छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल को कांग्रेस ने बनाया मुख्यमंत्री.
नई दिल्ली:
राजस्थान और मध्य प्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस ने नाम तय कर लिया. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाया है. पार्टी ने उनके नाम की आधिकारिक घोषणा भी कर दी है. इस बार कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में एंटी इन्कमबेंसी का जबर्दस्त फायदा उठाते हुए प्रचंड बहुमत से जीत हासिल कर 15 वर्षों से सत्ता में काबिज बीजेपी को उखाड़ फेंका. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के चयन के लिए विधायकों से पहले ही राहुल गांधी की बात हो चुकी थी. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने विधायकों की बैठक में चर्चा के बाद दिल्ली पहुंचकर राहुल गांधी को उनकी राय बताई थी. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के दो प्रमुख दावेदार थे. एक भूपेश बघेल और दूसरे राज्य के सबसे अमीर विधायक टीएस सिंहदेव. मगर कांग्रेस नेतृत्व ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाना ज्यादा बेहतर समझा.
भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं. कद्दावर नेता माने जाते हैं. संगठन पर मजबूत पकड़ के चलते भूपेश बघेल का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए फाइनल हुआ. रमन सिंह सरकार के खिलाफ हमेशा बिगुल फूंकते रहे. इसके चलते कई बार मुकदमों में भी फंसे, मगर डिगे नहीं. भूपेश बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के पाटन तहसील में हुआ. कुर्मियों में इनका अच्छा जनाधार माना जाता है. मुख्यमंत्री चयन में कुर्मी जनाधार भी इनके लिए प्लस प्वाइंट रहा. 1985 से कांग्रेस से जुड़कर राजनीति कर रहे हैं. पहली बार 1993 में विधायक बने थे.मध्य प्रदेश की दिग्विजय सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. वर्ष 2000 में अजित जोगी सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रहे. बघेल की दावेदारी इसलिए भी मजबूत बताई जा रही, क्योंकि उन्होंने इस बार विधानसभा चुनाव में संगठन में गुटबाजी को काफी कम करने में अहम भूमिका निभाई. राज्य का एक धड़ा उन्हें सीएम के रूप में देखना चाहता है. हालांकि पिछले साल बीजेपी सरकार के एक मंत्री राजेश मूणत की कथित सेक्स सीडी सामने आई थी. इस मामले में कथित कनेक्शन होने के आरोप में बीजेपी की सरकार में उनकी गिरफ्तारी हुई थी.जिसका काफी विरोध हुआ था.
टीएस सिंहदेव भी रहे दावेदार
टीएस सिंहदेव का भी नाम छत्तीसगढ़ में सीएम पद के दावेदार के रूप में उछलता रहा. मगर वह भूपेश बघेल के आगे रेस में नहीं टिक सके. टीएस सिंहदेव का पूरा नाम है त्रिभुवनेश्वर शरण सिंह देव. टीएस बाबा के नाम से चर्चित त्रिभुवनेश्वर शरण राज्य के सबसे धनी विधायक हैं. पांच सौ करोड़ से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं. सरगुजा रियासत के राजा भी हैं. वह अंबिकापुर सीट से विधायक हैं. नक्सली हमले में विद्याचरण शुक्ल, नंद कुमार पटेल, महेंद्र वर्मा जैसे नेताओं की हत्या के बाद उनका कद राज्य की राजनीति में तेजी से बढ़ा. सोनिया और राहुल गांधी का करीबी होने के कारण टीएस सिंहदेव की दावेदारी मजबूत बताई जाती रही.
भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं. कद्दावर नेता माने जाते हैं. संगठन पर मजबूत पकड़ के चलते भूपेश बघेल का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए फाइनल हुआ. रमन सिंह सरकार के खिलाफ हमेशा बिगुल फूंकते रहे. इसके चलते कई बार मुकदमों में भी फंसे, मगर डिगे नहीं. भूपेश बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के पाटन तहसील में हुआ. कुर्मियों में इनका अच्छा जनाधार माना जाता है. मुख्यमंत्री चयन में कुर्मी जनाधार भी इनके लिए प्लस प्वाइंट रहा. 1985 से कांग्रेस से जुड़कर राजनीति कर रहे हैं. पहली बार 1993 में विधायक बने थे.मध्य प्रदेश की दिग्विजय सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. वर्ष 2000 में अजित जोगी सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रहे. बघेल की दावेदारी इसलिए भी मजबूत बताई जा रही, क्योंकि उन्होंने इस बार विधानसभा चुनाव में संगठन में गुटबाजी को काफी कम करने में अहम भूमिका निभाई. राज्य का एक धड़ा उन्हें सीएम के रूप में देखना चाहता है. हालांकि पिछले साल बीजेपी सरकार के एक मंत्री राजेश मूणत की कथित सेक्स सीडी सामने आई थी. इस मामले में कथित कनेक्शन होने के आरोप में बीजेपी की सरकार में उनकी गिरफ्तारी हुई थी.जिसका काफी विरोध हुआ था.
टीएस सिंहदेव भी रहे दावेदार
टीएस सिंहदेव का भी नाम छत्तीसगढ़ में सीएम पद के दावेदार के रूप में उछलता रहा. मगर वह भूपेश बघेल के आगे रेस में नहीं टिक सके. टीएस सिंहदेव का पूरा नाम है त्रिभुवनेश्वर शरण सिंह देव. टीएस बाबा के नाम से चर्चित त्रिभुवनेश्वर शरण राज्य के सबसे धनी विधायक हैं. पांच सौ करोड़ से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं. सरगुजा रियासत के राजा भी हैं. वह अंबिकापुर सीट से विधायक हैं. नक्सली हमले में विद्याचरण शुक्ल, नंद कुमार पटेल, महेंद्र वर्मा जैसे नेताओं की हत्या के बाद उनका कद राज्य की राजनीति में तेजी से बढ़ा. सोनिया और राहुल गांधी का करीबी होने के कारण टीएस सिंहदेव की दावेदारी मजबूत बताई जाती रही.
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