गोवा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) गठबंधन को सरकार बनाने के लिए बहुमत मिल गया है। राज्य की 40 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा-एमजीपी गठबंधन को 26 सीटें मिली हैं। वहीं, सत्तारूढ़ कांग्रेस तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस के खाते में केवल नौ सीटें गईं। सात सीटों पर अन्य उम्मीदवार विजयी रहे। कांग्रेस के कई दिग्गजों को भी हार का सामना करना पड़ा। इनमें दो पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य के छह मंत्री भी शामिल हैं, जबकि कांग्रेस से जीतने वाले प्रमुख नेताओं में मुख्यमंत्री दिगम्बर कामत तथा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रताप सिंह राणे शामिल हैं।
गोवा विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद भाजपा कार्यालय में जीत का जश्न रहा। नवनिर्वाचित विधायकों, पार्टी कार्यकर्ताओं ने पटाखे छोड़कर और एक-दूसरे को रंग गुलाल लगाकर अपनी खुशी का इजहार किया।
भाजपा के एक कार्यकर्ता रमेश नाइक ने कहा, "यह समय से पहले हमारी होली है। भाजपा ने अपने बलबूते बहुमत हासिल किया। गोवा में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।"
भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार मनोहर पर्रिकर ने कहा, "हमने एक एजेंडा बनाया है, जिसे निर्धारित समय में पूरा किया जाएगा और जिसका वादा हमने चुनाव घोषणा-पत्र में किया था। हम इसे क्रियान्वित करने जा रहे हैं। जैसे कि वादा किया गया था, बजट के तुरंत बाद गोवा में पेट्रोल 55 रुपये प्रति लीटर की दर से बेचा जाएगा।"
गोवा के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत पारसेनकर ने मंदरेम विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज करने के बाद संवाददाताओं से कहा, "भाजपा निश्चित तौर पर राज्य में सरकार बनाएगी। यह लोगों की इच्छा है, जो राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार से आजिज आ चुके हैं। यह गठबंधन हर मोर्चे पर विफल रहा।"
कांग्रेस से हारने वाले प्रमुख उम्मीदवारों में राज्य के गृह मंत्री रवि नाइक (पोंडा) और लोक निर्माण विभाग के मंत्री चर्चिल अलमाओ (नावेलिम) शामिल हैं। दोनों राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। कांग्रेस के पराजित होने वाले अन्य उम्मीदवारों में राज्य के विद्युत मंत्री अलेक्जियो सेक्विरा (नुवेम), शहरी विकास मंत्री जोआक्विम अलमाओ (कुनकोलिम), वन मंत्री फिलीप नेरी (वेलिम) और बाबू अजगांवकर (परनेम) भी शामिल हैं।
राकांपा से दो मंत्री जोस फिलीप डीसुजा (वास्को) और नीलकंठ हलनरकर (थिविम) को भी हार का सामना करना पड़ा। खनन करोबारी अनिल सालगांवकर के बेटे निर्दलीय प्रत्याशी अर्जुन (संवोरदेम) और तृणमूल प्रत्याशी समीर (मंदरेम) को भाजपा के उम्मीदवारों से हार का सामना करना पड़ा।
गोवा विधानसभा चुनाव में पहली बार शिरकत करने वाली तृणमूल कांग्रेस भी अपना खाता खोलने में विफल रही।
कांग्रेस के खाते में केवल नौ सीटें गईं। सात सीटों पर अन्य उम्मीदवार विजयी रहे। कांग्रेस के कई दिग्गजों को भी हार का सामना करना पड़ा। इनमें दो पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य के छह मंत्री भी शामिल हैं, जबकि कांग्रेस से जीतने वाले प्रमुख नेताओं में मुख्यमंत्री दिगम्बर कामत तथा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रताप सिंह राणे शामिल हैं।
गोवा विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद भाजपा कार्यालय में जीत का जश्न रहा। नवनिर्वाचित विधायकों, पार्टी कार्यकर्ताओं ने पटाखे छोड़कर और एक-दूसरे को रंग गुलाल लगाकर अपनी खुशी का इजहार किया।
भाजपा के एक कार्यकर्ता रमेश नाइक ने कहा, "यह समय से पहले हमारी होली है। भाजपा ने अपने बलबूते बहुमत हासिल किया। गोवा में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।"
भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार मनोहर पर्रिकर ने कहा, "हमने एक एजेंडा बनाया है, जिसे निर्धारित समय में पूरा किया जाएगा और जिसका वादा हमने चुनाव घोषणा-पत्र में किया था। हम इसे क्रियान्वित करने जा रहे हैं। जैसे कि वादा किया गया था, बजट के तुरंत बाद गोवा में पेट्रोल 55 रुपये प्रति लीटर की दर से बेचा जाएगा।"
गोवा के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत पारसेनकर ने मंदरेम विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज करने के बाद संवाददाताओं से कहा, "भाजपा निश्चित तौर पर राज्य में सरकार बनाएगी। यह लोगों की इच्छा है, जो राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार से आजिज आ चुके हैं। यह गठबंधन हर मोर्चे पर विफल रहा।"
कांग्रेस से हारने वाले प्रमुख उम्मीदवारों में राज्य के गृह मंत्री रवि नाइक (पोंडा) और लोक निर्माण विभाग के मंत्री चर्चिल अलमाओ (नावेलिम) शामिल हैं। दोनों राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। कांग्रेस के पराजित होने वाले अन्य उम्मीदवारों में राज्य के विद्युत मंत्री अलेक्जियो सेक्विरा (नुवेम), शहरी विकास मंत्री जोआक्विम अलमाओ (कुनकोलिम), वन मंत्री फिलीप नेरी (वेलिम) और बाबू अजगांवकर (परनेम) भी शामिल हैं।
राकांपा से दो मंत्री जोस फिलीप डीसुजा (वास्को) और नीलकंठ हलनरकर (थिविम) को भी हार का सामना करना पड़ा। खनन करोबारी अनिल सालगांवकर के बेटे निर्दलीय प्रत्याशी अर्जुन (संवोरदेम) और तृणमूल प्रत्याशी समीर (मंदरेम) को भाजपा के उम्मीदवारों से हार का सामना करना पड़ा।
गोवा विधानसभा चुनाव में पहली बार शिरकत करने वाली तृणमूल कांग्रेस भी अपना खाता खोलने में विफल रही।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
गोवा, Goa, भाजपा, एमजीपी, MGP, BJP, Assembly Elections 2012, Assembly Polls 2012, विधानसभा चुनाव 2012, गोवा चुनाव, Goa Polls