नई दिल्ली:
असम में लगातार 15 वर्षों तक सत्ता में रही कांग्रेस के बारे में हिमंत विस्व शर्मा का कहना है कि इस चुनावी नतीजे से पार्टी को अब परेशान नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही इस पूर्व कांग्रेसी नेता ने आरोप लगाया कि दो साल पहले जब उन्होंने पार्टी में जारी अंदरूनी खींचतान के बारे में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सचेत किया था तो उनका बस यही जवाब था, 'तो क्या हुआ'।
कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हो चुके शर्मा का कहना है कि उस बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष वहां मौजूद लोगों की बात सुनने की बजाए 'अपने कुत्ते के साथ ही खेलने में व्यस्त' थे।
असम में बीजेपी को मिली शानदार जीत का श्रेय शर्मा को भी दिया जा रहा है, जिसने पार्टी के लिए उत्तर पूर्व का एक द्वार खोल दिया है। एक बेहतरीन चुनावी रणनीतिकार माना जाने वाले शर्मा ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, 'आज का दिन मेरे लिए व्यक्तिगत उपलब्धि वाला रहा, क्योंकि दो साल पहले मैंने राहुल गांधी से कह दिया था कि अगर आप इसी तरह चलते रहे तो कांग्रेस 25 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी।'
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस को यह मानना होगा कि मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर उसका कोई भविष्य नहीं, जबतक कि राहुल गांधी में बदलाव ना हो। वह बड़े ही घमंडी हैं... जब आप उनसे मिलने जाओ, तो मालिक-नौकर जैसा व्यहार होता है, जो कि घृणित है। शर्मा कहते हैं, 'या तो उनको (राहुल गांधी) बदलना होगा, या फिर कांग्रेस को उन्हें बदल देना चाहिए।'
गौरतलब है कि असम में शर्मा को तरुण गोगोई का करीबी सहयोगी माना जाता था और पार्टी में उन्हें गोगोई के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता था। हालांकि गोगोई द्वारा अपने बेटे गौरव गोगोई को तरजीह दिए जाने से दोनों नेताओं में अलगाव शुरू हो गया और कुछ समय बाद वह कांग्रेस छोड़ बीजेपी से शामिल हो गए।
कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हो चुके शर्मा का कहना है कि उस बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष वहां मौजूद लोगों की बात सुनने की बजाए 'अपने कुत्ते के साथ ही खेलने में व्यस्त' थे।
असम में बीजेपी को मिली शानदार जीत का श्रेय शर्मा को भी दिया जा रहा है, जिसने पार्टी के लिए उत्तर पूर्व का एक द्वार खोल दिया है। एक बेहतरीन चुनावी रणनीतिकार माना जाने वाले शर्मा ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, 'आज का दिन मेरे लिए व्यक्तिगत उपलब्धि वाला रहा, क्योंकि दो साल पहले मैंने राहुल गांधी से कह दिया था कि अगर आप इसी तरह चलते रहे तो कांग्रेस 25 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी।'
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस को यह मानना होगा कि मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर उसका कोई भविष्य नहीं, जबतक कि राहुल गांधी में बदलाव ना हो। वह बड़े ही घमंडी हैं... जब आप उनसे मिलने जाओ, तो मालिक-नौकर जैसा व्यहार होता है, जो कि घृणित है। शर्मा कहते हैं, 'या तो उनको (राहुल गांधी) बदलना होगा, या फिर कांग्रेस को उन्हें बदल देना चाहिए।'
गौरतलब है कि असम में शर्मा को तरुण गोगोई का करीबी सहयोगी माना जाता था और पार्टी में उन्हें गोगोई के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता था। हालांकि गोगोई द्वारा अपने बेटे गौरव गोगोई को तरजीह दिए जाने से दोनों नेताओं में अलगाव शुरू हो गया और कुछ समय बाद वह कांग्रेस छोड़ बीजेपी से शामिल हो गए।
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