नई दिल्ली:
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) एसवाई कुरेशी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती को सरकारी पार्कों में लगीं उनकी और उनकी पार्टी (बसपा) के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियों को ढकने के चुनाव आयोग के आदेश की आलोचना करने से पहले सोच-विचार करना चाहिए।
मायावती और हाथी की मूर्तियों को ढकने के आदेश की मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही आलोचना के बारे में पूछे जाने पर कुरेशी ने कहा, वह वरिष्ठ नेता हैं, मैं क्या कह सकता हूं। उन्हें ऐसा बोलने से पहले सोच-विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए, क्योंकि अन्य राजनीतिक दल भी अपने चुनाव चिह्न को प्रदर्शित करने के लिए सरकारी पार्कों में ऐसे मंच की मांग उठा सकते हैं। उन्होंने सवाल दागा, तब हम उन्हें क्या जवाब देंगे।
कुरेशी ने चुनाव में सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर उपलब्ध कराने पर बल देते हुए कहा, हम मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ दल के नेताओं की तस्वीरें दफ्तरों से हटाने को कहते हैं। यदि वे हटने के लायक नहीं होतीं, तब हम उन्हें ढकने को कहते हैं। उन्होंने कहा, क्या केवल इसलिए किसी राजनीतिक दल के चुनाव चिह्न या उसके नेता की प्रतिमा को नहीं ढका जाए, क्योंकि वे आकार में बड़े और भव्य हैं।
मायावती और हाथी की मूर्तियों को ढकने के आदेश की मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही आलोचना के बारे में पूछे जाने पर कुरेशी ने कहा, वह वरिष्ठ नेता हैं, मैं क्या कह सकता हूं। उन्हें ऐसा बोलने से पहले सोच-विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए, क्योंकि अन्य राजनीतिक दल भी अपने चुनाव चिह्न को प्रदर्शित करने के लिए सरकारी पार्कों में ऐसे मंच की मांग उठा सकते हैं। उन्होंने सवाल दागा, तब हम उन्हें क्या जवाब देंगे।
कुरेशी ने चुनाव में सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर उपलब्ध कराने पर बल देते हुए कहा, हम मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ दल के नेताओं की तस्वीरें दफ्तरों से हटाने को कहते हैं। यदि वे हटने के लायक नहीं होतीं, तब हम उन्हें ढकने को कहते हैं। उन्होंने कहा, क्या केवल इसलिए किसी राजनीतिक दल के चुनाव चिह्न या उसके नेता की प्रतिमा को नहीं ढका जाए, क्योंकि वे आकार में बड़े और भव्य हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं