प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:
यूपी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र एक-दो दिन में जारी होगा. सूत्रों के अनुसार घोषणापत्र को राहुल गांधी की मंजूरी के लिए भेजा गया है. घोषणापत्र में यूपीए की स्कीमों को उत्तर प्रदेश में लागू करने का वादा होगा. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस घोषणापत्र में यूपी को 2020 तक बेमिसाल बनाने का खाका होगा.
इसमें '27 साल, यूपी बेहाल' की जगह 'बेमिसाल होगा उत्तर प्रदेश' का नारा रहेगा. घोषणापत्र में पुलिस अत्याचार के खिलाफ एक स्वतंत्र एजेंसी बनाने का वादा किया जा सकता है. युवाओं को बेहतर अवसर, किसानों को सुरक्षित जीविका, सबको स्वास्थ और सबको शिक्षा देने का वादा भी घोषणापत्र में शामिल होगा. कानून व्यवस्था पर खास जोर देने के लिए हर जिले में महिला पुलिस स्टेशन, पुलिस सुधार के लिए ठोस कदम उठाने और पारदर्शी व्यवस्था जिसके तहत योग्य लोगों का चयन पुलिस सेवाओं में हो, इन वादों को घोषणापत्र में जगह दी जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक पारदर्शी सरकार के लिए मुख्यमंत्री, मंत्रियों और उनके परिजनों की आय और संपत्ति का ब्योरा हर वर्ष सार्वजनिक करने की बात भी घोषणा पत्र में शामिल रहेगी. ई-कोर्ट के लिए व्यवस्था बनाने और न्यायिक व्यवस्था को मज़बूत करने पर भी जोर दिया जाएगा. यूपीए की NAC की तर्ज पर राज्य में स्टेट एडवाइजरी काउंसिल बनाने का जिक्र भी घोषणापत्र में किया जा सकता है.
यूपीए की स्कीम 'शिक्षा का अधिकार' को राज्य में लागू करने और उत्तर प्रदेश स्किल एंड एंप्लॉयमेंट मिशन के तहत 20,00000 युवाओं को अगले 5 साल में ट्रेनिंग और नौकरी दिलाने का वादा किया जाएगा. घोषणा पत्र में यूपीए सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी खाद्य सुरक्षा स्कीम लाने की बात शामिल होगी. इसके अलावा ओबीसी के 27% आरक्षण कोटे के भीतर ही अति पिछड़ों को सब कोटा देने का वादा भी घोषणा पत्र में रह सकता है.
साथ ही घोषणा पत्र में यूपीए सरकार की नीति के तहत सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़े अल्पसंख्यकों को 4.30 % आरक्षण देने का वादा, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक दर्जा कायम रखने के तहत उसे आर्थिक और मदद मुहैया कराने की बात भी शामिल होगी. इस घोषणा पत्र के अलावा कांग्रेस, समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर एक साझा घोषणापत्र भी पेश करेगी.
इसमें '27 साल, यूपी बेहाल' की जगह 'बेमिसाल होगा उत्तर प्रदेश' का नारा रहेगा. घोषणापत्र में पुलिस अत्याचार के खिलाफ एक स्वतंत्र एजेंसी बनाने का वादा किया जा सकता है. युवाओं को बेहतर अवसर, किसानों को सुरक्षित जीविका, सबको स्वास्थ और सबको शिक्षा देने का वादा भी घोषणापत्र में शामिल होगा. कानून व्यवस्था पर खास जोर देने के लिए हर जिले में महिला पुलिस स्टेशन, पुलिस सुधार के लिए ठोस कदम उठाने और पारदर्शी व्यवस्था जिसके तहत योग्य लोगों का चयन पुलिस सेवाओं में हो, इन वादों को घोषणापत्र में जगह दी जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक पारदर्शी सरकार के लिए मुख्यमंत्री, मंत्रियों और उनके परिजनों की आय और संपत्ति का ब्योरा हर वर्ष सार्वजनिक करने की बात भी घोषणा पत्र में शामिल रहेगी. ई-कोर्ट के लिए व्यवस्था बनाने और न्यायिक व्यवस्था को मज़बूत करने पर भी जोर दिया जाएगा. यूपीए की NAC की तर्ज पर राज्य में स्टेट एडवाइजरी काउंसिल बनाने का जिक्र भी घोषणापत्र में किया जा सकता है.
यूपीए की स्कीम 'शिक्षा का अधिकार' को राज्य में लागू करने और उत्तर प्रदेश स्किल एंड एंप्लॉयमेंट मिशन के तहत 20,00000 युवाओं को अगले 5 साल में ट्रेनिंग और नौकरी दिलाने का वादा किया जाएगा. घोषणा पत्र में यूपीए सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी खाद्य सुरक्षा स्कीम लाने की बात शामिल होगी. इसके अलावा ओबीसी के 27% आरक्षण कोटे के भीतर ही अति पिछड़ों को सब कोटा देने का वादा भी घोषणा पत्र में रह सकता है.
साथ ही घोषणा पत्र में यूपीए सरकार की नीति के तहत सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़े अल्पसंख्यकों को 4.30 % आरक्षण देने का वादा, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक दर्जा कायम रखने के तहत उसे आर्थिक और मदद मुहैया कराने की बात भी शामिल होगी. इस घोषणा पत्र के अलावा कांग्रेस, समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर एक साझा घोषणापत्र भी पेश करेगी.
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