हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह कैराना से चुनावी मैदान में हैं.
नई दिल्ली:
पश्चिमी यूपी के आठ जिलों में 11 फरवरी को मतदान होने जा रहा है. ये जिले मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, हापुड़, गाजियाबाद, शामली और मुजफ्फरनगर हैं. मेरठ-सहारनपुर मंडल के इन जिलों की आबादी के लिहाज से देखा जाए तो तीन जातियों का वर्चस्व है. इस इलाके की सर्वाधिक आबादी मुस्लिमों की है जोकि कुल जनसंख्या का यहां 26 प्रतिशत हिस्सा है. 21 प्रतिशत आबादी के हिसाब से दूसरा स्थान दलितों का है और 17 प्रतिशत के हिसाब से तीसरे स्थान पर जाट हैं. जातीय गणित, वोटबैंक और सियासी रसूख के लिहाज से यहां की पांच हस्तियों का असर इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा है और इस चरण में इन्हीं की सियासी प्रतिष्ठा दांव पर हैं:
अजित सिंह
रालोद नेता. 'गन्ना बेल्ट' के नाम से मशहूर इस क्षेत्र की जाट बहुल सीटों पर खासा प्रभाव है. पिछली बार 46 उम्मीदवारों को खड़ा किया था और पार्टी ने नौ सीटें जीती थीं. 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद परंपरागत जाट-मुस्लिम वोटबैंक दरक गया. लिहाजा 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी का खाता तक नहीं खुला. लेकिन इस बार फिर से अपने खोए सियासी रसूख को वापस पाने की कोशिशों में हैं.
हुकुम सिंह
कैराना से भाजपा सांसद हैं. गुर्जरों में खासा प्रभाव है. पिछले साल कैराना से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा प्रमुखता से हुकुम सिंह ने ही उठाया. अबकी बार बेटी मृगांका सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. इसके चलते विरोध में भतीजा रालोद के टिकट पर इसी सीट से चुनावी मैदान में है.
डॉ संजीव बालियान
मुजफ्फरनगर से बीजेपी के लोकसभा सदस्य हैं और केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री हैं. मुजफ्फरनगर दंगों के बाद ध्रुवीकरण के आरोप लगे.
संगीत सोम
मेरठ की सरधना सीट से बीजेपी के उम्मीदवार हैं. पिछली बार भी इसी सीट से जीते थे. मुजफ्फरनगर दंगों के बाद ध्रुवीकरण के आरोप लगे.
नरेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के दिवंगत नेता महेंद्र सिंह टिकैत के पुत्र हैं. किसानों में जबर्दस्त पैठ है.
अजित सिंह
रालोद नेता. 'गन्ना बेल्ट' के नाम से मशहूर इस क्षेत्र की जाट बहुल सीटों पर खासा प्रभाव है. पिछली बार 46 उम्मीदवारों को खड़ा किया था और पार्टी ने नौ सीटें जीती थीं. 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद परंपरागत जाट-मुस्लिम वोटबैंक दरक गया. लिहाजा 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी का खाता तक नहीं खुला. लेकिन इस बार फिर से अपने खोए सियासी रसूख को वापस पाने की कोशिशों में हैं.
हुकुम सिंह
कैराना से भाजपा सांसद हैं. गुर्जरों में खासा प्रभाव है. पिछले साल कैराना से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा प्रमुखता से हुकुम सिंह ने ही उठाया. अबकी बार बेटी मृगांका सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. इसके चलते विरोध में भतीजा रालोद के टिकट पर इसी सीट से चुनावी मैदान में है.
डॉ संजीव बालियान
मुजफ्फरनगर से बीजेपी के लोकसभा सदस्य हैं और केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री हैं. मुजफ्फरनगर दंगों के बाद ध्रुवीकरण के आरोप लगे.
संगीत सोम
मेरठ की सरधना सीट से बीजेपी के उम्मीदवार हैं. पिछली बार भी इसी सीट से जीते थे. मुजफ्फरनगर दंगों के बाद ध्रुवीकरण के आरोप लगे.
नरेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के दिवंगत नेता महेंद्र सिंह टिकैत के पुत्र हैं. किसानों में जबर्दस्त पैठ है.
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