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This Article is From Dec 13, 2018

Kamal Nath Profile: मध्यप्रदेश के नवनियुक्त सीएम कमलनाथ को तीसरा बेटा मानती थीं इंदिरा गांधी, जानिये उनके बारे में सबकुछ

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) कमलनाथ (Kamal Nath) को अपना तीसरा बेटा मानती थीं, जिन्होंने 1979 में मोरारजी देसाई की सरकार से मुकाबले में मदद की थी. 

Kamal Nath Profile: मध्यप्रदेश के नवनियुक्त सीएम कमलनाथ को तीसरा बेटा मानती थीं इंदिरा गांधी, जानिये उनके बारे में सबकुछ
Kamal Nath Profile: मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री होंगे कमलनाथ. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: चुनाव परिणाम के बाद दो दिन तक चली माथापच्ची के बाद कांग्रेस ने आखिरकार कमलनाथ (Kamal Nath) को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री (CM Of Madhya Pradesh) घोषित कर दिया. कमलनाथ राज्य के 18वें मुख्यमंत्री होंगे. मध्यप्रदेश में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच सीएम की रेस थी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने आवास पर राज्य के पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री पद के दोनों दावेदारों कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया को बुलाकर बैठक की. पार्टी विधायकों, नेताओं और कार्यकर्ताओं से रायशुमारी के बाद राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेता कमलनाथ के हाथों मध्यप्रदेश की कमान देने का फैसला लिया.

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यूपी के कानपुर में हुआ कमलनाथ का जन्म
18 नवंबर 1946 को यूपी के कानपुर में जन्मे कमलनाथ ने देहरादून के दून स्कूल के बाद कोलकाता यूनिवर्सिटी के सेंट जेवियर कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई की है. पेशे से बड़े बिजनेसमैन कमलनाथ मध्यप्रदेश में अपनी चार दशक की राजनीति के खुद को बड़ा महारथी साबित करने में सफल साबित हुए हैं. बता दें कि कमलनाथ नेहरू-गांधी परिवार के करीबी रहे हैं. वह संजय गांधी के बचपन के दोस्त और दून स्कूल के दौरान क्लासमेट रह चुके हैं. बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उन्हें अपना तीसरा बेटा मानती थीं, जिन्होंने 1979 में मोरारजी देसाई की सरकार से मुकाबले में मदद की थी. 

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छिंदवाड़ा से लगातार 9 बार सांसद होने का रिकॉर्ड
कमलनाथ लोकसभा के अतिवरिष्ठ सांसदों में शुमार हैं. मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से लगातार नौ बार सांसद होने का रिकॉर्ड कमलनाथ के नाम है. कमलनाथ पहली बार सातवीं लोकसभा यानी 1980 में जीते. वह फिर 1985, 1989 और 1991 में भी जीते. जून 1991 में पहली बार वह केंद्रीय मंत्री बने. उन्हें पर्यावरण और वन मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार का पद मिला.

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यूपीए-2 में भी बने मंत्री
1995 से 1996 में वह केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री रहे. 1998 और 1999 में भी कमलनाथ विजयी रहे. 2001 से लेकर 2004 तक वह कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रहे. 2004 में फिर चुनाव जीते तो मनमोहन सरकार में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री हुए. 2009 तक इस पद रहे. 2009 में फिर से छिंदवाड़ा सीट से जीते तो यूपीए दो सरकार में सड़क परिवहन मंत्री बने.

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2011 में शहरी विकास मंत्री बने
2011 में कैबिनेट रीशफल हुआ तो कमलनाथ को शहरी विकास मंत्री बनाया गया. अक्टूबर 2012 में कमनाथ को संसदीय कार्यमंत्री की अतिरिक्त जिम्मेदारी मिली. 2012 में कांग्रेस ने कमलनाथ को प्रणब मुखर्जी की जगह यूपीए की ओर से एफडीआई की डिबेट में हिस्सा लेने का मौका दिया था. वजह कि खुद व्यापार से जुड़ा होने के कारण कमलनाथ व्यापारिक मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं.

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गांधी परिवार के नजदीकी रहे हैं कमलनाथ
नेहरू-गांधी परिवार के करीबी रहे हैं. संजय गांधी के बचपन के दोस्त और दून स्कूल के दौरान क्लासमेट रहे हैं. कमलनाथ द इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नॉलजी ए मैनेजमेंट इंस्टीट्यूशन के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष रहे हैं. सितंबर 2011 में कमलनाथ को सबसे धनी केंद्रीय मंत्री घोषित हुए. उनके पास 2.73 बिलियन यानी दो अरब 73 करोड़ रुपये की संपत्ति रही. पीपीपी मॉडल और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, वर्ल्ड मार्केट को लेकर गहरी जानकारी रखते हैं. 2011 में दवोस में हुई वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम में कमलनाथ अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं.

VIDEO: कमलनाथ बने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री

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