से सामना होने पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं माना था, और पदयात्रा निकाली थी.

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बताया, "एसएम कृष्णा ने मुझे कहा कि हमें पानी को राज्य के लिए बचाना ही होगा... इंसानों को पानी देना पहली प्राथमिकता है..."

उस मुद्दे पर एसएम कृष्णा ने बाद में सुप्रीम कोर्ट से माफी भी मांगी थी, लेकिन अब गुरुवार को उन्होंने सिद्धरमैया के फैसले को 'साहसी कदम, साहसी फैसला' बताते हुए उसकी तारीफ की और यह भी कहा, "महात्मा गांधी ने एक बार कहा था कि अगर खुद कानून भी मानव प्रकृति के विरुद्ध हो, तो ऐसे कानून को नकार देना ही एकमात्र उपाय होता है..."

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
कर्नाटक विधानसभा, विधानसभा की विशेष बैठक, सिद्धरमैया, कावेरी जल विवाद, कर्नाटक-तमिलनाडु विवाद, सुप्रीम कोर्ट, Karnataka Assembly Meet, Cauvery Water Issue, Cauvery Water Dispute, Supreme Court, Cauvery Verdict, Siddaramaiah
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com