बेंगलुरु की एक महिला (Bengaluru woman) सौम्या पी ने बिग बिलियन डेज़ सेल (Big Billion Days sale) के दौरान एक शैम्पू के लिए मैक्सिमम रिटेल प्राइस (एमआरपी) से दोगुना शुल्क वसूले जाने के बाद ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट (Flipkart) पर मुकदमा दायर किया था. उपभोक्ता अदालत (Consumer Court) ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया, अनुचित व्यवहार के लिए फ्लिपकार्ट की आलोचना की और उसे मुआवजे के रूप में 20,000 रुपए देने का आदेश दिया.
सेल्स ऐड्स से प्रभावित होकर, सौम्या पी ने PhonePe के जरिए ₹191 में पतंजलि केश कांति प्रोटीन हेयर क्लींजर का ऑर्डर दिया. 10 अक्टूबर, 2019 को प्रोडक्ट मिलने पर, उसे एहसास हुआ कि एमआरपी ₹ 95 थी, जो चार्ज की गई कीमत से काफी कम थी. उसी शैम्पू को फ्लिपकार्ट ऐप पर ₹ 140 में लिस्ट किया गया था, शिपिंग के लिए एक्स्ट्रा ₹ 99 रुपए जोड़ों गए. यह सौम्या की तरफ से पे की गई कीमत और प्रोडक्ट लेबल पर एमआरपी से काफी अलग था. फ्लिपकार्ट के कस्टमर सर्विस से मिले जवाब से निराश सौम्या ने उचित समाधान पाने के लिए कानूनी कार्रवाई का रास्ता चुना.
कंज्यूमर फोरम का फैसला
अपने फैसले में, उपभोक्ता फोरम ने फ्लिपकार्ट के खिलाफ फैसला सुनाया और उन्हें मैक्सिमम रिटेल प्राइस (एमआरपी) से ऊपर एक शैम्पू की बोतल बेचने के लिए अनुचित ट्रेड प्रैक्टिस का दोषी पाया. फैसले में फोरम ने कहा, ₹96 का रिफंड, शैम्पू के लिए ली गई अतिरिक्त राशि. सेवा में कमी के लिए सौम्या को ₹10,000 का मुआवजा. साथ ही अनुचित ट्रेड प्रैक्टिस के लिए अतिरिक्त ₹ 5,000 का जुर्माना. इसके अलावा सौम्या के अदालती खर्चों को कवर करने के लिए 5,000 रुपए का मुआवजा दिया जाए.
अधिकतम खुदरा मूल्य क्या है?
अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) उच्चतम कानूनी मूल्य है जिस पर कोई उत्पाद उपभोक्ताओं को बेचा जा सकता है. इसमें सभी कर शामिल हैं और यह निर्माता या वितरक द्वारा निर्धारित किया जाता है. रिटेलर्स को एमआरपी से अधिक कीमत वसूलने की अनुमति नहीं है.
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