राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ कांग्रेस नेता
नई दिल्ली:
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में सभी 230 सीटों के परिणाम आने के बाद 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश किया है. कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह समेत कई नेता राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की और राज्य में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का दावा पेश किया. इससे पहले कांग्रेस ने राज्यपाल मिलने के लिए समय मांगा था, जिस पर अब राजभवन ने हामी भर दी थी.
मायावती ने पहले कांग्रेस को फटकारा, फिर समर्थन देने का किया एलान, कहा- भाजपा को सत्ता से दूर रखना है
सभी 230 सीटों पर परिणाम आने के बाद कांग्रेस को 114, भाजपा के 109, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दो, समाजवादी पार्टी को एक और निर्दलीय उम्मीदवारों को चार सीटें मिली हैं. प्रदेश में 230 सीटों वाली विधानसभा में किसी भी पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए 116 सीटें होनी जरूरी हैं. चूंकि किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, ऐसे में सत्ता की कुंजी बसपा, सपा और चार निर्दलीय विधायकों के पास थी, मगर मायावती के ऐलान से अब सब साफ हो गया है. मगर बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. इससे पहले सपा ने भी कांग्रेस को ही समर्थन देने का ऐलान किया है. इस तरह से कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से काफी आगे है.
मध्य प्रदेश में ना कांग्रेस और ना ही बीजेपी को बहुमत, अब सरकार बनाने में इनकी होगी अहम भूमिका
गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार रात को ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर सरकार बनाने दावा पेश किया था. इसके लिये उन्होंने राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा था और कहा कि उनके दल के पास सरकार बनाने का पर्याप्त आंकड़ा है और उन्हें अन्य दलों और निर्दलीयों का समर्थन हासिल है. बुधवार तड़के संवाददाताओं से बातचीत में कमलनाथ ने कहा कि सरकार बनाने के लिये हमारे पास बहुमत का आंकड़ा है. बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और यहां तक की निर्दलीय भी हमारे साथ हैं.हमने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है और हम उन्हें हमारे बहुमत के बारे में बताकर सरकार बनाने की अनुमति देने का आग्रह करेगें. उन्होंने कहा कि पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुधवार शाम को बुलाई गई है.
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने इन तीन दिग्गजों को सौंपी कमान
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अभी तक पद से इस्तीफा नहीं दिया है. इस बीच भाजपा का कहना है कि कांग्रेस को सरकार बनाने के लायक जनादेश नहीं मिला है. पार्टी का दावा है कि अन्य दल और निर्दलीय उसके संपर्क में हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने मंगलवार देर रात को ट्वीट किया, ‘प्रदेश में कांग्रेस को जनादेश नहीं है। कई निर्दलीय और अन्य भाजपा के संपर्क में हैं। कल राज्यपाल महोदया से मिलेंगे.'
Election Results 2018: विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राहुल गांधी ने बताया कि उन्होंने PM मोदी से क्या सीखा
प्रदेश के मुख्यमंत्री और सत्तारुढ़ भाजपा की ओर से चौथी दफा मुख्यमंत्री पर के दावेदार शिवराज सिंह चौहान अपनी परम्परागत सीट बुधनी से 58,999 मतों के भारी अंतर से चुनाव जीत गये हैं. उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव को पराजित किया. कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे अर्जुन सिंह के पुत्र और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह अपनी परम्परागत सीट चुरहट से चुनाव हार गये हैं. वहीं, कांग्रेस ने इस विधानसभा चुनाव में अपने किसी भी नेता को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर पेश नहीं किया लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं. दोनों नेता फिलहाल क्रमश: छिंदवाड़ा और गुना से लोकसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस विधानसभा चुनाव में मैदान में नहीं उतरे थे.
VIDEO: मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने राज्यपाल से मिलने का मांगा समय
मायावती ने पहले कांग्रेस को फटकारा, फिर समर्थन देने का किया एलान, कहा- भाजपा को सत्ता से दूर रखना है
सभी 230 सीटों पर परिणाम आने के बाद कांग्रेस को 114, भाजपा के 109, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दो, समाजवादी पार्टी को एक और निर्दलीय उम्मीदवारों को चार सीटें मिली हैं. प्रदेश में 230 सीटों वाली विधानसभा में किसी भी पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए 116 सीटें होनी जरूरी हैं. चूंकि किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, ऐसे में सत्ता की कुंजी बसपा, सपा और चार निर्दलीय विधायकों के पास थी, मगर मायावती के ऐलान से अब सब साफ हो गया है. मगर बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. इससे पहले सपा ने भी कांग्रेस को ही समर्थन देने का ऐलान किया है. इस तरह से कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से काफी आगे है.
मध्य प्रदेश में ना कांग्रेस और ना ही बीजेपी को बहुमत, अब सरकार बनाने में इनकी होगी अहम भूमिका
गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार रात को ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर सरकार बनाने दावा पेश किया था. इसके लिये उन्होंने राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा था और कहा कि उनके दल के पास सरकार बनाने का पर्याप्त आंकड़ा है और उन्हें अन्य दलों और निर्दलीयों का समर्थन हासिल है. बुधवार तड़के संवाददाताओं से बातचीत में कमलनाथ ने कहा कि सरकार बनाने के लिये हमारे पास बहुमत का आंकड़ा है. बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और यहां तक की निर्दलीय भी हमारे साथ हैं.हमने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है और हम उन्हें हमारे बहुमत के बारे में बताकर सरकार बनाने की अनुमति देने का आग्रह करेगें. उन्होंने कहा कि पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुधवार शाम को बुलाई गई है.
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने इन तीन दिग्गजों को सौंपी कमान
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अभी तक पद से इस्तीफा नहीं दिया है. इस बीच भाजपा का कहना है कि कांग्रेस को सरकार बनाने के लायक जनादेश नहीं मिला है. पार्टी का दावा है कि अन्य दल और निर्दलीय उसके संपर्क में हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने मंगलवार देर रात को ट्वीट किया, ‘प्रदेश में कांग्रेस को जनादेश नहीं है। कई निर्दलीय और अन्य भाजपा के संपर्क में हैं। कल राज्यपाल महोदया से मिलेंगे.'
Election Results 2018: विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राहुल गांधी ने बताया कि उन्होंने PM मोदी से क्या सीखा
प्रदेश के मुख्यमंत्री और सत्तारुढ़ भाजपा की ओर से चौथी दफा मुख्यमंत्री पर के दावेदार शिवराज सिंह चौहान अपनी परम्परागत सीट बुधनी से 58,999 मतों के भारी अंतर से चुनाव जीत गये हैं. उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव को पराजित किया. कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे अर्जुन सिंह के पुत्र और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह अपनी परम्परागत सीट चुरहट से चुनाव हार गये हैं. वहीं, कांग्रेस ने इस विधानसभा चुनाव में अपने किसी भी नेता को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर पेश नहीं किया लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं. दोनों नेता फिलहाल क्रमश: छिंदवाड़ा और गुना से लोकसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस विधानसभा चुनाव में मैदान में नहीं उतरे थे.
VIDEO: मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने राज्यपाल से मिलने का मांगा समय
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं