नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शनिवार को शपथ लेने जा रहे आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके रेसकोर्स रोड स्थित आवास पर 'चाय पे चर्चा' के दौरान मुलाकात की। 15 मिनट की इस मुलाकात के दौरान अरविंद ने मोदी को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया, लेकिन प्रधानमंत्री ने पहले से तय कार्यक्रमों के चलते दिल्ली में न होने के कारण खेद जताया।
- 'चाय पे चर्चा' के दौरान अरविंद केजरीवाल के साथ मौजूद रहे आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने बताया, "दुर्भाग्य से प्रधानमंत्री अरविंद जी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे..."
- सिसोदिया ने यह भी कहा, "हमारी प्रधानमंत्री से काफी अच्छी बातचीत हुई... हमने उनसे कहा कि चूंकि केंद्र और दिल्ली, दोनों में बहुमत की सरकारें हैं, इसलिए यह सुनहरा मौका है..."
- वैसे, दिल्ली विधानसभा चुनाव में 'क्लीन स्वीप' करने के बाद से ही अरविंद केजरीवाल ने प्रचार अभियान के दौरान की कड़वी यादों को भुलाकर केंद्र की तरफ हाथ बढ़ाया है, क्योंकि वह भी जानते हैं कि जनता से किए हुए बड़े-बड़े वादे पूरे करने के लिए उन्हें केंद्र के सहयोग की बहुत ज़रूरत होगी।
- मंगलवार को चुनाव जीतने पर जिस वक्त प्रधानमंत्री ने बधाई देने के लिए अरविंद को फोन किया था, उस समय भी उनसे केंद्रीय सहयोग मांगा था, जिस पर पीएम ने पूरे सहयोग का आश्वासन दिया था, तथा 'चाय पे चर्चा' के लिए आमंत्रित किया था।
- नौ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान वाराणसी संसदीय क्षेत्र से अरविंद केजरीवाल को लाखों वोटों के अंतर से हराया था, लेकिन अब दिल्ली के विधानसभा चुनाव में अरविंद की पार्टी ने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी मोदी की पार्टी बीजेपी को लगभग शून्य कर दिया है। दिल्ली के चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने 70 में 67 सीटों पर जजीत हासिल की, जबकि मोदी की पार्टी सिर्फ तीन सीटों पर सिमटकर रह गई।
- शनिवार दोपहर 12 बजे रामलीला मैदान में होने जा रहे अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह के लिए आम आदमी पार्टी सभी केंद्रीय मंत्रियों, दिल्ली के सातों बीजेपी सांसदों तथा मोदी की पार्टी की ओर से उनके खिलाफ मुख्यमंत्री के रूप में उतारी गईं किरण बेदी को आमंत्रित करने जै रही है।
- भले ही वह मुख्यमंत्री पद का कार्यभार शनिवार को संभालेंगे, लेकिन वैसे अरविंद केजरीवाल काम पर अभी से जुट गए हैं। बुधवार को ही उन्होंने दो केंद्रीय मंत्रियों (राजनाथ सिंह तथा वेंकैया नायडू) तथा दिल्ली के मुख्य सचिव से मुलाकात की थी तथा अगले सप्ताह विभिन्न विभागों से प्रेजेंटेशन मांगे हैं।
- जीतने के बाद बिना समय गंवाए अपने शपथ ग्रहण से भी पहले बुधवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह तथा शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मुलाकात के दौरान अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को उठाया।
- वैसे, दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए चले 'कड़वे' प्रचार अभियान के दौरान 'आप' ने बीजेपी की इस बात के लिए काफी आलोचना की थी, कि उसने अपने विज़न डॉक्यूमेंट में से दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को हटा दिया, क्योंकि पिछले चुनावों तक बीजेपी इस मांग को उठाती रही है।
- एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा दिल्ली पुलिस का रहेगा, जो केंद्र सरकार के नियंत्रण में है, क्योंकि दिल्ली की सत्ता पर काबिज रही राजनैतिक पार्टियां इसे हमेशा रोड़ा बताती रही हैं। अरविंद केजरीवाल की पिछली 49 दिन की सरकार भी दिल्ली पुलिस को लेकर केंद्र के साथ भिड़ी थी।
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