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This Article is From Apr 12, 2017

चाय बेचने वाले ने बेटी की विदाई पर दिए 1.51 करोड़ रुपए!

चाय बेचने वाले ने बेटी की विदाई पर दिए 1.51 करोड़ रुपए!
रामपुरा गांव में रहने वाले लीलाराम गुर्जर चाय बेचते हैं, लेकिन उन्होंने दो बेटियों की शादी में 1.51 करोड़ रुपए की विदाई दी है.तस्वीर: प्रतीकात्मक
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
राजस्थान के चाय बेचने वाले ने दहेज में दिए 1.51 करोड़
दहेज में इतनी रकम देने का वीडियो हो रहा वायरल
गांव और परिवार के लोग इस घटना पर कुछ नहीं बोल रहे
जयपुर: गरीबी की मिसाल देने के लिए चाय वाले का नाम लिया जाता है. यहां तक की खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कहते रहे हैं कि वे चाय बेचते थे और आज इस पद तक पहुंचे हैं. इन दिनों राजस्थान के कोटपूतली में रहने वाले चाय बेचने वाले की अकूत संपत्ति सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. रामपुरा गांव में रहने वाले लीलाराम गुर्जर चाय बेचते हैं, लेकिन उन्होंने दो बेटियों की शादी में 1.51 करोड़ रुपए की विदाई दी है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद परिवार के पुरुष गांव से बाहर चले गए हैं. एनडीटीवी इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है. साथ ही अब तक किसी सरकारी अधिकारी की ओर से भी इसकी पुष्टि नहीं की गई है.

इस मामले में गांव का कोई भी शख्स कुछ भी बोलने से बच रहा है. विभिन्न मीडिया समूह के पत्रकारों ने जब लीलाराम की पत्नी सुरेशी देवी से इस मामले के बारे में जानने की कोशिश की तो उन्होंने भी इसपर कुछ भी बोलने से मना कर दिया. इलाके में ये भी चर्चा है कि 1.51 करोड़ रुपए की रकम दहेज की रूप में दी गई थी. ये भी कहा जा रहा है कि ये पंच पटेलों ने खड़े होकर बोली लगाकर इतनी बड़ी रकम दहेज में दी.
note
दहेज की रकम 1.51 करोड़ रुपए.

वीडियो के वायरल होने के बाद मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि यह इसे पांच अप्रैल को रामपुरा में बनाया गया था. इसी दिन लीलाराम गुर्जर की दो बेटियों की शादी भी थी. लीलाराम की भिवाड़ी में चाय की दुकान है. इस कहानी में एक पहलू ये भी सामने आ रहा है कि लीलाराम ने उस दिन अपनी सभी छह बेटियों को शादी करना चाहते थे, लेकिन दो केवल बालिग हैं इसलिए उनकी शादी हो पाई.

इस मामले में  एसडीएम सुरेश चौधरी का कहना है कि गांव रामपुरा में 1.51 करोड़ के विदाई मामले की इलाके में चर्चा है. अधिकारियों तक भी बात पहुंच चुकी है. नोटबंदी के बाद इतनी बड़ी रकम का एक साथ जुगाड़ करना आश्चर्य से कम नहीं है. हालांकि जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

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