दिल्ली में चुनाव को ज्यादा वक्त नहीं बचा है। 7 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले सभी पार्टियां अपना पूरा जोर लगा रही हैं, लेकिन जानकार मानते हैं कि दिल्ली में मुकाबला बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच ही है।
सबकी नजर इस बात पर है कि मुस्लिम मतदाता किस पार्टी को वोट देता है। दिल्ली में मुस्लिम मतदाताओं की तादाद करीब 11 फीसदी है, जो दिल्ली की 70 में से आठ सीटों के नतीजों को सीधे तौर पर प्रभावित करने की ताकत रखती है।
सेंट्रल दिल्ली की तीन और ईस्ट दिल्ली की पांच सीटों पर 35 से 40 फीसदी वोटर मुस्लिम हैं। पिछली बार कांग्रेस के आठ विधायकों में से चार विधायक इन्हीं सीटों से जीते थे, लेकिन इस बार कांग्रेस को यह डर सता रहा है कि बीजेपी से सीधे टक्कर में न होने की वजह से कहीं उनका यह वोट बैंक आम आदमी के झोली में न चला जाए।
जहां इस बार कांग्रेस ने 70 में से छह सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है, वहीं आम आदमी पार्टी की टिकट पर पांच मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि बीजेपी ने सिर्फ एक मुसलमान उम्मीदवार को मटिया महल से टिकट दिया है। दिल्ली में मुकाबला कांटे का है, ऐसे में एक-एक वोट सभी पार्टियों के लिए अहमियत रखता है।
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