
भारत के मेट्रो शहरों में मकान मालिकों की कहानियां अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं, जिससे व्यापक बहस छिड़ जाती है. ये पोस्ट अक्सर अनुचित मांगों, जमाराशियों, टूटे हुए समझौतों या बेदखली पर किराएदार-मकान मालिक के विवादों को उजागर करते हैं. अब, हाल ही में एक एक्स यूजर ने एक मकान मालिक की "केवल शाकाहारी" किराएदारों की मांग का स्क्रीनशॉट साझा करके ऑनलाइन चर्चा को फिर से हवा दे दी है. चेन्नई के रहने वाले एक्स यूजर प्रशांत रंगास्वामी ने एक संभावित मकान मालिक से प्राप्त संदेश का स्क्रीनशॉट साझा किया.
मैसेज में लिखा था, "माफ कीजिए सर. मैं सिर्फ़ शाकाहारी फैमिली को ही ढूंढ रहा हूं." श्री रंगास्वामी ने इस पर एक अजीबोगरीब कमेंट किया. उन्होंने लिखा, "चेन्नई में किराए के लिए फ्लैट ढूंढ़ने के लिए नॉन-वेज खाना हानिकारक है." इस पोस्ट ने ऑनलाइन बहस छेड़ दी है, जिसमें कई यूजर्स भोजन के आधार पर भेदभाव पर अपनी निराशा व्यक्त कर रहे हैं.
Eating non veg is injurious to finding flats for rent in Chennai . pic.twitter.com/MyWWYuJ0vB
— Prashanth Rangaswamy (@itisprashanth) June 26, 2025
एक यूजर ने लिखा, "मैं लगभग पूरी ज़िंदगी शाकाहारी रहा हूं. मैंने अपनी पूरी ज़िंदगी यूरोप में मांसाहारी लोगों के बीच गुजारी है. इसलिए, मुझे ऐसे प्रतिबंध बहुत दयनीय लगते हैं. जहां तक मुझे पता है, लोग व्यक्तिगत नैतिकता के साथ खाने के लिए शाकाहारी बनना चुनते हैं."
एक ने लिखा, "समस्या यह है कि केवल शाकाहारी किराएदारों के लिए कई अपार्टमेंट हैं. दूसरों के लिए किराए पर फ्लैट लेना बहुत मुश्किल है. किराए की बात तो भूल ही जाइए, कुछ लोग दूसरों को अपने स्वामित्व वाले फ्लैट खरीदने भी नहीं देते!" दूसरे लिखा, "कुछ लोग जाति या धर्म के आधार पर भी किराएदारों को घर नहीं देते. उदाहरण के लिए, अगर आप मुस्लिम हैं, तो वे बस इतना कहते हैं: माफ़ करें, हम मुसलमानों को किराए पर नहीं देते."
हालांकि, कई यूजर्स ने मकान मालिक के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि मकान मालिकों को यह तय करने का अधिकार है कि उनकी संपत्ति में कौन रहेगा. एक यूजर ने लिखा, "मैं भी नॉनवेज खाता हूं, लेकिन यह उनकी संपत्ति है, इसलिए यह उन पर निर्भर करता है कि वे किसे देना चाहते हैं. अगर वे शाकाहारी हैं और अपनी संपत्ति में नॉनवेज नहीं चाहते हैं, तो यह उनका अधिकार है." एक अन्य ने कहा, हालांकि यह गलत और अतार्किक है, लेकिन फिर भी यह उनका घर है, इसलिए उन्हें अपने किराएदार चुनने का पूरा अधिकार है."
एक ने कहा, "मैं ईमानदारी से इस पर असमंजस में हूं. मेरे कुछ शाकाहारी मित्रों ने मुझे बताया है कि मांस की गंध से उन्हें शारीरिक रूप से बीमार महसूस होता है. मैं किसी को अपने मटन और बीफ़ के बगल में रहने के लिए मजबूर करने की कल्पना नहीं कर सकता, अगर यह वास्तव में उन्हें परेशान करता है. मैं इसे कुछ हद तक समझता हूं."
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