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This Article is From Oct 02, 2018

खुले में शौच की चुनौती से जल्द पार पा लेगा भारत, WHO बोला- पीएम नरेंद्र मोदी ने लाखों लोगों की जिंदगी बनाई बेहतर

खुले में शौच की समस्या से निपटने में करीब 90 देशों की प्रगति बेहद धीमी है, जबकि भारत ने इस चुनौती से निपटने के अपने प्रयास को उच्च स्तर पर पहुंचा दिया है.

खुले में शौच की चुनौती से जल्द पार पा लेगा भारत, WHO बोला- पीएम नरेंद्र मोदी ने लाखों लोगों की जिंदगी बनाई बेहतर
Switzerland, Geneva: खुले में शौच की समस्या से निपटने में करीब 90 देशों की प्रगति बेहद धीमी है, जबकि भारत ने इस चुनौती से निपटने के अपने प्रयास को उच्च स्तर पर पहुंचा दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) की रिपोर्ट में सोमवार को यह बातें कही गई.

स्वच्छता और स्वास्थ्य पर पहले वैश्विक दिशा-निर्देश को जारी करते हुए डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 2030 तक दुनिया सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज के लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएगी, जहां दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति की पहुंच बुनियादी शौचालय तक हो, जो मल-मूत्र को सुरक्षित ढंग से समाविष्ट कर सके.

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यह तब तक पूरा नहीं होगा, जब तक कि इससे जूझ रहे देश व्यापक नीति नहीं बनाते हैं और इसमें निवेश नहीं बढ़ाते हैं. डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वच्छ भारत अभियान तेजी से बढ़ रहा है, जिससे तहत लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए मूलभूत स्वच्छता की सुविधा तेजी से पहुंचाई जा रही है.

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दुनिया भर में 2.3 अरब लोग शौचालय की बुनियादी स्वच्छता की सुविधा से वंचित हैं और इसमें से करीब आधे लोगों को खुले में शौच करना पड़ता है. 

(इनपुट-आईएएनएस)

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