बाबू बजरंगी की तस्वीर
- उम्रकैद की सजा काट रहे नेता बाबू बजरंगी की एक सप्ताह की जमानत
- साबरमती केंद्रीय कारागार में कैद बजरंगी ने 30 दिनों के लिए जमानत मांगी थी
- अगस्त 2012 में बजरंगी को मृत्यु तक उम्रकैद की सजा सुनाई थी
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अहमदाबाद:
गुजरात उच्च न्यायालय ने 2002 नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में मौत तक उम्रकैद की सजा काट रहे बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी की एक सप्ताह की जमानत आज मंजूर कर ली. न्यायमूर्ति बी एन करिया ने बजरंगी को अपनी बीमार पत्नी से मिलने के लिए अस्थायी राहत दी. बजरंगी ने अपनी याचिका में कहा कि उसकी पत्नी अस्पताल में है और उसके गर्भाशय में ट्यूमर का जल्द ही ऑपरेशन होगा. उसने अदालत को बताया कि इस स्थिति में उसकी मौजूदगी जररी है.
यहां साबरमती केंद्रीय कारागार में कैद बजरंगी ने 30 दिनों के लिए जमानत मांगी थी. एक विशेष अदालत ने नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में अगस्त 2012 में बजरंगी को मृत्यु तक उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इस नरसंहार में 97 लोग मारे गए थे जिनमें ज्यादा अल्पसंख्यक समुदाय के थे. इसी अदालत ने पूर्व मंत्री माया कोडनानी को 28 वर्ष की जेल की सजा सुनाई थी.
यहां साबरमती केंद्रीय कारागार में कैद बजरंगी ने 30 दिनों के लिए जमानत मांगी थी. एक विशेष अदालत ने नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में अगस्त 2012 में बजरंगी को मृत्यु तक उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इस नरसंहार में 97 लोग मारे गए थे जिनमें ज्यादा अल्पसंख्यक समुदाय के थे. इसी अदालत ने पूर्व मंत्री माया कोडनानी को 28 वर्ष की जेल की सजा सुनाई थी.
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