
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि चार राज्यों में विधानसभा चुनावों के परिणाम इस बात की ओर संकेत करते हैं कि लोग मजबूत नेताओं को चाहते हैं।
पवार ने कांग्रेस और उसके अन्य सहयोगी दलों से कहा कि वे चुनाव परिणामों पर चिंतन करें जो कि केंद्र में संप्रग सरकार के खिलाफ लोगों के गुस्से को दर्शाते हैं।
उन्होंने एक बयान में कहा, 'चुनावों में कांग्रेस को धक्का लगा है। कांग्रेस समेत हरेक को और हमें इस पर गंभीरता के चिंतन करना होगा।'
पवार ने चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'इस चुनावी हार में नई पीढ़ी की बड़ी भूमिका है और मतों के जरिये उनका गुस्सा दिखा है।'
उन्होंने ऐसे मजबूत नेताओं की महत्ता पर बल दिया जो शीघ्र निर्णय लेने की क्षमता रखते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'शासक को मजबूत होना चाहिए और वह ऐसा होना चाहिए जो प्रभावी उपाय सुनिश्चित कर सके तथा उसमें लिए गए निर्णयों को लागू करने की क्षमता होनी चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'लोग कमजोर शासकों को पसंद नहीं करते हैं।' उन्होंने कहा कि यदि लोगों को लगता है कि प्रशासक लिए गए निर्णयों को लागू करने में सक्षम नहीं है तो अन्य ताकतें सिर उठाने लगती हैं।
हालांकि पवार ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन यह स्पष्ट है कि वह कांग्रेस के मौजूदा नेतृत्व पर अपने विचार प्रकट कर रहे थे। पवार ने अपनी पार्टी का गठन करने के लिए 1999 में कांग्रेस छोड़ दी थी।
पवार ने कहा, 'इस संदर्भ में इंदिरा गांधी का उदाहरण दिया जा सकता है। वह जोश के साथ निर्णय लागू किया करती थीं। इसलिए उनके कार्यकाल में मुफ्त सलाह देने वाला यह 'झोला' वर्ग (गैर सरकारी संगठनों की पृष्ठभूमि वाले लोग) नहीं था।'
उन्होंने कहा कि 'झोलावाला समूह' नए अव्यावहारिक विचारों को सामने रख रहा है जिसका मीडिया और सरकार में कुछ लोगों पर प्रभाव पड़ रहा है।
पवार ने कहा, 'दिल्ली में निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले के बाद युवा व्याकुल हो गए और उन्होंने बड़े स्तर पर आम आदमी पार्टी का साथ दिया।'
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