Papankusha Ekadashi 2024: हर माह की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत होता है. आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहा जाता है. इस व्रत के दिन भगवान विष्णु ( Lord Vishnu) के श्री पद्मनाभ जी स्वरूप की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन का व्रत रखने से जन्मभर के पापों से मुक्ति प्राप्त होती है और इसीलिए इस एकादशी का नाम पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) है. इसके साथ ही विधि-विधान से व्रत करने वालों को भगवान विष्णु की कृपा सें मोक्ष की प्राप्ति होती है. जानिए इस एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु को किन चीजों को भोग लगाना चाहिए.
पापांकुशा एकादशी पर भगवान विष्णु के लिए भोग
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ में भोग का विशेष महत्व है. विधि-विधान से पूजा के बाद प्रभु को उनकी प्रिय चीजों को भोग लगाने से ही पूजा संपन्न मानी जाती है. पापांकुशा एकादशी के दिन मौसम में आए फल, पंजीरी, केसर की खीर, पंचामृत का भोग लगाने से भगवान विष्णु अत्संत प्रसन्न होते हैं. प्रभु को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. भगवान विष्णु को एकादशी का दिन अत्यंत प्रिय है और वे इस दिन भक्तों पर विशेष प्रसन्न रहते हैं. फल, पंजीरी, केसर की खीर, पंचामृत उपलब्ध ना होने पर किसी भी सात्विक भोजन में तुलसी के पत्ते (Tulsi Leaves) डालकर भोग के रूप में भगवान विष्णु को अर्पित करना चाहिए.
पापांकुशा एकादशी पर शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, 13 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 8 मिनट पर आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि शुरू होगी और 14 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगी. इस साल 13 अक्टूबर रविवार को पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा जाएगा.
पापांकुशा एकादशी पर करें इन चीजों का दान
पापांकुशा एकादशी के दिन दान करने से पापों से मुक्ति मिलती है. इस दिन वस्त्र, अन्न, धन, तुलसी के पौधे, मोरपंख और कामधेनु की प्रतिमा का दान करना अत्यंत विशेष रूप से फलदायक माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)