मोदी द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए 27 और 28 अप्रैल को वुहान शहर में शिखर बैठक करेंगे.
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए 27 और 28 अप्रैल को वुहान शहर में शिखर बैठक करेंगे. राष्ट्रपति शी के आमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य चीनी शहर वुहान जा रहे हैं. सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी के बीच की शिखर वार्ता को अनौपचारिक कहा गया है. ये मौक़ा दोनों देशों के प्रमुखों के बीच अनौपचारिक सीधी आपसी बातचीत का होगा.
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वुहान शहर में पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी प्रेसिडेंट शी चिनफिंग की मुलाकात होगी. वुहान शहर चिनफिंग के लिए बहुत खास है क्योंकि यहीं से उनको राजनीति में आने का मौका मिला. आइए जानते हैं वुहान शहर के बारे में वो खास बातें जो बहुत कम लोग जानते हैं...
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* इस शहर में सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी का भी सेंटर है. कम्यूनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओ जेदोंग का शहर है. यहीं उन्होंने 1949 में पार्टी की स्थापना की थी. यहीं माओ का बंगला है. सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी और चिनफिंग की मुलाकात इस बंगले में होगी.
* 1949 से लेकर साल 1976 (निधन तक) तक माओ ने पार्टी को संभाला. वुहान में कोई भी सम्मेलन हो वो राष्ट्रपति शी के लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि माओ के बाद उन्हें ही सबसे शक्तिशाली नेता माना जाता है.
* वुहान भारत में चीन के राजदूत ल्यू झाओहुई का भी घर है. उन्होंने इस बात की जानकारी ट्विटर पर दी. उन्होंने कहा- ''ये मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चिनफिंग के बीच एतिहासिक मुलाकात उनके गृहनगर में हो रही है.''
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वुहान शहर में पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी प्रेसिडेंट शी चिनफिंग की मुलाकात होगी. वुहान शहर चिनफिंग के लिए बहुत खास है क्योंकि यहीं से उनको राजनीति में आने का मौका मिला. आइए जानते हैं वुहान शहर के बारे में वो खास बातें जो बहुत कम लोग जानते हैं...
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* वुहान शहर चीन के बीचोंबीच है, इसलिए इस शहर को चीन का दिल कहा जाता है. ये शहर हुबेई प्रांत में स्थित है. पीएम मोदी से पहले ये शहर कई विदेशी नेताओं की मेजबानी कर चुका है. इससे पहले पीएम मोदी जब चीन गए थे तो शी चिनफिंग के गृह नगर शियान में दोनों की मुलाकात हुई थी.
* इस शहर में सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी का भी सेंटर है. कम्यूनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओ जेदोंग का शहर है. यहीं उन्होंने 1949 में पार्टी की स्थापना की थी. यहीं माओ का बंगला है. सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी और चिनफिंग की मुलाकात इस बंगले में होगी.
* 1949 से लेकर साल 1976 (निधन तक) तक माओ ने पार्टी को संभाला. वुहान में कोई भी सम्मेलन हो वो राष्ट्रपति शी के लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि माओ के बाद उन्हें ही सबसे शक्तिशाली नेता माना जाता है.
* वुहान भारत में चीन के राजदूत ल्यू झाओहुई का भी घर है. उन्होंने इस बात की जानकारी ट्विटर पर दी. उन्होंने कहा- ''ये मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चिनफिंग के बीच एतिहासिक मुलाकात उनके गृहनगर में हो रही है.''
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