नई दिल्ली:
देश की राजधानी दिल्ली से सटे गुड़गांव (नया नाम गुरुग्राम) में एक तीन-वर्षीय बच्ची का अंगूठा कथित रूप से एक डे-केयर सेंटर (daycare centre) में इस तरह कुचल गया कि उसे काटकर हाथ से अलग कर देना पड़ा। मामले की जानकारी बच्ची की मां शिवानी शर्मा ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर दी।
शिवानी शर्मा ने डे-केयर सेंटर के मालिक के खिलाफ पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करवाई है, जिसके मुताबिक घटना 28 अप्रैल की है। शिवानी की फेसबुक पोस्ट के अनुसार, वह अपनी बेटी मायरा (Myra) को 'चेरूब एन्जेल' (Cherub Angel) डे-केयर सेंटर में छोड़कर आई थीं, और आधे ही घंटे बाद उन्हें वहां से फोन आया और बताया गया कि 'इमरजेंसी' है। उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी के अंगूठे में चोट लगी है, और वह अस्पताल में है। जब वह अस्पताल पहुंचीं तो दिल दहला देने वाली जानकारी उन्हें मिली कि उनकी बेटी का अंगूठा काट देना पड़ा है।
डे-केयर सेंटर ने मां को बताया, हादसा हुआ...
शिवानी ने लिखा, "इसका मतलब है कि उसके अंगूठे का ऊपरी आधा हिस्सा कुचला गया था और काट देना पड़ा... मुझे बताया गया कि एक अन्य बच्चे कार्तिक ने दरवाज़ा बंद कर दिया था, और उसकी अंगुली बीच में आ गई थी..."
"क्या आप मेरी हालत समझ सकते हैं, जब मेरी आंखों के सामने मेरी तीन साल की बच्ची खून बहाती रही... अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन ने बताया कि इस अंगूठे पर घाव को बंद करने के लिए टांके लगाने के अलावा अब कुछ नहीं किया जा सकता... इसका अर्थ यह हुआ कि अब पूरी ज़िन्दगी अब उसके हाथ में पूरा अंगूठा या नाखून रहेगा ही नहीं...
डे-केयर सेंटर ने इलाज का खर्च उठाने की पेशकश की, लेकिन फिर फोन नहीं उठाए...
शिवानी के मुताबिक, 1 मई को डे-केयर सेंटर के मालिकान उनके घर आए, माफी मांगी और बच्ची के इलाज का खर्च उठाने की पेशकश की। लेकिन अब शिवानी का आरोप है कि "उसके बाद न वे कभी मिले, न कभी फोन किया..."
शिवानी का यह भी आरोप है कि जब उन्होंने अपनी बेटी के दूसरे ऑपरेशन का खर्च देने के लिए डे-केयर सेंटर की मालकिन से संपर्क किया, तो वे बहाने बनाने लगीं। उन्होंने शिवानी के कॉल उठाने बंद कर दिए, और बाद में पुलिस में जाने की धमकी भी दी।
शिवानी ने फेसबुक पर लिखा है, "ये लोग इतने निष्ठुर और प्रोफेशनल हैं कि उन्हें भगवान, कानून या समाज से भी डर नहीं लगता..."
डे-केयर सेंटर की मालकिन ने अपना फेसबुक प्रोफाइल और पेज हटाया...
शिवानी की पोस्ट के बाद डे-केयर सेंटर की मालकिन ने अपना फेसबुक प्रोफाइल और पेज हटा दिया (remove) है। शिवानी का कहना है कि वह इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कोशिश करती रहेंगी, और उन्होंने अन्य अभिभावकों को भी ऐसे डे-केयर सेंटरों के खिलाफ चेताया है।
शिवानी शर्मा ने डे-केयर सेंटर के मालिक के खिलाफ पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करवाई है, जिसके मुताबिक घटना 28 अप्रैल की है। शिवानी की फेसबुक पोस्ट के अनुसार, वह अपनी बेटी मायरा (Myra) को 'चेरूब एन्जेल' (Cherub Angel) डे-केयर सेंटर में छोड़कर आई थीं, और आधे ही घंटे बाद उन्हें वहां से फोन आया और बताया गया कि 'इमरजेंसी' है। उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी के अंगूठे में चोट लगी है, और वह अस्पताल में है। जब वह अस्पताल पहुंचीं तो दिल दहला देने वाली जानकारी उन्हें मिली कि उनकी बेटी का अंगूठा काट देना पड़ा है।
डे-केयर सेंटर ने मां को बताया, हादसा हुआ...
शिवानी ने लिखा, "इसका मतलब है कि उसके अंगूठे का ऊपरी आधा हिस्सा कुचला गया था और काट देना पड़ा... मुझे बताया गया कि एक अन्य बच्चे कार्तिक ने दरवाज़ा बंद कर दिया था, और उसकी अंगुली बीच में आ गई थी..."
"क्या आप मेरी हालत समझ सकते हैं, जब मेरी आंखों के सामने मेरी तीन साल की बच्ची खून बहाती रही... अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन ने बताया कि इस अंगूठे पर घाव को बंद करने के लिए टांके लगाने के अलावा अब कुछ नहीं किया जा सकता... इसका अर्थ यह हुआ कि अब पूरी ज़िन्दगी अब उसके हाथ में पूरा अंगूठा या नाखून रहेगा ही नहीं...
डे-केयर सेंटर ने इलाज का खर्च उठाने की पेशकश की, लेकिन फिर फोन नहीं उठाए...
शिवानी के मुताबिक, 1 मई को डे-केयर सेंटर के मालिकान उनके घर आए, माफी मांगी और बच्ची के इलाज का खर्च उठाने की पेशकश की। लेकिन अब शिवानी का आरोप है कि "उसके बाद न वे कभी मिले, न कभी फोन किया..."
शिवानी का यह भी आरोप है कि जब उन्होंने अपनी बेटी के दूसरे ऑपरेशन का खर्च देने के लिए डे-केयर सेंटर की मालकिन से संपर्क किया, तो वे बहाने बनाने लगीं। उन्होंने शिवानी के कॉल उठाने बंद कर दिए, और बाद में पुलिस में जाने की धमकी भी दी।
शिवानी ने फेसबुक पर लिखा है, "ये लोग इतने निष्ठुर और प्रोफेशनल हैं कि उन्हें भगवान, कानून या समाज से भी डर नहीं लगता..."
डे-केयर सेंटर की मालकिन ने अपना फेसबुक प्रोफाइल और पेज हटाया...
शिवानी की पोस्ट के बाद डे-केयर सेंटर की मालकिन ने अपना फेसबुक प्रोफाइल और पेज हटा दिया (remove) है। शिवानी का कहना है कि वह इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कोशिश करती रहेंगी, और उन्होंने अन्य अभिभावकों को भी ऐसे डे-केयर सेंटरों के खिलाफ चेताया है।
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