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This Article is From Jan 31, 2017

ट्रंप की मुस्लिम देशों के लोगों पर लगाई पाबंदी सही, भारत में भी ऐसा ही होना चाहिए : योगी आदित्यनाथ

ट्रंप की मुस्लिम देशों के लोगों पर लगाई पाबंदी सही, भारत में भी ऐसा ही होना चाहिए : योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ ने कहा, पश्चिमी यूपी में भी हिन्दुओं को वैसे ही डराया जा रहा है, जैसे कश्मीर में डराया जाता था
बुलंदशहर: मुस्लिम-बहुल सात देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर पाबंदी लगाने के चौतरफा आलोचना झेल रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद योगी आदित्यनाथ ने तारीफ की है, और कहा है कि आतंकवाद को रोकने के लिए भारत में भी इसी तरह की कार्रवाई किए जाने की ज़रूरत है. योगी आदित्यनाथ यहीं नहीं रुके, और उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों से हिन्दुओं के 'पलायन' के दावों को सच बताते हुए चेतावनी दी कि जल्द ही यह क्षेत्र भी 'एक और कश्मीर' बन जाएगा.

बुलंदशहर में एक रैली को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उठाए कदमों का ज़िक्र करते हुए कहा, "इस देश में भी आतंकवाद पर काबू पाने के लिए ऐसी ही कार्रवाई किए जाने की ज़रूरत है..."

गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सांसद ने यह आरोप भी लगाया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी हिन्दुओं को बिल्कुल उसी तरह आतंकित किया जा रहा है, जिस तरह 'कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों को डराकर घाटी से भाग जाने के लिए मजबूर किया गया था...' उन्होंने कहा कि मुज़फ्फरनगर, बागपत, मेरठ और गाज़ियाबाद में हालात खासतौर से खराब हैं. योगी आदित्यनाथ ने इन हालात के लिए सत्तासीन समाजवादी पार्टी (एसपी) और पूर्व मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की नीतियों को दोषी ठहराया.

लोकसभा सांसद ने कहा, "जो कुछ 1990 में कश्मीर में हुआ था, वही यूपी में होने जा रहा है..."

योगी आदित्यनाथ ने कहा, "बीजेपी आइंदा ऐसा नहीं होने देने के प्रति कटिबद्ध है... हम कश्मीर घाटी को खो चुके हैं, लेकिन हम पश्चिमी उत्तर प्रदेश को दूसरा कश्मीर नहीं बनने दे सकते..."

पिछले साल बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने आरोप लगाया था कि हिन्दू परिवार वर्ष 2013 में हुए दंगों के बाद धमकियों और हमलों की वजह से मुस्लिम-बहुल कैराना को छोड़कर जा रहे हैं, और उन्होंने 300 से ज़्यादा परिवारों की सूची भी जारी की थी, जो कथित रूप से इलाका छोड़कर चले गए हैं.

एसपी तथा बीएसपी - दोनों ने इस दावे को खारिज करते हुए इसे इलाके में वोटों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश बताया था.

कैराना इलाका मुज़फ्फरनगर जिले का ही हिस्सा है, और लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर बसा है. गौरतलब है कि सितंबर, 2013 में हुए दंगों के दौरान मुज़फ्फरनगर में 60 से ज़्यादा लोग मार डाले गए थे, और हज़ारों लोग बेघर हो गए थे. हालांकि बीजेपी सांसद अपने दावे को प्रमाणित नहीं कर पाए थे, लेकिन पार्टी ने उत्तर प्रदेश के लिए जारी अपने चुनावी घोषणापत्र, यानी मैनिफेस्टो में कैराना को भी शामिल किया है.

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा था, "सांप्रदायिक तनाव की वजह से लोगों के इलाका छोड़कर जाने के लिए जिलाधिकारियों को जवाबदेही करनी होगी..." उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ऐसी टीमों का गठन करेगी, जो इस 'पलायन' को रोकने में मदद कर सके. अमित शाह ने कहा था कि बीजेपी को यकीन है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम-बहुल इलाकों से हिन्दू परिवारों के पलायन की ख़बरें सही हैं.

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