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This Article is From Dec 21, 2015

दुती चंद को रियो ओलिंपिक का टिकट रहा साल का सबसे बड़ा आकर्षण

दुती चंद को रियो ओलिंपिक का टिकट रहा साल का सबसे बड़ा आकर्षण
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली: भारतीय एथलेटिक्स के लिए 2015 मिश्रित सफलता भरा रहा, जिसमें 15 एथलीटों का रियो ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करना और युवा धाविका दुती चंद का वैश्विक संस्था आईएएएफ के खिलाफ ऐतिहासिक मामला जीतना आकर्षण रहा। भारत ने अब तक ओलिंपिक की एथलेटिक्स स्पर्धा में कोई पदक नहीं जीता है, लेकिन अब तक 15 खिलाड़ियों के क्वालीफाई करने के साथ अगले साल रियो ओलिंपिक में भारत के ट्रैक एवं फील्ड दल के बड़ा होने की संभावना है।

बीजिंग में अगस्त में भारतीय एथलीटों ने किया थोड़ा निराश
दिग्गज चक्का फेंक खिलाड़ी विकास गौड़ा ने हाल में ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया जब आईएएएफ ने निश्चित संख्या में प्रतिभागी जुटाने के लिए क्वालीफिकेशन स्तर 66 मीटर से घटाकर 65 मीटर कर दिया। गौड़ा ने मई में जमैका अंतरराष्ट्रीय आमंत्रण मीट के दौरान 65.14 मीटर के प्रयास से यह स्तर हासिल किया था।

बीजिंग में अगस्त में हुई विश्व चैम्पियनशिप में हालांकि भारतीय एथलीटों ने निराश किया, जिसमें सिर्फ ललिता बाबर 3000 मीटर स्टीपलचेज में प्रभावी प्रदर्शन करते हुए आठवें स्थान पर रहीं और इस दौरान नौ मिनट 27.86 सेकेंड का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।

गौड़ा ने तीसरी बार विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाई
अमेरिका में रह रहे गौड़ा ने तीसरी बार विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाई, लेकिन 63.84 मीटर के निराशाजनक प्रदर्शन के साथ नौवें स्थान पर रहे। चीन के ही वुहान में हालांकि विश्व चैम्पियनशिप से दो महीने पहले हुई एशियाई चैम्पियनशिप में भारतीयों ने बेहतर प्रदर्शन किया। भारतीय टीम चार स्वर्ण पदक के साथ कुल 13 पदक के साथ तीसरे स्थान पर रही जो 2007 के बाद उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इस स्पर्धा में भारत के लिए इंदरजीत सिंह (गोला फेंक), गौड़ा, ललिता और टिंटू लुका (800 मीटर) ने स्वर्ण पदक जीते। मैदान के बाहर दुती का मामला छाया जिन्होंने आईएएएफ की हाइपरएंड्रोगेनिज्म नीति के खिलाफ सफलतापूर्वक अपना मामला लड़ा। इस नीति के तहत उन महिलाओं को प्रतिस्पर्धा की इजाजत नहीं मिलती, जिनमें पुरुष हारमोन का स्तर स्वीकृत सीमा से अधिक है।

दुती को लगभग एक साल के ब्रेक दोबारा करियर की अनुमति
एंड्रोजन का स्तर अधिक होने के कारण राष्ट्रमंडल खेल 2014 की टीम में जगह नहीं पाने वाली दुती ने आईएएएफ की नीति के खिलाफ खेल पंचाट में अपील थी। स्विट्जरलैंड स्थित खेल पंचाट ने इसके बाद अंतिम फैसला लिए जाने तक आईएएएफ की हाइपरएंड्रोगेनिज्म नीति को दो साल के लिए निलंबित कर दिया और दुती को लगभग एक साल के ब्रेक के बाद अपना एथलेटिक्स करियर दोबारा शुरू करने की स्वीकृति दी।

वैश्विक संस्था में भारत को महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व मिला जब भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष आदिले सुमारिवाला को विश्व चैम्पियनशिप से पहले हुए चुनाव में इसका सदस्य चुना गया। पूर्व ओलिंपिक चैम्पियन सबेस्टियन को को इस चुनाव में अध्यक्ष चुना गया। आईएएएफ प्रमुख बनने के एक महीने के भीतर को सदस्य देश के अपने पहले दौरे पर भारत आए। इस बीच राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के दागी अधिकारी ललित भनोट को जून में एशियाई एथलेटिक्स संघ (एएए) का उपाध्यक्ष चुना गया।

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