आमतौर पर पक्षियों का खून चूसने वाले पिशाच चमगादड़ इंसानी खून चूसते पाए गए हैं
वाशिंगटन:
माना जाता रहा है कि 'पिशाच चमगादड़' (जिन्हें 'जंगली चमगादड़' तथा 'वैम्पायर चमगादड़' भी कहा जाता है) सिर्फ बड़े आकार के पक्षियों का खून चूसते हैं, लेकिन अब उन्हें पहली बार इंसानों का खून चूसते पाया गया है, जिसकी वजह से विज्ञानियों के मुताबिक, बीमारियों के फैलने की चिंता पैदा हो गई है.
रिसर्च करने वाले एक दल ने उत्तर-पूर्वी ब्राज़ील के कतिम्बऊ नेशनल पार्क में रहने वाले वैम्पायर चमगादड़ों - डी एकाउडेटा - के मल के 70 नमूनों का विश्लेषण किया.
इस विश्लेषण के दौरान रिसर्च करने वालों ने 15 नमूनों के डीएनए का पता लगाने में कामयाबी हासिल की, जिनमें से तीन में मनुष्यों के खून के बारे में पता चला. ब्राज़ील की फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ परनाम्बुको के एनरिको बर्नार्ड ने कहा, "हम आश्चर्यचकित हैं... यह प्रजाति स्तनपायियों का खून चूसने के लिए अनुकूल नहीं थी..."
'न्यू साइंटिस्ट' में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, चमगादड़ अमूमन रात में बड़े आकार के पक्षियों को निशाना बनाते हैं और भोजन के रूप में एक पक्षी से लगभग एक चम्मच खून चूसते हैं. चमगादड़ आमतौर पर पक्षियों के खून में मौजूद वसा को आहार बनाते हैं, और ज़्यादा प्रोटीन वाला मानव रक्त उन्हें रास नहीं आता. हालांकि यह भी कहा गया है कि मनुष्यों के अतिक्रमण के चलते संभवत: उन्होंने अपनी भोजन संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए मनुष्यों के खून के उपयोग की क्षमता विकसित कर ली हो. गौरतलब है कि इस पार्क में अब कई परिवार रहते हैं.
अनुसंधानकर्ताओं ने अधिकतर नमूनों में मुर्गे का खून पाया, जो आमतौर पर इलाके में फार्म में रखे जाते हैं. इस अनुसंधान का प्रकाशन एक्टा किरोपटेरोलॉजिका जर्नल (Journal Acta Chiropterologica) में हुआ है.
रिसर्च करने वाले एक दल ने उत्तर-पूर्वी ब्राज़ील के कतिम्बऊ नेशनल पार्क में रहने वाले वैम्पायर चमगादड़ों - डी एकाउडेटा - के मल के 70 नमूनों का विश्लेषण किया.
इस विश्लेषण के दौरान रिसर्च करने वालों ने 15 नमूनों के डीएनए का पता लगाने में कामयाबी हासिल की, जिनमें से तीन में मनुष्यों के खून के बारे में पता चला. ब्राज़ील की फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ परनाम्बुको के एनरिको बर्नार्ड ने कहा, "हम आश्चर्यचकित हैं... यह प्रजाति स्तनपायियों का खून चूसने के लिए अनुकूल नहीं थी..."
'न्यू साइंटिस्ट' में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, चमगादड़ अमूमन रात में बड़े आकार के पक्षियों को निशाना बनाते हैं और भोजन के रूप में एक पक्षी से लगभग एक चम्मच खून चूसते हैं. चमगादड़ आमतौर पर पक्षियों के खून में मौजूद वसा को आहार बनाते हैं, और ज़्यादा प्रोटीन वाला मानव रक्त उन्हें रास नहीं आता. हालांकि यह भी कहा गया है कि मनुष्यों के अतिक्रमण के चलते संभवत: उन्होंने अपनी भोजन संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए मनुष्यों के खून के उपयोग की क्षमता विकसित कर ली हो. गौरतलब है कि इस पार्क में अब कई परिवार रहते हैं.
अनुसंधानकर्ताओं ने अधिकतर नमूनों में मुर्गे का खून पाया, जो आमतौर पर इलाके में फार्म में रखे जाते हैं. इस अनुसंधान का प्रकाशन एक्टा किरोपटेरोलॉजिका जर्नल (Journal Acta Chiropterologica) में हुआ है.
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