विजय माल्या की फाइल फोटो.
नई दिल्ली:
राजस्थान और मध्य प्रदेश में बीजेपी की हार के बाद कांग्रेस की सरकार बनने जा रही. दोनों प्रदेशों में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी में दो युवा नेताओं का नाम उछल रहा. मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया तो राजस्थान में सचिन पायलट रेस में माने जा रहे. हालांकि सूत्र दोनों राज्यों में कमनाथ और अशोक गहलोत जैसे अनुभवी नेताओं को ही मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात कह रहे. इधर बीच बैंकों का नौ हजार करोड़ से भी अधिक लेकर फरार हुए भगोड़े विजय माल्या ने दोनों युवा कांग्रेसी नेताओं को लंदन से बधाई भेजी है. विजय माल्या ने ट्वीट किया- यंग चैंपियन सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया को बहुत-बहुत बधाई.
बता दें कि पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में हिंदी हार्टलैंड के तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की हार हुई है और भाजपा की यह हार काफी मायने रखती है. क्योंकि 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले तीन राज्यों में हार का झटका एक ओर भाजपा की उत्साह को कम करता है, वहीं 2019 के महामुकाबले के लिए कांग्रेस के मनोबल को बढ़ाता है. हालांकि, परिणाम सामने आने के बाद हर पार्टियां अपने नतीजों पर आत्मचिंतन और मंथन करेगी.
जाहिर सी बात है कि बीजेपी भी उन कमियों की तलाश में होगी, जिसकी वजह से उसे इतनी ब़ड़ी हार मिली और एक ही झटके में तीन बड़े राज्य उसके हाथ से चले गए. इसके अलावा, अब सबके मन में हार-जीत के कारणों को जानने की इच्छा होगी. आखिर क्या वजह रही कि बिना गठबंधन के भी कांग्रेस ने इन राज्यों में जीत दर्ज की है. पिछले एक साल से अब तक क्या बदला है..क्या वो फैक्टर्स हैं जिन्होंने बीजेपी को नुकसान पहुंचाया, तो चलिए जानते हैं...
अगर चुनावी नतीजों पर गौर करें तो इन चुनावों में नोटबंदी, जीएसटी से भाजपा को सबसे ज्यादा झटका लगा है. क्योंकि भाजपा के वोट शेयर और उसके सीटों की स्थिति को देखें तो शहरी क्षेत्रों में भाजपा को भारी नुकसान हुआ है. मध्य प्रदेश में शहरी क्षेत्रों की सीटों में भाजपा को 54 फीसद और राजस्थान में 41 फीसदी का नुकसान हुआ है.
वीडियो- आखिर क्या चाहते हैं राजस्थान के नौजवान ?
विजय माल्या के इस ट्वीट पर लोगों ने उन्हें ट्रोल भी किया. मुकेश कुमार दुबे ने कहा- इज्जत से भारत आओ, गरीबों का पैसा लौटाओ, भारतीय कानून के तहत सजा का हकदार बनो. नवीन वशिष्ठ ने ट्वीट किया- अब तो आपको भारत में भी कुछ सेफ जगह मिल जाएगी. अब बिना किसी टेंशन में आइए, तीन राज्य आपके लिए ही हैं.Young Champions @SachinPilot and @JM_Scindia Many congratulations.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) December 13, 2018
अब तो आपको भारत मे भी कुछ सेफ जगह मिल जाएगी
— नवीन वशिष्ठ (@VashishtNavi) December 13, 2018
अब बिना किसी टेंशन आइए तीन नए राज्य आपके लिए ही है
बता दें कि पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में हिंदी हार्टलैंड के तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की हार हुई है और भाजपा की यह हार काफी मायने रखती है. क्योंकि 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले तीन राज्यों में हार का झटका एक ओर भाजपा की उत्साह को कम करता है, वहीं 2019 के महामुकाबले के लिए कांग्रेस के मनोबल को बढ़ाता है. हालांकि, परिणाम सामने आने के बाद हर पार्टियां अपने नतीजों पर आत्मचिंतन और मंथन करेगी.
यह रिश्ता क्या कहलाता है...
— विशाल (@Vishu_Vishu_) December 13, 2018
जाहिर सी बात है कि बीजेपी भी उन कमियों की तलाश में होगी, जिसकी वजह से उसे इतनी ब़ड़ी हार मिली और एक ही झटके में तीन बड़े राज्य उसके हाथ से चले गए. इसके अलावा, अब सबके मन में हार-जीत के कारणों को जानने की इच्छा होगी. आखिर क्या वजह रही कि बिना गठबंधन के भी कांग्रेस ने इन राज्यों में जीत दर्ज की है. पिछले एक साल से अब तक क्या बदला है..क्या वो फैक्टर्स हैं जिन्होंने बीजेपी को नुकसान पहुंचाया, तो चलिए जानते हैं...
अगर चुनावी नतीजों पर गौर करें तो इन चुनावों में नोटबंदी, जीएसटी से भाजपा को सबसे ज्यादा झटका लगा है. क्योंकि भाजपा के वोट शेयर और उसके सीटों की स्थिति को देखें तो शहरी क्षेत्रों में भाजपा को भारी नुकसान हुआ है. मध्य प्रदेश में शहरी क्षेत्रों की सीटों में भाजपा को 54 फीसद और राजस्थान में 41 फीसदी का नुकसान हुआ है.
वीडियो- आखिर क्या चाहते हैं राजस्थान के नौजवान ?
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