यह ख़बर 25 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

अन्ना की रसोई ताकि घटे नहीं समर्थकों की ऊर्जा

खास बातें

  • पिछले नौ दिनों से अन्ना हजारे भले ही भूखे हों लेकिन उनके समर्थन में आनेवाले प्रदर्शनकारियों के लिए अन्ना की रसोई का इंतजाम किया गया है।
New Delhi:

पिछले नौ दिनों से अन्ना हजारे भले ही भूखे हों लेकिन उनके समर्थन में आनेवाले प्रदर्शनकारियों के लिए अन्ना की रसोई का इंतजाम किया गया है ताकि उनकी ऊर्जा में कमी नहीं होने पाए। पिछले बारह साल से अमरनाथ यात्रा के दौरान लंगर का आयोजन करने वाले योगेंद्र सिंह, महिंद्र सिंह और उनके ग्यारह अन्य साथियों ने अन्ना हजारे के रामलीला मैदान में आने के दिन ही अन्ना की रसोई की शुरुआत की। योगेंद्र सिंह ने बताया, हम पचास किलो चावल और अन्य खाद्य सामग्रियां लेकर आए थे और आज लोगों ने सहायता स्वरूप इतना कुछ दिया है कि भंडार भर गया है और अब हमें किसी प्रकार की सहायता लेने से मना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पहले दिन जहां दस हजार के करीब लोगों ने अन्ना की रसोई में खाना खाया वहीं आज चालीस हजार लोगों ने लंगर में भोजन किया। रेलवे में काम करने वाले उदित शर्मा और चांदनी चौक में आभूषण की दुकान चलाने वाले अखिलेश वर्मा अन्ना की मुहिम में खाना परोस कर अपना योगदान दे रहे हैं।


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