आजाद भारत के इतिहास में मुंबई हमला सबसे बड़ा आतंकी हमला था...
नई दिल्ली:
भारत को आजाद हुए 70 साल हो चुके हैं. इन 70 वर्षों में देश के कई क्षेत्रों में तरक्की की है लेकिन इस दौरान देश आतंकवाद का दंश भी झेलता रहा. हालांकि, आतंकवाद से आज पूरी दुनिया झुलस रही है. पिछले कुछ वर्षों में भारत आतंकियों के निशाने पर सबसे ज्यादा रहा है लेकिन हर बार की तरह देश इससे संभला और फिर प्रगति की नई दिशा में आगे बढ़ा. चलिए एक नजर देश में हुए 7 बड़े आतंकी हमलों पर डाल लेते हैं :
1. 26/11 मुंबई आतंकी हमला
आजाद भारत के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला था. 10 फिदायीन आतंकवादी समुद्र के रास्ते मुंबई आये और निर्दोष लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाना शुरू कर दिया. इन आतंकियों ने नरीमन हाउस, ताज होटल और ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल पर कब्ज़ा कर लिया था. साथ ही छत्रपति शिवजी टर्मिनस, लियोपोल्ड कैफ़े, कामा हॉस्पिटल और मेट्रो सिनेमा पर भी हमले किये. कमांडोज और आतंवादियों के बीच चली चार दिन तक चली मुठभेड़ केके बाद समाप्त हुआ. अजमल कसाब को जि़ंदा पकड़ लिया गया. 26/11 के मुंबई हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 293 घायल हुए थे. एकमात्र आतंकी अजमल आमिर कसाब पकड़ा गया, जिसे पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के बाद फांसी की सजा दी गई.
2. 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट
12 मार्च 1993 को मुंबई पहली बार सीरियल बम ब्लास्ट से दहल उठी थी. इस दिन मुंबई के अलग-अलग हिस्सों में कुल 12 धमाके हुए. इसमें 257 लोगों की जान गई थी जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इन धमाकों के पीछे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसकी डी कंपनी का हाथ बताया गया. ये धमाके माहिम सेतु के पास मछुवारों की कॉलोनी में, जवेरी बाजार, प्लाजा सिनेमा, सेंचुरी बाजार, काथा बाजार, होटल सी रॉक, सहार एयरपोर्ट टर्मिनल, एयर इंडिया बिल्डिंग, होटल जूहू सेंटूर, वर्ली, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बिल्डिंग में हुए थे.
3. 2001 भारतीय संसद पर हमला
भारत में लोकतंत्र के मंदिर कहे जाने वाले संसद भवन पर 13 दिसबंर 2001 को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादी ने हमला कर दिया. हमले के वक्त संसद भवन में करीब 100 राजनेता मौजूद थे. मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मार गिराया, लेकिन इस कार्रवाई में 6 पुलिसकर्मी व संसद भवन ने 3 कर्मचारी शहीद हो गए. इस हमले में ज़्यादा लोगों की जानें नहीं गयीं, लेकिन आतंकवादियों का संसद भवन तक पहुंचना बहुत बड़ी बात थी. आतंकवादियों ने जाली संसद भवन और गृह मंत्रालय के स्टीकर्स अपनी कार पर लगाकर सिक्योरिटी को पार किया.
4. 2005 दिल्ली सीरियल बम ब्लास्ट
दीपावली से ठीक दो दिन पहले 29 अक्टूबर 2005 को दिल्ली में हुए सीरियल बम ब्लास्ट ने राजधानी को दलहा दिया. सरोजनी नगर की व्यस्त मार्केट और पहाड़गंज के मुख्य बाजार में
धनतेरस की भीड़ के बीच हुए बम धमाकों ने कई लोगों की जान ले ली थी. तीसरा धमाका गोविंदपुरी में एक डीटीसी बस में हुआ. हालांकि बस कंडक्टर ने जब संदिग्ध सामान देखा तो उसने तुरंत बस को खाली करवा लिया. तीनों धमाकों में कुल 63 लोगों की मौत हुई, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. ये हमले पाकिस्तानी संगठन इस्लामिक रेवोलुशनरी फ्रंट ने करवाये थे.
5. 2006 मुंबई ट्रेन धमाके
11 जुलाई 2006 को मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों में 7 बम धमाके हुए. यह धमाके उस वक्त हुए, शाम के वक्त हुए. लोग दफ्तरों से घरों की ओर लौट रहे थे. इसी वजह से इन धमाकों में मृतकों की संख्या भी 210 तक पहुंच गई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. सभी बम ट्रेनों की फर्स्ट क्लास कोच में प्रेशर कुकर में छिपाकर रखे गए थे. इन धमाकों में इंडियन मुजाहिद्दीन नाम के आंतकवादी संगठन का हाथ था. खार रोड - शांताक्रूज, बांद्रा - खार रोड, जोगेश्वरी, माहिम जंक्शन, मीरा रोड - भयंदर, माटुंगा रोड - माहिम जंक्शन और बोरीवली में यह धमाके हुए थे.
6. 2008 जयपुर धमाके
राजस्थान की राजधानी और पिंक सिटी नाम से मशहूर जयपुर में 13 मई 2008 को शाम साढ़े सात बजे के आसपास 15 मिनट के अंदर 9 बम धमाके हुए. आतंकियों ने इन धमाकों से पिंक सिटी को खून से लाल कर दिया. इन धमाकों में 63 लोगों जान चली गई, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. आतंकवादियों ने कुल 10 बम रखे थे और 10वें बम को
फटने से पहले ही बरामद करके डिफ्यूज कर दिया गया. जयपुर में अपनी तरह का यह पहला आतंकी हमला था और इंडियन मुजाहिद्दीन ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली थी.
7. पठानकोट आतंकी हमला
जनवरी 2016 में आतंकियों ने पंजाब के पठानकोट एयर फोर्स स्टेशन को निशाना बनाकर पूरे देश को हिला कर रख दिया. आतंकी हमला लगातार पांच दिनों तक जारी रहा. इस ऑपरेशन में 7 जवान शहीद हो गए थे. जबाबी कार्रवाई में जवानों ने 6 आतंकियों को भी मौत के घाट उतार दिया.
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1. 26/11 मुंबई आतंकी हमला
आजाद भारत के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला था. 10 फिदायीन आतंकवादी समुद्र के रास्ते मुंबई आये और निर्दोष लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाना शुरू कर दिया. इन आतंकियों ने नरीमन हाउस, ताज होटल और ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल पर कब्ज़ा कर लिया था. साथ ही छत्रपति शिवजी टर्मिनस, लियोपोल्ड कैफ़े, कामा हॉस्पिटल और मेट्रो सिनेमा पर भी हमले किये. कमांडोज और आतंवादियों के बीच चली चार दिन तक चली मुठभेड़ केके बाद समाप्त हुआ. अजमल कसाब को जि़ंदा पकड़ लिया गया. 26/11 के मुंबई हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 293 घायल हुए थे. एकमात्र आतंकी अजमल आमिर कसाब पकड़ा गया, जिसे पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के बाद फांसी की सजा दी गई.
2. 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट
12 मार्च 1993 को मुंबई पहली बार सीरियल बम ब्लास्ट से दहल उठी थी. इस दिन मुंबई के अलग-अलग हिस्सों में कुल 12 धमाके हुए. इसमें 257 लोगों की जान गई थी जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इन धमाकों के पीछे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसकी डी कंपनी का हाथ बताया गया. ये धमाके माहिम सेतु के पास मछुवारों की कॉलोनी में, जवेरी बाजार, प्लाजा सिनेमा, सेंचुरी बाजार, काथा बाजार, होटल सी रॉक, सहार एयरपोर्ट टर्मिनल, एयर इंडिया बिल्डिंग, होटल जूहू सेंटूर, वर्ली, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बिल्डिंग में हुए थे.
3. 2001 भारतीय संसद पर हमला
भारत में लोकतंत्र के मंदिर कहे जाने वाले संसद भवन पर 13 दिसबंर 2001 को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादी ने हमला कर दिया. हमले के वक्त संसद भवन में करीब 100 राजनेता मौजूद थे. मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मार गिराया, लेकिन इस कार्रवाई में 6 पुलिसकर्मी व संसद भवन ने 3 कर्मचारी शहीद हो गए. इस हमले में ज़्यादा लोगों की जानें नहीं गयीं, लेकिन आतंकवादियों का संसद भवन तक पहुंचना बहुत बड़ी बात थी. आतंकवादियों ने जाली संसद भवन और गृह मंत्रालय के स्टीकर्स अपनी कार पर लगाकर सिक्योरिटी को पार किया.
4. 2005 दिल्ली सीरियल बम ब्लास्ट
दीपावली से ठीक दो दिन पहले 29 अक्टूबर 2005 को दिल्ली में हुए सीरियल बम ब्लास्ट ने राजधानी को दलहा दिया. सरोजनी नगर की व्यस्त मार्केट और पहाड़गंज के मुख्य बाजार में
धनतेरस की भीड़ के बीच हुए बम धमाकों ने कई लोगों की जान ले ली थी. तीसरा धमाका गोविंदपुरी में एक डीटीसी बस में हुआ. हालांकि बस कंडक्टर ने जब संदिग्ध सामान देखा तो उसने तुरंत बस को खाली करवा लिया. तीनों धमाकों में कुल 63 लोगों की मौत हुई, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. ये हमले पाकिस्तानी संगठन इस्लामिक रेवोलुशनरी फ्रंट ने करवाये थे.
5. 2006 मुंबई ट्रेन धमाके
11 जुलाई 2006 को मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों में 7 बम धमाके हुए. यह धमाके उस वक्त हुए, शाम के वक्त हुए. लोग दफ्तरों से घरों की ओर लौट रहे थे. इसी वजह से इन धमाकों में मृतकों की संख्या भी 210 तक पहुंच गई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. सभी बम ट्रेनों की फर्स्ट क्लास कोच में प्रेशर कुकर में छिपाकर रखे गए थे. इन धमाकों में इंडियन मुजाहिद्दीन नाम के आंतकवादी संगठन का हाथ था. खार रोड - शांताक्रूज, बांद्रा - खार रोड, जोगेश्वरी, माहिम जंक्शन, मीरा रोड - भयंदर, माटुंगा रोड - माहिम जंक्शन और बोरीवली में यह धमाके हुए थे.
6. 2008 जयपुर धमाके
राजस्थान की राजधानी और पिंक सिटी नाम से मशहूर जयपुर में 13 मई 2008 को शाम साढ़े सात बजे के आसपास 15 मिनट के अंदर 9 बम धमाके हुए. आतंकियों ने इन धमाकों से पिंक सिटी को खून से लाल कर दिया. इन धमाकों में 63 लोगों जान चली गई, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. आतंकवादियों ने कुल 10 बम रखे थे और 10वें बम को
फटने से पहले ही बरामद करके डिफ्यूज कर दिया गया. जयपुर में अपनी तरह का यह पहला आतंकी हमला था और इंडियन मुजाहिद्दीन ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली थी.
7. पठानकोट आतंकी हमला
जनवरी 2016 में आतंकियों ने पंजाब के पठानकोट एयर फोर्स स्टेशन को निशाना बनाकर पूरे देश को हिला कर रख दिया. आतंकी हमला लगातार पांच दिनों तक जारी रहा. इस ऑपरेशन में 7 जवान शहीद हो गए थे. जबाबी कार्रवाई में जवानों ने 6 आतंकियों को भी मौत के घाट उतार दिया.
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