दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ किए जाने की आशंकाओं को खारिज करते हुए चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा कि मशीन के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।
इस मुद्दे पर चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों से केजरीवाल के मिलने के कुछ ही घंटों बाद आयोग ने एक प्रेस वक्तव्य जारी किया जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि ‘‘उसे ईसीआई-ईवीएम (भारत के चुनाव आयोग द्वारा जारी ईवीएम) में छेड़छाड़ नहीं हो सकने का पूरा विश्वास है और पूरे देश के मतदाताओं को आश्वस्त किया जाता है कि मशीनों का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता।’’
वक्तव्य में कहा गया, ‘‘चुनाव आयोग ईवीएम के काम करने पर किसी भी तरह की शंका को दूर करना चाहेगा। यह दोहराया जाता है कि आयोग ने व्यापक प्रशासनिक कदम और प्रक्रियागत चेक और बैलेंस की व्यवस्था की है। इसका लक्ष्य किसी भी संभावित दुरुपयोग या प्रक्रियागत चूक को रोकना है।’’
उसमें कहा गया कि मतदान केंद्रों पर भेजी जा रही ईवीएम की सूची उम्मीदवारों को जांच के लिए दी जा रही है।
वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘इसके अलावा पोल एजेंटों की मौजूदगी में चुनाव अभ्यास किया जा रहा है, जब पोल एजेंट ईवीएम संख्याओं की जांच कर सकते हैं। चुनाव शुरू होने से पहले एक मॉक पोल सर्टिफिकेट लिया गया है। अभ्यास मतदान के बाद मशीन को शून्य पर वापस सेट किया जाता है और गवर्नमेंट सेक्युरिटी प्रेस में मुद्रित हरे रंग के कागज का सील लगा दिया जाता है।’’
चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों के साथ मुलाकात के बाद केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा था कि चुनाव आयोग ने ईवीएम मशीन के मुद्दे पर हमारी सभी शंकाओं को दूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस्तेमाल किए जा रहे ईवीएम नए हैं और उनसे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। उनकी दोबारा जांच की जाती है।
केजरीवाल ने कल दावा किया था कि दिल्ली कैंट इलाके में इस तरह की मशीनों की जांच के दौरान अनियमितताएं पाई गईं। उन्होंने आरोप लगाया था कि मशीन पर कोई भी बटन दबाने पर भाजपा के ही चुनाव चिह्न पर बत्ती जलती थी।
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