खास बातें
- उन्होंने कहा कि वह सत्तारूढ़ बसपा का समर्थन नहीं कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री मायावती और बसपा के चुनाव निशान हाथी की मूर्तियों को ढकने का निर्वाचन आयोग का फैसला गलत है।
बरेली: मुसलमानों को आरक्षण सम्बन्धी बयान पर निर्वाचन आयोग से नोटिस पाए केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने बुधवार को आरोप लगाया कि आयोग को चुनाव के ‘बेसिक फंडा’ के बारे में जानकारी नहीं है।
खुर्शीद ने कहा कि जिस ढंग से उन्हें और फरुखाबाद से उनकी कांग्रेस प्रत्याशी पत्नी लुइस खुर्शीद को नोटिस जारी किया गया है, उससे प्रतीत होता है कि आयोग को चुनाव के ‘बेसिक फंडा’ की जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का समर्थन नहीं कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री मायावती और बसपा के चुनाव निशान हाथी की मूर्तियों को ढकने का निर्वाचन आयोग का फैसला भी गलत है।
गौरतलब है कि खुर्शीद द्वारा हाल में फरुखाबाद में अपनी पत्नी तथा कांग्रेस प्रत्याशी लुइस के समर्थन में आयोजित एक चुनावी जनसभा में पिछड़े मुसलमानों को नौ प्रतिशत आरक्षण का वादा किये जाने को आचार संहिता का गम्भीर उल्लंघन मानते हुए आयोग ने उन्हें तथा लुइस को नोटिस जारी करते हुए पूछा था कि क्या ना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
खुर्शीद ने कहा कि देश की कुल आबादी में मुसलमानों की तादाद करीब 18 प्रतिशत है और उन्हें सिर्फ नौ फीसद आरक्षण देने की ही बात कही गयी है।
विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी के भावी भारत दौरे के विरोध के बारे में खुर्शीद ने कहा कि किसी मशहूर व्यक्ति को देश में दाखिल होने से रोकना अपराध है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर मुसलमान रुश्दी के आगमन का विरोध करते हैं तो वह केन्द्र सरकार तक उनका संदेश पहुंचाएंगे।