आज के समय में कई लोग ऐसे हैं, जो अपने समय को बचाने के लिए हवाई यात्रा करते हैं और एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते हैं. आपने भी कई बार एयरप्लेन से ट्रैवल किया होगा, लेकिन क्या कभी आपने इस बात पर ध्यान दिया है कि हम भले ही डोमेस्टिक फ्लाइट लें या इंटरनेशनल फ्लाइट लें, इसमें बोर्डिंग बाई तरफ से ही होती है. यानी कि पैसेंजर चढ़ते और उतरते बाई तरफ से ही है, जबकि ट्रेनों में देखा जाता है कि दाएं और बाएं दोनों तरफ दरवाजे होते हैं, तो क्या आपने सोचा है कि इसके पीछे का कारण क्या है आइए हम आपको बताते हैं.
नाव से जुड़ा है प्लेन बोर्डिंग का कनेक्शन
न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, हाल ही में एक फेमस टिकटॉकर डौगी शार्प ने इस बात पर जोर दिया कि प्लेन में हमेशा बाईं ओर से ही बोर्डिंग क्यों होती है? दरअसल, इसका कनेक्शन तब से चला आ रहा है जब इंसान नाव से सफर करता था. जी हां, डौगी शार्प ने हाल ही में एक वीडियो में कहा है कि नाव में लोग जब पहले सफर करते थे, तो बाई तरफ से ही यात्री चढ़ते और उतरते थे और माल की लोडिंग और अनलोडिंग भी इसी ओर से होती थी, जिसे पोर्ट साइड कहा जाता है. वहीं, नाव के राइट साइड को स्टार बोर्ड कहते हैं. दरअसल, ऐसा करने से लॉजिस्टिक्स आसान होती थी और लोग भी आसानी से चढ़ और उतर सकते थे, इसलिए सदियों से यही कॉन्सेप्ट चला आ रहा है.
समय बदला लेकिन तरीका नहीं
जब लोग नाव से सफर किया करते थे तब भी लोग बाई तरफ से ही नाव में चढ़ते और उतरते थे. समय बदला, मोड ऑफ ट्रांसपोर्टेशन बदला, लोग पानी के जहाज के जगह हवाई जहाज का सफर करने लगे. लेकिन कॉन्सेप्ट आज भी वैसा का वैसा ही बना हुआ है. आज भी कितनी ही डोमेस्टिक या इंटरनेशनल फ्लाइट्स क्यों ना हो इसमें बोर्डिंग बाई ओर से ही की जाती है और यही से ही सामान की लोडिंग और अनलोडिंग भी होती है. तो अगली बार जब आप एयरप्लेन का सफर करने जाएं तो इस बात का ध्यान जरूर रखें कि इसमें बाई ओर से ही बोर्डिंग क्यों की जाती है और इसका कनेक्शन किस तरह से नाव के सफर से जुड़ा हुआ है.
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