पिछले दिनों दिल्ली से सटे नोएडा में अफ्रीकी छात्रों पर हुए हमले ने एक बार फिर भारत में नस्लवाद के मुद्दे को चर्चा में ला दिया है. यह काफी नहीं था कि इस मामले पर अंतरराष्ट्रीय चैनल अल जज़ीरा से बात करते हुए बीजेपी के पूर्व सांसद तरुण विजय ने कह दिया कि 'अगर हम भारतीय नस्लभेदी होते तो दक्षिण भारतीयों के साथ कैसे रहते.' यह विडंबना ही है कि भारत में नस्लभेद की समस्या पर बात करते हुए खुद सांसद ही एक नस्लभेदी टिप्पणी कर बैठे.
ऐसे में जब पूरे भारत में रंग और नस्लभेद को लेकर चर्चा चल रही है, तब एक व्यंग्य भरे लहज़े में नागालैंड की रहने वाली मेरेनला इमसोंग ने एक वीडियो बनाया है जिसमें उन्होंने उत्तर भारतीयों की उस घिसी-पिटी आदत पर तंज कसा है जिसके तहत वह उत्तर पूर्वी लोगों के रूप रंग और बोलने के लहज़े को लेकर पूर्वाग्रह रखते हैं और कई बार उनका मज़ाक भी बना देते हैं.
दिलचस्प यह है कि मेरनला ने इस वीडियो में रंग भेद करने वालों को उन्हीं की कड़वी दवा चखाई है. उत्तर पूर्वी लोगों को लेकर एक ढर्रे की राय कायम रखने वालों के लिए मेरेनला ने वही सब बात कही हैं (तंज कसते हुए) जो अक्सर भारत के पूर्वी राज्यों में रहने वाले लोगों को सुनने को मिलती हैं.
इस वीडियो को एक लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है और ज्यादातर इसमें कही गई बात से सहमति दिखाई गई है. मेरेनला ने अपने वीडियो के जरिए बताना चाहा है कि जिस तरह उत्तर पूर्वी लोगों को लेकर बिना सोचे समझे राय कायम कर ली जाती है, उसी तरह अगर उत्तर भारत के सभी लोगों के रूप, रंग और स्वभाव को लेकर एक जैसी राय बना ली जाए तो आप पर क्या बीतेगी..
क्या आप भी इस वीडियो से सहमत हैं. अपनी राय कमेंट बॉक्स में लिखें...
ऐसे में जब पूरे भारत में रंग और नस्लभेद को लेकर चर्चा चल रही है, तब एक व्यंग्य भरे लहज़े में नागालैंड की रहने वाली मेरेनला इमसोंग ने एक वीडियो बनाया है जिसमें उन्होंने उत्तर भारतीयों की उस घिसी-पिटी आदत पर तंज कसा है जिसके तहत वह उत्तर पूर्वी लोगों के रूप रंग और बोलने के लहज़े को लेकर पूर्वाग्रह रखते हैं और कई बार उनका मज़ाक भी बना देते हैं.
दिलचस्प यह है कि मेरनला ने इस वीडियो में रंग भेद करने वालों को उन्हीं की कड़वी दवा चखाई है. उत्तर पूर्वी लोगों को लेकर एक ढर्रे की राय कायम रखने वालों के लिए मेरेनला ने वही सब बात कही हैं (तंज कसते हुए) जो अक्सर भारत के पूर्वी राज्यों में रहने वाले लोगों को सुनने को मिलती हैं.
इस वीडियो को एक लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है और ज्यादातर इसमें कही गई बात से सहमति दिखाई गई है. मेरेनला ने अपने वीडियो के जरिए बताना चाहा है कि जिस तरह उत्तर पूर्वी लोगों को लेकर बिना सोचे समझे राय कायम कर ली जाती है, उसी तरह अगर उत्तर भारत के सभी लोगों के रूप, रंग और स्वभाव को लेकर एक जैसी राय बना ली जाए तो आप पर क्या बीतेगी..
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