प्रतीकात्मक तस्वीर
वॉशिंगटन:
यदि आपको हिंसक वीडियो गेम खेलना पसंद है तो सावधान हो जाइए। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे आपका गुस्सा और आक्रामकता बढ़ सकती है और आप असंवेदनशील बन सकते हैं।
अनुसंधानकर्ताओं ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि हिंसक वीडियो गेम खेलने वालों में आक्रामकता बढ़ जाती है लेकिन इस बात के पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि इसका संबंध आपराधिक हिंसा या अपराध बढ़ने से हैं या नहीं।
अमेरिकन साइकोलॉजी एसोसिएशन (एपीए) की नई रिपोर्ट के अनुसार, अनुसंधान दर्शाता है कि हिंसक वीडियो गेम के इस्तेमाल और आक्रामकता बढने एवं संवेदनशीलता कम होने के बीच सीधा संबंध है।
इस पर काम करने वाली टीम के अध्यक्ष मार्क अप्पेलबौम ने कहा, ‘वैज्ञानिकों ने पिछले दो दशक से अधिक समय से हिंसक वीडियो गेमों के इस्तेमाल पर अनुसंधान किया है लेकिन इस संबंध में बहुत सीमित अनुसंधान किया गया है कि क्या वीडियो गेमों के कारण लोगों में आपराधिक हिंसा के कृत्यों को अंजाम की प्रवृत्ति बढ़ती है या नहीं।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति में आक्रामकता या हिंसात्मक व्यवहार को बढ़ाने में किसी एक कारक का हाथ नहीं होता बल्कि ऐसा कई कारकों के कारण होता है। यह अनुसंधान दर्शाता है कि हिंसक वीडियो गेम का इस्तेमाल इनमें से एक फैक्टर है।
अनुसंधानकर्ताओं ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि हिंसक वीडियो गेम खेलने वालों में आक्रामकता बढ़ जाती है लेकिन इस बात के पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि इसका संबंध आपराधिक हिंसा या अपराध बढ़ने से हैं या नहीं।
अमेरिकन साइकोलॉजी एसोसिएशन (एपीए) की नई रिपोर्ट के अनुसार, अनुसंधान दर्शाता है कि हिंसक वीडियो गेम के इस्तेमाल और आक्रामकता बढने एवं संवेदनशीलता कम होने के बीच सीधा संबंध है।
इस पर काम करने वाली टीम के अध्यक्ष मार्क अप्पेलबौम ने कहा, ‘वैज्ञानिकों ने पिछले दो दशक से अधिक समय से हिंसक वीडियो गेमों के इस्तेमाल पर अनुसंधान किया है लेकिन इस संबंध में बहुत सीमित अनुसंधान किया गया है कि क्या वीडियो गेमों के कारण लोगों में आपराधिक हिंसा के कृत्यों को अंजाम की प्रवृत्ति बढ़ती है या नहीं।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति में आक्रामकता या हिंसात्मक व्यवहार को बढ़ाने में किसी एक कारक का हाथ नहीं होता बल्कि ऐसा कई कारकों के कारण होता है। यह अनुसंधान दर्शाता है कि हिंसक वीडियो गेम का इस्तेमाल इनमें से एक फैक्टर है।
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