यूनेस्को ने अध्ययन करते हुए जानकारी दी कि 2023 का साल पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक रहा है. युद्ध क्षेत्र में रिपोर्टिंग करने के दौरान कई पत्रकारों की मौत हुई है. टोलो न्यूज़ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान, सीरिया, यूक्रेन और कैमरून में लगभग सभी देशों में दो पत्रकारों की मौत हुई है. यूनेस्को ने इस बात पर चिंता की है. हालांकि, तालिबान ने यूनेस्को पर पलटवार करते हुए कहा है कि अफगानिस्तान में अभी भी एक भी पत्रकार की मौत नहीं हुई है.
तालिबान के वरिष्ठ अधिकारी ज़ैबुल्लाह मुजाहिद ने टोलो न्यूज़ को जानकारी देते हुए कहा है कि विगत वर्ष अफगानिस्तान में किसी भी पत्रकार की मौत नहीं हुई है. इज़रायल में बहुत ही ज्यादा संख्या में पत्रकारों की मौत हुई है. इजरायल जैसे देशों पर सवाल उठता है कि आखिर इतने पत्रकारों की मौत क्यों हुई है? कई पत्रकारों ने कहा है कि तालिबान ने बहुत ही अच्छे से मामले को संभाला है.
अफगानिस्तान पत्रकार संघ के उपाध्यक्ष फरहद बहरोज ने कहा है कि तालिबान अच्छे तरीके से पत्रकारों की देखभाल कर रहा है. उम्मीद है कि 2024 में पत्रकारों के लिए और स्थिति बेहतरीन होगी.
खामा प्रेस ने कहा है कि पाकिस्तान ने कई अफगानियों को अपने देश से बाहर निकाला है, जिनमें लगभग 200 अफगानी पत्रकार होंगे. उनका भविष्य अधर में है.
एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा है कि अफगानिस्तान में जब से तालिबानी सरकार बनी है, तब से महिलाओं और पत्रकारों को और आजादी मिली है. अफगानिस्तानी सरकार की कोशिश है कि देश में भयमुक्त माहौल बना रहे.
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